चंपावत: लॉकडाउन का असर खेल प्रतिभाओं पर भी पढ़ रहा है, जिसके चलते जिले के प्रतिभावान खिलाड़ी नियमित रूप से अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं. बता दें, जिले में पिछले वर्ष 340 खिलाड़ी खेल विभाग के माध्यम से टनकपुर स्टेडियम और लोहाघाट में कराटे एसोसिएशन के माध्यम से नियमित रूप से अभ्यास कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण अब वह अभ्यास भी नहीं कर पा रहे हैं.
वहीं, ताइक्वांडो में गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुकी ज्योति बिष्ट ने बताया कि पिछले 2 महीने से अभ्यास ना होने के कारण वह अपने को खेल में पिछड़ा हुआ महसूस करने लगी हैं. साथ ही बॉक्सिंग की कोचिंग ले रहे हैं प्रकाश सिंह ने बताया कि कोचिंग बंद होने से वह घर में ही अभ्यास कर रहे हैं, लेकिन बिना कोचिंग के मेडल के लिए सोचना व्यर्थ है.
वहीं, कराटे कोच दीपक सिंह ने बताया कि लोहाघाट में 60 से अधिक बच्चे नियमित रूप से कराटे सीखने आते थे, जिसमें 13 बच्चे नेशनल, 8 इंटरनेशनल और 64 स्टेट स्तर पर मेडल ला चुके हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण सभी बच्चों की प्रैक्टिस छूटती जा रही है.
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कराटे एसोसिएशन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बिष्ट ने कहा कि एक तरफ सरकार राज्य में खिलाड़ियों को बढ़ावा देने की बात करती है, लेकिन अभी तक स्टेडियम में कोचिंग नहीं शुरू की गई है, उन्होंने सरकार से खेल प्रतियोगिताओं को प्रारंभ करने और कोचिंग शुरू कराने की मांग की है.
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वहीं, चंपावत क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव नीरज वर्मा ने बताया कि 284 बच्चे नियमित रूप से क्रिकेट की प्रैक्टिस करने आते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण बिल्कुल अभ्यास नहीं हो पा रहा है, जिससे पूर्व में कराया गया अभ्यास व्यर्थ होता नजर आ रहा है. वहीं, उन्होंने बताया की टनकपुर स्टेडियम भी पूरी तरह बंद है, जहां से बच्चों को पूर्व में ही घर भेजा जा चुका है. लॉकडाउन के कारण खेल प्रतिभाओं को तो नुकसान हो रहा है पर जब तक शासन से अग्रिम आदेश नहीं मिलते हैं खेल गतिविधियां संचालित करना संभव नहीं है.