चंपावत: जिला मुख्यालय के निकट चैकुनी बोहरा गांव के युवाओं ने चंद शासकों के समय के नौले (जलकुंड) को खोज निकाला है. चैकुनी गांव में चंद शासकों की समय का शिव मंदिर भी है. मान्यता है कि इस नौले से प्राचीन समय में शिव मंदिर में जलाभिषेक किया जाता था. यह नौला मंदिर से डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर है. जिसे गांव के 35 से 40 युवाओं और ग्रामीणों ने फावड़ा, बेल्चे और गैंती से 8 घंटे की कड़ी मेहनत से खोद कर निकाला है.
गांव के पूर्व प्रधान महेश सिंह ने बताया कि गांव के बुजुर्ग बताते थे कि मंदिर के आसपास एक नौला हुआ करता था, जोकि बहुत समय पहले दब गया था. इस मंदिर से शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता था. जिसके बाद गांव के युवाओं में नौले को खोजने की उत्सुकता जगी. कई जगह छानबीन करने के बाद मंदिर से डेढ़ सौ मीटर खोदने पर नौला होने के सुराग मिले.
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चंपावत जिले में विभिन्न प्राचीन मंदिरों का भ्रमण और शोध करने वाले इतिहासकार प्रशांत जोशी ने बताया कि शिव मंदिर की दीवार में चंद शासक अभयचंद का शाके 1298 अर्थात सन 1376 ईंसवी का नौ पंक्तियों के अभिलेख भी प्राप्त हुए हैं. यह इस क्षेत्र के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है. मंदिर के धार्मिक प्रयोजन एवं अनुष्ठान हेतु इसी पवित्र नौले के जल का प्रयोग होता था, जो लघु देवालय के आकार में बहुत सुंदर तरीके से मंदिर के निकट ही बनाए जाते थे.
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वर्गाकार 3 सोपानों युक्त निर्मित जलकुंड इस नौले में शेष बचा है. नौले से जुड़े अन्य अवशेषों के मिलने की भी पर्याप्त संभावना है. जैसे अभिलेखयुक्त दीवार, नौले के कोष्ठक युक्त दीवार, जिनमें मूर्तियां स्थापित की जाती थी, आमलक, स्तम्भ आदि अभी भी मिल सकते हैं.