चंपावत: ऑल वेदर रोड के चौड़ीकरण में हो रहे पर्यावरणीय नुकसान का आंकलन के लिए टनकपुर से पिथौरागढ़ रोड का निरीक्षण किया गया. सड़क का निरीक्षण उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने किया. वहीं ऑल वेदर रोड के निर्माण में पहले ही 10000 से अधिक पेड़ कट चुके हैं. जबकि अभी बाईपास पर और अधिक पेड़ कटने की संभावना है. साथ ही पत्थरों को वैज्ञानिक तरीके से हटाने के निर्देश दिए गए. वहीं इस पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गंभीर चिंता जताई है.
ऑल वेदर रोड निरीक्षण दौरे पर आए एचपीसी की समिति ने पहाड़ कटिंग और डंपिंग जोनों के ऑब्जर्वेशन के साथ बाईपास की स्थिति का जायजा लिया. ऑब्जर्वेशन के दौरान समिति में शामिल पर्यावरण विशेषज्ञों ने मानक/पर्यावरण नियमों अनुसार निस्तारण न होने, गाइड लाइन का अनुसरण न करने, डंपिंग जोन के इतर भी मलबे का निस्तारण करने और डंपिंग हेतु शार्टकट अपनाने पर नाराजगी जताई.
ये भी पढ़ें: नेशनल हाईवे निर्माण की आड़ में हो रहा था अवैध खनन, चार डंपर समेत पोकलैंड मशीन सीज
समिति ने स्लाइड जोनों के निरीक्षण के साथ संभावित स्लाइड जोन, वैज्ञानिक तरीके से उनका ट्रीटमेंट किए जाने हेतु प्लान, पर्यावरण संरक्षण में कंपनियों का योगदान और भविष्य में पर्यावरण संरक्षण हेतु किए जाने वाले उपायों पर भी प्रशासन, एनएच, कंपनियों के नुमाइंदों से व्यापक चर्चा की. समिति फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के माध्यम से भी स्लाइड जोन, डंपिंग साइड, संभावित स्लाइड जोन और पर्यावरणीय प्रभाव का प्रदर्शन मंत्रालय के समक्ष करेगी.