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कोरोना की मार, स्थानीय फलों को नहीं मिल रहे खरीददार - Crisis on fruit growers in Champawat

चंपावत में फल उत्पादकों के पास भारी मात्रा में पुलम, उलीचा, खुबानी, आडू, काफल और लीची आदि स्थानीय फल मौजूद हैं. लेकिन, कोरोना वायरस की मार और यात्री वाहनों का संचालन बंद होने के कारण फल कारोबारियों को खरीदार नहीं मिल रहे हैं.

फल उत्पादक परेशान
फल उत्पादक परेशान
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Published : Jun 10, 2020, 6:53 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 10:28 PM IST

चंपावत: जिले में कोरोना वायरस की मार ने स्थानीय फल उत्पादकों को भी बेबस कर दिया है. बाजारों में भारी मात्रा में पुलम, उलीचा, खुबानी, आडू, काफल और लीची आदि स्थानीय फल मौजूद हैं. लेकिन, यात्री वाहनों का संचालन बंद होने के कारण फल व्यवसायियों को खरीददार नहीं मिल रहे हैं. इस कारण उनको काफी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है.

गौरतलब है कि, जिला मुख्यालय और आसपास के इलाकों में कम तापमान होने के कारण व्यापक पैमाने पर स्थानीय फलों का उत्पादन किया जाता है. सामान्य दिनों में फल उत्पादकों को चंपावत में ही अपने फलों को खपाने का अवसर मिल जाता था. लेकिन, लॉकडाउन और उसके बाद शुरू हुए अनलॉक-१ में बाजारों में कम खरीददार मिलने से फलों को औने-पौने दामों में बेचना पड़ रहा है. इससे उनका लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है. ऐसे में फल उत्पादकों को भारी नुकसान के साथ ही काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

फल उत्पादक परेशान

पढ़ें- योगी सरकार ने गोवंश रक्षा के अध्यादेश को दी मंजूरी, संत-महात्माओं ने किया स्वागत

फल कारोबारी और उत्पादक कुंदन सिंह बिष्ट, अमरनाथ, लक्ष्मण सिंह, हरीश चंद्र आदि का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के खौफ के कारण लोग फल खरीदने से परहेज कर रहे हैं. इसके साथ ही यात्री वाहनों का न चलना भी व्यवसाय को प्रभावित कर रहा है.

चंपावत: जिले में कोरोना वायरस की मार ने स्थानीय फल उत्पादकों को भी बेबस कर दिया है. बाजारों में भारी मात्रा में पुलम, उलीचा, खुबानी, आडू, काफल और लीची आदि स्थानीय फल मौजूद हैं. लेकिन, यात्री वाहनों का संचालन बंद होने के कारण फल व्यवसायियों को खरीददार नहीं मिल रहे हैं. इस कारण उनको काफी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है.

गौरतलब है कि, जिला मुख्यालय और आसपास के इलाकों में कम तापमान होने के कारण व्यापक पैमाने पर स्थानीय फलों का उत्पादन किया जाता है. सामान्य दिनों में फल उत्पादकों को चंपावत में ही अपने फलों को खपाने का अवसर मिल जाता था. लेकिन, लॉकडाउन और उसके बाद शुरू हुए अनलॉक-१ में बाजारों में कम खरीददार मिलने से फलों को औने-पौने दामों में बेचना पड़ रहा है. इससे उनका लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है. ऐसे में फल उत्पादकों को भारी नुकसान के साथ ही काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

फल उत्पादक परेशान

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फल कारोबारी और उत्पादक कुंदन सिंह बिष्ट, अमरनाथ, लक्ष्मण सिंह, हरीश चंद्र आदि का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के खौफ के कारण लोग फल खरीदने से परहेज कर रहे हैं. इसके साथ ही यात्री वाहनों का न चलना भी व्यवसाय को प्रभावित कर रहा है.

Last Updated : Jun 10, 2020, 10:28 PM IST
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