ETV Bharat / state

पूर्णागिरि मेले पर कोरोना का साया, मेला अग्रिम आदेश तक स्थगित - Champawat District Administration and Temple Committee

कोरोना वायरस का असर उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है. प्रदेश में स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर्स समेत कई संस्थानों को बंद किया जा रहा है. वहीं कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए चंपावत जिले में होने वाले पूर्णागिरि मेले को स्थगित कर दिया गया है. गौरतलब है कि 11 मार्च को ही इस मेले का उद्घाटन हुआ था.

champawat
पूर्णागिरि मेला स्थगित
author img

By

Published : Mar 16, 2020, 9:56 PM IST

चंपावत: कोरोना वायरस को देखते हुए पूर्णागिरि मेले को शासन ने अग्रिम आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. मेले में हर रोज देश-विदेश के हजारों भक्त पहुंचते हैं. जिला प्रशासन और मंदिर समिति की बैठक में लिए यह निर्णय लिया गया. वहीं श्रद्धालुओं को रोकने के लिए यूपी और उत्तराखंड के कई जिला अधिकारियों को शासन से पत्र भेजा जाएगा. साथ ही चंपावत जिले की सीमा पर बैरिकेडिंग लगाकर लोगों को रोका जाएगा.

डीएम एसएन पांडेय ने बताया कि हर सप्ताह मेले को लेकर समीक्षा की जाएगी. कोरोना का संक्रमण कम होने पर शासन को स्थिति से अवगत कराते हुए मेला शुरू करने की सिफारिश की जाएगी. 11 मार्च से शुरू हुए मेले को जिला प्रशासन ने बीच में ही कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर रोक दिया गया है.

पूर्णागिरि मेला स्थगित

सोमवार को जिला प्रशासन और मंदिर कमेटी के बीच बैठक हुई. जिसमें कोरोना वायरस के चलते मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया गया. जिला अधिकारी एसएन पांडे व एसपी लोकेश्वर सिंह ने टैक्सी, मंदिर कमेटी के बीच मेला स्थगित करने को लेकर गहन मंत्रणा की, जिसे शासन से अनुमती प्रदान कर दी गयी है.

ये भी पढ़े: कोरोना का कहर: हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में 31 मार्च तक छुट्टी घोषित

आपको बता दें कि कोरोना वायरस से बचाव और एहतियात बरतते हुए मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. टनकपुर क्षेत्र में मां पूर्णागिरी की पहाड़ी पर हर साल मेला लगता है.

इस बार यह मेला 11 मार्च से शुरू हुआ था जो 97 दिनों तक चलने वाला था. इस मेले में देश के विभिन्न क्षेत्रों से मेला देखने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं. यह उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं. मां पूर्णागिरि धाम 51 शक्तिपीठों में से एक है. मान्यता है कि यहां मां सती की नाभी गिरी थी.

चंपावत: कोरोना वायरस को देखते हुए पूर्णागिरि मेले को शासन ने अग्रिम आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. मेले में हर रोज देश-विदेश के हजारों भक्त पहुंचते हैं. जिला प्रशासन और मंदिर समिति की बैठक में लिए यह निर्णय लिया गया. वहीं श्रद्धालुओं को रोकने के लिए यूपी और उत्तराखंड के कई जिला अधिकारियों को शासन से पत्र भेजा जाएगा. साथ ही चंपावत जिले की सीमा पर बैरिकेडिंग लगाकर लोगों को रोका जाएगा.

डीएम एसएन पांडेय ने बताया कि हर सप्ताह मेले को लेकर समीक्षा की जाएगी. कोरोना का संक्रमण कम होने पर शासन को स्थिति से अवगत कराते हुए मेला शुरू करने की सिफारिश की जाएगी. 11 मार्च से शुरू हुए मेले को जिला प्रशासन ने बीच में ही कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर रोक दिया गया है.

पूर्णागिरि मेला स्थगित

सोमवार को जिला प्रशासन और मंदिर कमेटी के बीच बैठक हुई. जिसमें कोरोना वायरस के चलते मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया गया. जिला अधिकारी एसएन पांडे व एसपी लोकेश्वर सिंह ने टैक्सी, मंदिर कमेटी के बीच मेला स्थगित करने को लेकर गहन मंत्रणा की, जिसे शासन से अनुमती प्रदान कर दी गयी है.

ये भी पढ़े: कोरोना का कहर: हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में 31 मार्च तक छुट्टी घोषित

आपको बता दें कि कोरोना वायरस से बचाव और एहतियात बरतते हुए मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. टनकपुर क्षेत्र में मां पूर्णागिरी की पहाड़ी पर हर साल मेला लगता है.

इस बार यह मेला 11 मार्च से शुरू हुआ था जो 97 दिनों तक चलने वाला था. इस मेले में देश के विभिन्न क्षेत्रों से मेला देखने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं. यह उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं. मां पूर्णागिरि धाम 51 शक्तिपीठों में से एक है. मान्यता है कि यहां मां सती की नाभी गिरी थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.