चंपावत: कोरोना वायरस को देखते हुए पूर्णागिरि मेले को शासन ने अग्रिम आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. मेले में हर रोज देश-विदेश के हजारों भक्त पहुंचते हैं. जिला प्रशासन और मंदिर समिति की बैठक में लिए यह निर्णय लिया गया. वहीं श्रद्धालुओं को रोकने के लिए यूपी और उत्तराखंड के कई जिला अधिकारियों को शासन से पत्र भेजा जाएगा. साथ ही चंपावत जिले की सीमा पर बैरिकेडिंग लगाकर लोगों को रोका जाएगा.
डीएम एसएन पांडेय ने बताया कि हर सप्ताह मेले को लेकर समीक्षा की जाएगी. कोरोना का संक्रमण कम होने पर शासन को स्थिति से अवगत कराते हुए मेला शुरू करने की सिफारिश की जाएगी. 11 मार्च से शुरू हुए मेले को जिला प्रशासन ने बीच में ही कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर रोक दिया गया है.
सोमवार को जिला प्रशासन और मंदिर कमेटी के बीच बैठक हुई. जिसमें कोरोना वायरस के चलते मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया गया. जिला अधिकारी एसएन पांडे व एसपी लोकेश्वर सिंह ने टैक्सी, मंदिर कमेटी के बीच मेला स्थगित करने को लेकर गहन मंत्रणा की, जिसे शासन से अनुमती प्रदान कर दी गयी है.
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आपको बता दें कि कोरोना वायरस से बचाव और एहतियात बरतते हुए मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. टनकपुर क्षेत्र में मां पूर्णागिरी की पहाड़ी पर हर साल मेला लगता है.
इस बार यह मेला 11 मार्च से शुरू हुआ था जो 97 दिनों तक चलने वाला था. इस मेले में देश के विभिन्न क्षेत्रों से मेला देखने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं. यह उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं. मां पूर्णागिरि धाम 51 शक्तिपीठों में से एक है. मान्यता है कि यहां मां सती की नाभी गिरी थी.