चमोली: जोशीमठ स्थित उत्तराखंड प्रथम प्रयाग विष्णुप्रयाग के पास ऑल वेदर सड़क परियोजना के तहत चौड़ीकरण के नाम पर अवैध खनन किया जा रहा है. वहीं हिल कटिंग की मिट्टी व मलबे को सीधे अलकनंदा नदी में फेंका जा रहा है. जिससे नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. साथ ही नदी प्रदूषित हो रही हैं. जोशीमठ की ओर करीब 100 मीटर तेजी से कटाव बढ़ने लगा है. इससे जहां अलकनंदा नदी प्रदूषित हो रही है वहीं जोशीमठ के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है. जिसको लेकर ग्रामीण युवाओं ने उमा देवी मंदिर के निकट संबंधित कंपनी का काम रुकवा दिया और धरना-प्रदर्शन किया.
अवैध खनन अकेले जोशीमठ ब्लॉक में ही नहीं बल्कि नंदप्रयाग नगर क्षेत्र में भी एक स्टोन क्रशर संचालक द्वारा नियमों को ताक में रखकर बगैर अनुमति के अलकनंदा नदी के तट पर पोकलैंड मशीन के जरिए किया जा रहा है. जिसकी शिकायत दशोली के उप ब्लॉक प्रमुख पंकज हटवाल ने उपजिलाधिकारी चमोली से की है.
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बता दें कि, इन दिनों मारवाड़ी पुल से बदरीनाथ तक ऑल वेदर सड़क परियोजना के तहत एनएच चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है. चौड़ीकरण के कार्य को कर रही निर्माणदायी संस्था मारवाड़ी पुल से विष्णुप्रयाग तक लगातार एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करते हुए मिट्टी व अनुपयोगी मलबा सीधे अलकनंदा नदी में डाल रहे हैं. जिस कारण नदी में प्रदूषण बढ़ने लगा है.
स्थानीय वैभव सकलानी ने बताया कि भारत कंस्ट्रक्शन इंडिया द्वारा यहां पर लाखों टन मिट्टी व बोल्डरों को क्रशर से क्रश कर ठीकाने लगाया जा चुका है. एक वर्ष का समय बीतने पर भी मारवाड़ी पुल से विष्णुप्रयाग तक की सड़क अभी भी बदहाल है. लेकिन संबंधित कंपनी से जुडे़ लोग उप खनीजों को ठीकाने लगा रहे हैं व मिट्टी एवं अनुपयोगी मलबा को जगह-जगह अलकनंदा में डालने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. ऐसे में जोशीमठ में भू-धंसाव की स्थित पैदा हो गई है. उसने कहा कि कंपनी द्वारा 3 किमी की सड़क में पानी का छिड़काव न किए जाने के कारण लगातार धूल उड़ रही है. जिससे कार्य में लगे मजदूरों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
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एसडीएम जोशीमठ कुमकुम जोशी ने फोन पर बताया कि मामला उनके संज्ञान में आ आया है. उनके द्वारा संबंधित कंपनी को तीन दिन का समय दिया है ताकि वे सभी कार्यों को नियमानुसार संचालित करें. अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित कंपनी का कार्य पूर्ण रूप से रुकवा दिया जाएगा.