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Gairsain Assembly Session: सड़क की मांग को लेकर गरजे ग्रामीण, अतिथि शिक्षकों ने भी किया विधानसभा कूच - गैरसैंण ताजा खबर

उत्तराखंड के गैरसैंण में एक तरफ बजट सत्र चल रहा है तो दूसरी तरह जनता अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुखर है. आज भी केड़ा, पंडाव और बुराखोली के ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर विधानसभा कूच किया. उधर, अतिथि शिक्षक भी अपनी मांगों को लेकर विधानसभा की ओर गरजे. हालांकि, पुलिस ने उन्हें रोक लिया. वहीं, मौके पर मौजूद अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों की मांगों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

Villagers Marched to Gairsain Assembly
सड़क की मांग को लेकर गरजे ग्रामीण
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Published : Mar 14, 2023, 5:19 PM IST

Updated : Mar 14, 2023, 6:07 PM IST

सड़क की मांग को लेकर गरजे ग्रामीण.

गैरसैंणः ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बजट सत्र के दूसरे दिन आदिबद्री तहसील के केड़ा, पंडाव और बुराखोली के ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर विधानसभा के दोनों ओर से कूच किया, लेकिन एनएच 109 की तरफ से आए ग्रामीणों को विधानसभा से 11 किमी पहले जंगलचट्टी पुलिस बैरियर पर रोक दिया गया. जबकि, दूसरी तरफ चोरडा, छिमटा की ओर से आए ग्रामीण भराड़ीसैंण हैलीपैड के नजदीक तक पहुंचने में कामयाब रहे. वहीं, ग्रामीणों को मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों ने आगे बढ़ने से रोक दिया.

वहीं, जंगलचट्टी बैरियर पर तैनात मजिस्ट्रेट कमलेश मेहता ने नारेबाजी कर रहे ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण सुनने को तैयार नहीं थे. जबकि भराड़ीसैंण हैलीपैड पहुंचे प्रदर्शनकारी भी मुख्यमंत्री धामी से मिलने की जिद पर अड़े रहे. संख्या बल में कम होने के बावजूद प्रदर्शनकारियों में उत्साह की कमी नजर नहीं आई.

तकरीबन 2 घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद मजिस्ट्रेट, पुलिस टीम और वन विभाग के अधिकारियों ने लोक निर्माण विभाग अभियंता की मौजूदगी में एक साल के भीतर सड़क निर्माण करने का लिखित आश्वासन दिया, जिस पर प्रदर्शनकारी मान गए. साथ ही सालभर के अंदर सड़क का निर्माण नहीं किए जाने पर तहसील घेराव की चेतावनी देकर वापस लौट गए. प्रशासन ने यही रणनीति भराड़ीसैंण हेलीपैड पर जमा आंदोलित ग्रामीणों के साथ भी अपनाई.
ये भी पढ़ेंः सदन में पेश किया 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण, इस साल विकास दर 7 प्रतिशत रहने की संभावना

क्या कहते हैं ग्रामीणः बीते लंबे समय से सड़क की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे ग्राम प्रधान केड़ा दर्शन सिंह ने सरकार को जमकर कोसा. उन्होंने कहा कि गैरसैंण में बजट सत्र के नाम पर केवल पिकनिक सत्र मनाया जा रहा है. नेताओं को आम जनता की मूलभूत सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि गांव तक सड़क न होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी प्रसव पीड़िताओं को होती है. जिन्हें 8 किलोमीटर पैदल मार्ग से डंडी कंडी के सहारे सड़क तक पहुंचाया जाता है. कई बार रास्ते में ही कई महिलाएं अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती हैं.

उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द मोटर मार्ग का कार्य शुरू नहीं हुआ तो आने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा. वहीं, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य करन सिंह ने कहा कि पिछले 12 सालों से ग्रामीण सड़क की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार है कि ग्रामीणों की एक अदद मोटर मार्ग की फरियाद सुनने को ही तैयार नहीं है. लगातार ग्रामीणों को बीते 12 सालों से सिर्फ आश्वासन देकर ठगा जा रहा है. जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

अतिथि शिक्षकों ने भी किया विधानसभा कूच, पुलिस ने दुकमता सैंण बैरियर पर रोकाः चमोली के माध्यमिक अतिथि शिक्षक संगठन ने रामलीला मैदान में बैठक कर लंबित मांगों पर कार्रवाई नहीं किए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया. अतिथि शिक्षकों की तदर्थ नियुक्ति, नियुक्ति के दौरान प्रभावित होने पर ब्लॉक अटैचमेंट या सरप्लस व्यवस्था बनाए जाने, सालभर के 12 महीनों का वेतन भुगतान किए जाने, मातृत्व अवकाश दिए जाने और साल 2022 में आंदोलन के दौरान का वेतन दिए जाने समेत कई मांग दोहराई.
ये भी पढ़ेंः निलंबन के बाद भी सदन से नहीं निकले कांग्रेस विधायक, जारी रखा हंगामा, मदन बिष्ट ने तोड़ा माइक

संगठन के जिला अध्यक्ष प्रकाश सोंरियाल ने कहा कि 8 सालों की सेवा के बाद भी अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित नहीं है. वहीं, ब्लॉक अध्यक्ष रोहित सजवाण ने सुदूर क्षेत्र में तैनात शिक्षकों को उनके गृह जनपद में तैनाती की मांग को भी आवश्यक बताया. बैठक में अतिथि शिक्षकों ने विधानसभा कूच का निर्णय लिया. शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा की ओर बढ़ रहे अतिथि शिक्षकों को विधानसभा से 9 किमी दूर एनएच 109 पर दुकमता सैंण में पुलिस ने रोक दिया गया. जहां अतिथि शिक्षकों ने मौके पर तैनात मजिस्ट्रेट को मांग पत्र सौंपा.

सड़क की मांग को लेकर गरजे ग्रामीण.

गैरसैंणः ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बजट सत्र के दूसरे दिन आदिबद्री तहसील के केड़ा, पंडाव और बुराखोली के ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर विधानसभा के दोनों ओर से कूच किया, लेकिन एनएच 109 की तरफ से आए ग्रामीणों को विधानसभा से 11 किमी पहले जंगलचट्टी पुलिस बैरियर पर रोक दिया गया. जबकि, दूसरी तरफ चोरडा, छिमटा की ओर से आए ग्रामीण भराड़ीसैंण हैलीपैड के नजदीक तक पहुंचने में कामयाब रहे. वहीं, ग्रामीणों को मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों ने आगे बढ़ने से रोक दिया.

वहीं, जंगलचट्टी बैरियर पर तैनात मजिस्ट्रेट कमलेश मेहता ने नारेबाजी कर रहे ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण सुनने को तैयार नहीं थे. जबकि भराड़ीसैंण हैलीपैड पहुंचे प्रदर्शनकारी भी मुख्यमंत्री धामी से मिलने की जिद पर अड़े रहे. संख्या बल में कम होने के बावजूद प्रदर्शनकारियों में उत्साह की कमी नजर नहीं आई.

तकरीबन 2 घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद मजिस्ट्रेट, पुलिस टीम और वन विभाग के अधिकारियों ने लोक निर्माण विभाग अभियंता की मौजूदगी में एक साल के भीतर सड़क निर्माण करने का लिखित आश्वासन दिया, जिस पर प्रदर्शनकारी मान गए. साथ ही सालभर के अंदर सड़क का निर्माण नहीं किए जाने पर तहसील घेराव की चेतावनी देकर वापस लौट गए. प्रशासन ने यही रणनीति भराड़ीसैंण हेलीपैड पर जमा आंदोलित ग्रामीणों के साथ भी अपनाई.
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क्या कहते हैं ग्रामीणः बीते लंबे समय से सड़क की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे ग्राम प्रधान केड़ा दर्शन सिंह ने सरकार को जमकर कोसा. उन्होंने कहा कि गैरसैंण में बजट सत्र के नाम पर केवल पिकनिक सत्र मनाया जा रहा है. नेताओं को आम जनता की मूलभूत सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि गांव तक सड़क न होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी प्रसव पीड़िताओं को होती है. जिन्हें 8 किलोमीटर पैदल मार्ग से डंडी कंडी के सहारे सड़क तक पहुंचाया जाता है. कई बार रास्ते में ही कई महिलाएं अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती हैं.

उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द मोटर मार्ग का कार्य शुरू नहीं हुआ तो आने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा. वहीं, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य करन सिंह ने कहा कि पिछले 12 सालों से ग्रामीण सड़क की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार है कि ग्रामीणों की एक अदद मोटर मार्ग की फरियाद सुनने को ही तैयार नहीं है. लगातार ग्रामीणों को बीते 12 सालों से सिर्फ आश्वासन देकर ठगा जा रहा है. जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

अतिथि शिक्षकों ने भी किया विधानसभा कूच, पुलिस ने दुकमता सैंण बैरियर पर रोकाः चमोली के माध्यमिक अतिथि शिक्षक संगठन ने रामलीला मैदान में बैठक कर लंबित मांगों पर कार्रवाई नहीं किए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया. अतिथि शिक्षकों की तदर्थ नियुक्ति, नियुक्ति के दौरान प्रभावित होने पर ब्लॉक अटैचमेंट या सरप्लस व्यवस्था बनाए जाने, सालभर के 12 महीनों का वेतन भुगतान किए जाने, मातृत्व अवकाश दिए जाने और साल 2022 में आंदोलन के दौरान का वेतन दिए जाने समेत कई मांग दोहराई.
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संगठन के जिला अध्यक्ष प्रकाश सोंरियाल ने कहा कि 8 सालों की सेवा के बाद भी अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित नहीं है. वहीं, ब्लॉक अध्यक्ष रोहित सजवाण ने सुदूर क्षेत्र में तैनात शिक्षकों को उनके गृह जनपद में तैनाती की मांग को भी आवश्यक बताया. बैठक में अतिथि शिक्षकों ने विधानसभा कूच का निर्णय लिया. शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा की ओर बढ़ रहे अतिथि शिक्षकों को विधानसभा से 9 किमी दूर एनएच 109 पर दुकमता सैंण में पुलिस ने रोक दिया गया. जहां अतिथि शिक्षकों ने मौके पर तैनात मजिस्ट्रेट को मांग पत्र सौंपा.

Last Updated : Mar 14, 2023, 6:07 PM IST
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