थरालीः लॉकडाउन 4.0 में सरकार ने गाइडलाइन जारी कर सवारी वाहनों में 50 फीसदी के साथ आवाजाही की रियायत दी है. इसके बावजूद थराली और आसपास के क्षेत्रों में टैक्सी स्टैंड पर टैक्सी नजर ही नहीं आ रही है. तहसील प्रशासन की अनुमति के बाद गिने-चुने सवारी वाहन ही बुकिंग में सड़कों पर दौड़ते नजर आ रहे हैं. वहीं, टैक्सी चालक और वाहन स्वामियों ने सभी टैक्स माफ करने की मांग की है.
टैक्सी चालक और वाहन स्वामियों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद से उनके रोजगार पर खासा प्रभाव पड़ा है. बीते 2 महीने से उनका रोजगार ठप पड़ा हुआ है. हालांकि, सरकार ने अब थोड़ी ढील दी है, लेकिन उसमें भी 50 फीसदी सवारी ही बैठाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में आधी सवारी में न तो उनके तेल का ही खर्चा निकल पाएगा और न ही उनकी मजदूरी. ऐसे में सड़कों पर वाहन चलाने का कोई फायदा नहीं है.
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उन्होंने कहा कि सड़कों पर अब ये 50 फीसदी सवारियां भी नहीं मिल पा रही हैं. जो लोग बाजारों का रुख कर भी रहे हैं, वो भी सिर्फ प्राइवेट वाहनों से ही परिवहन कर रहे हैं. क्योंकि, कोरोना के बढ़ते मामले और कोरोना की पहाड़ में दस्तक से अब छूट मिलने के बाद भी लोग सिर्फ अतिआवश्यक सेवाओं के लिए ही घर से बाहर निकल रहे हैं.
वहीं, वाहन चालकों और वाहन स्वामियों ने सरकार से रोड टैक्स, इंश्योरेंस समेत अन्य सभी प्रकार के टैक्स माफ करने की गुहार लगाई है. साथ ही सरकार राहत पैकेज की व्यवस्था करें. उधर, मामले में उप जिलाधिकारी किशन सिंह नेगी का कहना है कि लॉकडाउन-4 में सरकार ने सवारी वाहनों को 50 फीसदी सवारी के साथ परिवहन की छूट दी है. जिसके लिए तहसील के भीतर चलने वाले वाहनों को किसी विशेष पास की भी जरूरत नहीं है.