चमोली: बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बीते 20 नवंबर को बंद कर दिए गए. बदरीनाथ धामी की ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी शुरू हो गई है. ऐसे में धाम में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इन दिनों धाम में मंदिर की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के अलावा 11 साधु तपस्या कर रहे हैं.
बता दें, कपाट बंद होने के बाद 6 माह तक भगवान बदरी विशाल की नित्य पूजा देवताओं के अधीन होती है, जबकि मंदिर की सुरक्षा पुलिस के जवानों के हाथ में होती है. शीतकाल के दौरान मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा चमोली पुलिस संभालती है. धाम में पड़ रही कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के बीच पुलिस के जवान मंदिर की सुरक्षा में मुस्तैद हैं.
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कपाट बंद होने के बाद सेना और बीआरओ के वाहनों अलावा किसी और को भी हनुमान चट्टी से आगे जाने की अनुमति नहीं है. चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद धाम में उत्तराखंड पुलिस की एक प्लाटून, पीएसी के 16 सशस्त्र जवान तैनात हैं. धाम में जिला प्रशासन के द्वारा 10 से 11 साधुओं को तप करने की भी अनुमति दी गई है.