गैरसैंणः उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन महिला कांग्रेस ने अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. साथ ही अंकिता हत्याकांड में वीआईपी के नाम का खुलासा करने की मांग को लेकर विधानसभा कूच किया, लेकिन पुलिस ने दिवाली खाल बैरियर पर उन्हें रोक लिया. जिससे नाराज महिलाएं बीच सड़क पर बैठ गईं और करीब एक घंटे तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इसी बीच बैरिकेड खोल दिया गया तो प्रदर्शनकारी विधानसभा की ओर दौड़ पड़े. जहां पुलिस को उन्हें रोकने के लिए पसीने बहाने पड़े. इस दौरान प्रदर्शनकारी महिलाओं और पुलिस में खूब जोर आजमाइश हुई.
दरअसल, अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच और हत्यारों को कड़ी सजा दिलवाने को लेकर महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला की अध्यक्षता में गैरसैंण विधानसभा कूच किया. इस दौरान देहरादून, पौड़ी, चमोली, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा जिले से सैकड़ों महिलाए सरकार विरोधी नारे लगाते हुए दिवाली खाल बैरियर पहुंचे. जहां उन्होंने धरना भी दिया. इस बीच महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला, एनएसयूआई नेत्री दिव्या रावत और महिला कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष इंदु पंवार ने पहले स्तर की बैरिकेडिंग पार कर गए, फिर दूसरे स्तर के बैरिकेड को भी पार करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
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वहीं, ज्योति रौतेला एवं दिव्या रावत एक भवन की छत पर चढ़ गईं. जिन्हें बमुश्किल पुलिस उतारने में कामयाब रही. इनता ही नहीं कुछ महिलाओं ने इस बीच पुलिस की नजरों से बच कर जंगल की राह पकड़ ली, लेकिन उन्हें भी विधानसभा पहुंचने से रोक दिया गया. करीब 2 घंटे तक चली जद्दोजहद के बाद बैरियर पर तैनात मजिस्ट्रेट ने प्रदर्शनकारियों को पुलिस अभिरक्षा में अस्थाई जेल मालासी और मेहलचौरी जेल भेज दिया.
महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि अंकिता भंडारी की हत्या को 6 महीने से ज्यादा समय हो गए हैं, लेकिन अभी तक वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं हो पाया है. पुलिस की ओर से तैयार चार्जशीट में भी कुछ भी स्पष्ट नहीं है. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने तत्काल कथित वीआईपी का नाम सार्वजनिक करने की मांग की. चमोली महिला कांग्रेस अध्यक्ष ऊषा रावत ने कहा कि जब तक अंकिता भंडारी को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक महिला कांग्रेस सड़कों पर उतरकर प्रदेश की मातृशक्ति को साथ लेकर आगे भी और उग्र प्रदर्शन करेगी.