चमोलीः जनपद की सबसे बड़ी नगर पालिका गोपेश्वर पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए एक अनूठी पहल शुरू करने जा रहा है. जल्द ही पालिका द्वारा गोपेश्वर नगर क्षेत्र से एकत्रित हुए पॉलीथिन और प्लास्टिक के कचरे से टाइल्स और ईंटे बनाईं जाएंगी. जिसके लिए पालिका ने नगर क्षेत्र के ही गैर पुल के पास प्लास्टिक की ईंटे बनाने के लिए भूमि चिन्हित कर योजना के लिए प्लांट का निर्माण भी चालू कर दिया है.
बता दें कि नगर पालिका क्षेत्र गोपेश्वर से प्रतिदिन पालिका द्वारा 7 टन जैविक और अजैविक कूड़ा जमा किया जाता है जिसमें कि करीब 20 क्विंटल प्लास्टिक का कूड़ा मौजूद होता है जो कि पर्यायवरण के लिए नुकसानदायक होता है.
नगर पालिका गोपेश्वर के पास कूड़ा निस्तारण के लिए कोई उपयुक्त जगह न होने से पालिका आज तक खुले में ही कूड़े का निस्तारण करने को मजबूर थी लेकिन अब इस समस्या से निजात पाने के लिए पालिका द्वारा नगर क्षेत्र में ही स्थित गैर पुल के पास 20 लाख रुपये की लागत से प्लास्टिक से ईंट और टाईल्स बनाने के लिए प्रोजेक्ट लगाने की योजना बनाई गयी है. जिसको लेकर इन दिनों पालिका द्वारा मजदूर लगवाकर प्लास्टिक के कूड़े की अलग छंटाई कर ईंट और टाइल्स बनाने के लिए एकत्र किया जा रहा है.
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नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अनिल पंत ने बताया कि नगर क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण के लिए पालिका को उपयुक्त जगह न मिलने से पालिका के सामने नगर के कूड़े को निस्तारण करने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई थी और प्रतिदिन नगर क्षेत्र से जमा हुए 7 टन कूड़े से करीब 20 क्विंटल प्लास्टिक का कूड़ा निकलता था.
यह पर्यायवरण की दृष्टि से नुकसानदायक था लेकिन अब पालिका ने प्लास्टिक के कूड़े से निजात पाने के लिए गोपेश्वर नगर में ही पालिका द्वारा प्लास्टिक से ईंटे बनाने की योजना तैयार की है जिसमें कि 20 लाख की लागत से प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू करवाया गया है .
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प्लास्टिक के कचरे से ईंट बनाने की कवायद शुरू करने वाली प्रदेश की पहली नगर पालिका परिषद गोपेश्वर है,जिसने कि प्लास्टिक का सदुपयोग कर प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सराहनीय पहल की शुरुवात की है .
नगर पालिका अध्य्क्ष गोपेश्वर सुरेंद्र लाल ने बताया कि नगर पालिका की ओर से प्लास्टिक से पर्यायवरण को बचाने के लिए किया गया यह पहला प्रयास है. ट्रायल के लिए पालिका द्वारा प्लास्टिक से 4 ईंटे बनाईं गईं थी.
जिनकी मजबूती का परीक्षण करने के लिए ईंटों को ट्रक के टायर के नीचे डालने के साथ साथ लोहे के घन से चोटें मारने के बावजदू भी ईंटे नहीं टूटी. जिसके बाद पालिका द्वारा प्लास्टिक की ईंटे बनाने पर प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. जल्द ही पालिका द्वारा प्लास्टिक की ईंटे और टाइल्स बनाकर नगर में निर्माण किये गए रास्तों पर इस्तेमाल की जाएंगी.