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थराली-कुराड़ मोटरमार्ग खस्ताहाल, ग्रामीण बोले- विभाग कर रहा हादसे का इंतजार

सड़क पर कई बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जो हर किसी के लिए मुसीबत बने हुए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि समझ में नहीं आता कि उन्हें किस बात की सजा दी जा रही है, विभाग की लापरवाही से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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थराली कुराड़ मोटरमार्ग खस्ताहाल
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Published : Dec 31, 2020, 9:00 AM IST

Updated : Dec 31, 2020, 9:26 AM IST

थराली: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी थराली कुराड़ पार्था मोटरमार्ग की वर्तमान स्थिति खस्ताहाल है, लेकिन जिम्मेदार महकमा टस से मस तक होने को तैयार नहीं है. 17 किमी लंबी इस सड़क में आधे से ज्यादा दूरी तो सड़क की बजाय केवल गड्ढों में ही नापनी पड़ती है. बची दूरी में इतने खतरनाक डेंजर जोन बने हुए हैं, जो आये दिन हादसों को दावत देते हैं.

इस मोटरमार्ग पर चलने वाले वाहन चालक सड़क की मरम्मत के लिए विभाग और जनप्रतिनिधियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं. लेकिन न तो जनप्रतिनिधियों की नींद खुलती है और न ही विभाग के कानों में कोई जूं रेंगती है. ऐसे में कई बार वाहन चालक श्रमदान और चंदा इकट्ठा कर सड़क के गड्ढों को भरवाने का काम करते हैं. विभागीय उदासीन देखते हुए लगता है कि शायद जिम्मेदार विभाग किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में है.

थराली कुराड़ मोटरमार्ग खस्ताहाल

दरअसल वर्ष 2013-14 में थराली से कुराड़, पार्था, सगवाड़ा, डूंगाखोली हरिनगर गांवों को जोड़ने के लिए थराली कुराड़ मोटरमार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था. सड़क वर्ष 2016-17 तक बनकर तैयार भी हो गयी, लेकिन बनने के महज एक साल के भीतर ही सड़क उखड़कर गड्ढों में तब्दील हो गई. इस सड़क पर कई बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जो हर किसी के लिए मुसीबत बने हुए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि समझ में नहीं आता कि उन्हें किस बात की सजा दी जा रही है, विभाग की लापरवाही से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: 2022 चुनावी दंगल: प्रदेश में AAP ने झोंकी ताकत, जोर आजमाइश के लिए तैयार

स्थिति यह है कि बरसात के दिनों में स्क्रबर बंद होने और नाली निर्माण कार्य न होने से बरसात का पानी सड़क पर बहने लगता है. जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है. यही नहीं कई बार तो महीनों तक सड़क बंद रहती है, लेकिन सड़क मरम्मत के नाम पर विभाग गड्ढों पर मिट्टी डालने के अलावा कुछ खास करता नहीं दिखता है. वहीं, ग्रामीण विभागीय अधिकारियों और क्षेत्रीय विधायक सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाते लगाते थक चुके हैं और इन विषम परिस्थितियों के बावजूद भी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं.

वहीं, पीएमजीएसवाई के कनिष्ठ अभियंता धीरेंद्र भंडारी का कहना है कि विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया की गई हैं. जिला योजना में भी सड़क का कार्य रखा गया है, लेकिन जिला योजना में पैसा न होने के चलते सड़क का काम अधर में लटका है. जैसे ही पैसे स्वीकृत होते हैं, तत्काल सड़क का कार्य शुरू किया जाएगा.

थराली: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी थराली कुराड़ पार्था मोटरमार्ग की वर्तमान स्थिति खस्ताहाल है, लेकिन जिम्मेदार महकमा टस से मस तक होने को तैयार नहीं है. 17 किमी लंबी इस सड़क में आधे से ज्यादा दूरी तो सड़क की बजाय केवल गड्ढों में ही नापनी पड़ती है. बची दूरी में इतने खतरनाक डेंजर जोन बने हुए हैं, जो आये दिन हादसों को दावत देते हैं.

इस मोटरमार्ग पर चलने वाले वाहन चालक सड़क की मरम्मत के लिए विभाग और जनप्रतिनिधियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं. लेकिन न तो जनप्रतिनिधियों की नींद खुलती है और न ही विभाग के कानों में कोई जूं रेंगती है. ऐसे में कई बार वाहन चालक श्रमदान और चंदा इकट्ठा कर सड़क के गड्ढों को भरवाने का काम करते हैं. विभागीय उदासीन देखते हुए लगता है कि शायद जिम्मेदार विभाग किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में है.

थराली कुराड़ मोटरमार्ग खस्ताहाल

दरअसल वर्ष 2013-14 में थराली से कुराड़, पार्था, सगवाड़ा, डूंगाखोली हरिनगर गांवों को जोड़ने के लिए थराली कुराड़ मोटरमार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था. सड़क वर्ष 2016-17 तक बनकर तैयार भी हो गयी, लेकिन बनने के महज एक साल के भीतर ही सड़क उखड़कर गड्ढों में तब्दील हो गई. इस सड़क पर कई बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जो हर किसी के लिए मुसीबत बने हुए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि समझ में नहीं आता कि उन्हें किस बात की सजा दी जा रही है, विभाग की लापरवाही से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: 2022 चुनावी दंगल: प्रदेश में AAP ने झोंकी ताकत, जोर आजमाइश के लिए तैयार

स्थिति यह है कि बरसात के दिनों में स्क्रबर बंद होने और नाली निर्माण कार्य न होने से बरसात का पानी सड़क पर बहने लगता है. जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है. यही नहीं कई बार तो महीनों तक सड़क बंद रहती है, लेकिन सड़क मरम्मत के नाम पर विभाग गड्ढों पर मिट्टी डालने के अलावा कुछ खास करता नहीं दिखता है. वहीं, ग्रामीण विभागीय अधिकारियों और क्षेत्रीय विधायक सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाते लगाते थक चुके हैं और इन विषम परिस्थितियों के बावजूद भी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं.

वहीं, पीएमजीएसवाई के कनिष्ठ अभियंता धीरेंद्र भंडारी का कहना है कि विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया की गई हैं. जिला योजना में भी सड़क का कार्य रखा गया है, लेकिन जिला योजना में पैसा न होने के चलते सड़क का काम अधर में लटका है. जैसे ही पैसे स्वीकृत होते हैं, तत्काल सड़क का कार्य शुरू किया जाएगा.

Last Updated : Dec 31, 2020, 9:26 AM IST
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