चमोली: श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय गोपेश्वर के साथ-साथ गढ़वाल के अन्य छह महाविद्यालयों में प्री पीएचडी कोर्स शुरू करने जा रहा है. इन 6 महाविद्यालयों में कोर्स का संचालन 15 जुलाई से शुरू किया जाएगा. प्री पीएचडी के 6 महीने का कोर्स पूरा करने के बाद सफल छात्र-छात्राओं को डीआरसी (डिपार्टमेंट डिग्री कमेटी) की अनुमति के बाद (रिसर्च एंड डेवलपमेंट कमेटी) की हरी झंडी मिलने के बाद पीएचडी करने का अवसर मिल सकेगा.
दरसअल, काफी लंबे समय से शोधकर्ता छात्रों की ओर से श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में प्री पीएचडी कोर्स संचालन की मांग उठ रही थी. स्थानीय छात्र-छात्राओं को प्री पीएचडी के लिए मैदानी क्षेत्रों के उच्च शिक्षण संस्थानों की ओर रुख करना पड़ता था. जिसे देखते हुए अब श्रीदेवसुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय बादशाहीथौल की पहल पर वि.वि के गोपेश्वर कैंपस के अलावा राजकीय महाविद्यालय उत्तरकाशी, कोटद्वार, टिहरी, कर्णप्रयाग और अगस्त्यमुनि में 6 माह का प्री पीएचडी कोर्स शुरू करने जा रहा है.
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पहाड़ी महाविद्यालयों में प्री पीएचडी कोर्स शुरू से छात्र-छात्राओं को राहत मिलेगी. यहां से 6 महीने का कोर्स पूरा करने के बाद सम्बंधित छात्रों को पीएचडी में चयन के लिए एक परीक्षा देनी होगी. परीक्षा में सफल होने के बाद पीएचडी करने के लिए छात्रों को रिसर्च एंड डेवलपमेंट कमेटी से अनुमति लेनी होगी. पीएचडी करने वाले छात्रों को गाइड के रूप में एक प्रवक्ता भी मिलेगा.
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श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. यू.एस रावत ने बताया कि इन दिनों विश्वविद्यालय प्रबंधन प्री पीएचडी गाइड के लिए कुशल प्रवक्ताओं की छंटनी कर रहा है. एक पखवाड़े के भीतर गढ़वाल के 6 चयनित महाविद्यालयों में प्री पीएचडी कोर्स का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. इसके लिए संबंधित महाविद्यालयों को भी निर्देश दे दिए गए हैं.