चमोली: नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी में वन विभाग को स्नो लेपर्ड होने के संकेत मिले हैं. पिछले 4 सालो में पहली बार वनकर्मियों को गश्त के दौरान घाटी में दुर्लभ प्रजाति का स्नो लेपर्ड के पद चिन्ह दिखे हैं.
जोशीमठ विकासखंड स्थित फूलोंक की घाटी में वन कर्मियों को दो स्नो लेपर्ड (हिम तेंदुए) दिखाई दिये है. बताया जा रहा है कि गश्त के दौरान वन कर्मचारियों ने स्नो लेपर्ड को देखा है. जिसके बाद वन्यजीव प्रेमियों और वन विभाग में काफी उत्साह है.
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वन कर्मियों का कहना है कि गश्त के दौरान उन्हें स्नो लेपर्ड के दहाड़ने की आवाजें भी सुनाई दी. वहीं, अब वन विभाग द्वारा पार्क में लगाए ट्रैप कैमरों में भी स्नो लैपर्ड की चहलकदमी देखी गई. जिसके बाद वन विभाग ने पार्क में स्नो लेपर्ड होने की पुष्टि की है. वहीं, घाटी में अभी भी 8 से 9 फिट तक बर्फ जमी हुई है. ऐसे में वन्यजीव भारी हिमपात के चलते निचले क्षेत्रों में आ जाते हैं.
पार्क प्रशासन की मानें को विश्व धरोहर नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क में अभी भी 12 स्नो लेपर्ड मौजूद है. ऐसे में शिकारियों के खतरे को देखते हुए फूलों की घाटी और आसपास के क्षेत्र में वनकर्मी पूरी चौकसी बरत रहे हैं.
बता दें कि हिम तेंदुआ करीब 1.4 मीटर लंबे होते हैं और इनकी पूंछ 90-100 सेमी तक होती है. वहीं इनकी पूंछ पर धारियां बनीं होती हैं. इनका वजन करीब 75 किलो तक हो सकता है.हिम तेंदुआ की खाल पर सलेटी और सफेद फर होता है साथ ही गहरे लाल रंग के धब्बे होते हैं. हिम तेंदुए के पैर भी बड़े और ऊनी होते हैं, ताकि बर्फ में आसानी से चल सकें.