देहरादून: इन दिनों दिल्ली समेत तमाम शहरों की आबोहवा खराब हो रखी है. इसमें देहरादून शहर भी अछूता नहीं है. हाल ही में देहरादून का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का आंकड़ा 300 के पार पहुंच गया था. जिसके चलते अस्पतालों में सांस संबंधी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या में इजाफा देखा गया था. ऐसे में अब डॉक्टर्स सांस संबंधी बीमारियों से जुड़ी सीओपीडी के प्रति लोगों को सतर्क रहने की बात कह रहे हैं.
सीओपीडी होने की आशंका बढ़ी: देहरादून में बढ़े वायु प्रदूषण के साथ ही सर्दी का मौसम भी शुरू हो गया है. ऐसे में सर्दी जुकाम की बीमारी के साथ ही सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) बीमारी होने की संभावना बढ़ गई है. सीओपीडी एक गंभीर बीमारी है. दुनिया भर में लोगों की मौत का चौथा प्रमुख कारण सीओपीडी ही माना जाता है. सीओपीडी दुनिया में गैर संक्रमण रोगों से होने वाली मौत का दूसरा प्रमुख कारण भी है.
सीओपीडी एक लॉन्ग टर्म बीमारी: देहरादून में हाल ही में बढ़े वायु प्रदूषण के चलते सांस संबंधी बीमारियां खासकर सीओपीडी से संक्रमित मरीजों में इजाफा होने की आशंका है. सीओपीडी एक लॉग टर्म बीमारी है, जो धीरे-धीरे शरीर में विकसित होती है. समय के साथ मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. ऐसे में अगर सही समय पर मरीज का इलाज नहीं हो पता है, तो उसकी स्थिति गंभीर होने लग जाती है.
![COPD in Winter Season](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/27-11-2024/uk-deh-01-health-vis-7211404_27112024133518_2711f_1732694718_622.jpg)
फेफड़ों को प्रभावित करती है सीओपीडी, जानिए लक्षण: देहरादून मैक्स हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विवेक वर्मा ने बताया कि सीओपीडी (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) फेफड़ों की एक क्रॉनिक बीमारी है, जो फेफड़ों में हवा के प्रवाह को रोकती है, जिससे फेफड़ों में सूजन आ जाती है.
फेफड़ों में सूजन आने से मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. ज्यादा बलगम बनता है. खांसी समेत अन्य दिक्कतें होने लगती हैं. जिसका सही समय पर इलाज नहीं कराया गया तो ये बीमारी जानलेवा बन सकती है. इतना ही नहीं समय पर इलाज न मिलने पर इससे गंभीर हृदय संबंधी समस्याएं, फेफड़ों में कैंसर समेत अन्य गंभीर बीमारियां पैदा हो सकती हैं.
![COPD in Winter Season](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/27-11-2024/22990192_chron-333.jpg)
40 साल से अधिक उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा: डॉ. विवेक वर्मा ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण के कारण भी फेफड़ों के रोगियों की संख्या बढ़ रही है, जिसमें सीओपीडी भी एक प्रमुख बीमारी है. यह बीमारी आम तौर पर 40 साल से अधिक उम्र के लोगों में होने की आशंका ज्यादा होती है.
डॉ. विवेक वर्मा ने बताया कि सीओपीडी के मुख्य कारण धूम्रपान, लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहना, रासायनिक धुआं, धूल, चूल्हे का धुआं शामिल है. सीओपीडी मुख्य रूप से दो तरह की होती है. पहला वातस्फीति (एम्फायसेमा) और दूसरा क्रोनिक ब्रोंकाइटिस है.
सर्दियों के मौसम में सर्दी जुकाम होना आम बात है, लेकिन अगर कुछ महीने या फिर कुछ सालों से सर्दी जुकाम और बलगम आने जैसी स्थिति बन रही है, तो सीओपीडी होने की संभावना काफी ज्यादा रहती है. सामान्य सर्दी कुछ दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन अगर एक लंबे समय तक सर्दी या खांसी ठीक नहीं होती है तो फिर सीओपीडी की जांच करानी चाहिए.
![COPD in Winter Season](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/27-11-2024/uk-deh-01-health-vis-7211404_27112024133518_2711f_1732694718_9.jpg)
सीओपीडी से ऐसे करें बचाव: डॉ. विवेक वर्मा ने बताया कि सीओपीडी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका एयर पॉल्यूशन से खुद को बचा कर रखना है. इसके लिए अगर किसी क्षेत्र में पॉल्यूशन है, तो मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं. कोशिश यही करना चाहिए कि एयर पॉल्यूशन वाले क्षेत्रों में ज्यादा समय व्यतीत न करें.
इससे सांस संबंधित बीमारियां शुरू होती है, जो सीओपीडी का रूप ले लेती है. इसके साथ ही आज के इस दौर में स्मोकिंग का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में लोगों को स्मोकिंग से बचने की जरूरत है. अगर किसी को शुरुआती दौर में सांस संबंधित दिक्कतें होती हैं, तो वो नोजल ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें-
- देहरादून की हवा भी हुई थी 'जहरीली'! इस वजह से वायु गुणवत्ता में आई थी कमी, अब सुधर रही आबोहवा
- देहरादून की आबोहवा हुई जहरीली! सांस संबंधी मरीज पहुंच रहे अस्पताल, CMO ने जारी किए निर्देश
- श्रीनगर की फिजाओं में तेजी से घुल रहा जानलेवा SO2, गढ़वाल विवि के वैज्ञानिकों की स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा
- संभल जाओं! पहाड़ों की भी बिगड़ रही 'सेहत', दूषित हो रहा हवा-पानी, दिल्ली जैसे न हो जाए हालात
- उत्तराखंड में लोगों को बीमार कर रहा ये मौसम, इन तीन शहरों में प्रदूषण के आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता