चमोली: विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के बाद अब बदरीनाथ मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी भारत तिब्बत सीमा पुलिस (Indo Tibetan Border Police) के हवाले कर दी गयी है. बदरीनाथ मंदिर की सुरक्षा में आईटीबीपी की एक प्लाटून तैनात रहेगी. अभी तक मंदिर की सुरक्षा में तैनात उत्तराखंड पुलिस के 10 जवानों को विभिन्न थानों में वापस बुला लिया गया है.
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा अब आईटीबीपी को सौंपे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि कपाट बंद होने पर उन्होंने मंदिर की सुरक्षा के लिए आईटीबीपी की तैनाती की मांग के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था. शासन ने परीक्षण और आवश्यकता को देखते हुए गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर मंदिर की सुरक्षा के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस की तैनाती की मंजूरी दी है. इसी क्रम में अब केदारनाथ के बाद बदरीनाथ मंदिर की सुरक्षा भी आईटीबीपी के हवाले की गई है. यह व्यवस्था अभी शीतकाल के दौरान कपाट बंद रहने की अवधि अप्रैल माह तक रहेगी.
चमोली के पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने कहा कि बदरीनाथ मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब आईटीबीपी को सौंपी गई है. मंदिर सुरक्षा में तैनात अब तक तैनात पुलिस बल को वापस बुला दिया गया है. हाल ही में मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इसकी डिमांड की थी. आपको बता दें कि केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में सोने की परत लगाई गई थी. बदरीनाथ धाम के गर्भ गृह में पहले से सोने की परत है. उसी की सुरक्षा के मद्देनजर दोनों धामों में आईटीबीपी के जवानों की तैनाती की गई है.
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बदरीनाथ मास्टर प्लान, नमामि गंगे के तहत और केदारनाथ में वृहद स्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है. इन कारणों से शीतकाल में निर्माण कार्य के लिए मानव गतिविधि बढ़ी है. केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को करोड़ों रुपए की लागत से स्वर्णमयी बनाया गया है. इसलिए कपाट बंद होने पर भी सुरक्षा की अत्यंत आवश्यकता है. इस दृष्टि से बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए आईटीबीपी की तैनाती की बात बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने बतायी.