चमोली/रुद्रप्रयाग/सोमेश्वर/पिथौरागढ़: प्रदेश के पहाड़ी जिलों में हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा है. लगातार हो रही बारिश से पहाड़ी क्षेत्रों में नदी-नाले उफान पर हैं. इसके साथ ही भूस्खलन और पहाड़ी दरकने से कई राजमार्ग भी प्रभावित हुए हैं. जिसके कारण लोगों को आवाजाही में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. चमोली जिले में देर रात से हो रही बारिश के कारण कर्णप्रयाग स्थित बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन हुआ. जिसका मलबा हाईवे किनारे खड़ी 3 कारों के ऊपर गिर गया. जिससे तीनों कारें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई.
बता दें चमोली में इन दिनों ऑलवेदर सड़क परियोजना का काम चल रहा है. गौचर से लेकर बदरीनाथ सड़क के चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है. जिसके चलते जगह जगह हिल कटिंग का काम किया जा रहा है. बरसात के सीजन में सड़क कटिंग के कारण कई जगहों पर हाईवे भी बाधित हो रहा है. पहाड़ी से गिरते पत्थर और मलबे के कारण राजमार्ग बाधित होने से बदरीनाथ आने जाने वाले तीर्थयात्रियों सहित अन्य स्थानीय लोगों को सड़क खुलने का घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. रविवार को भी कर्णप्रयाग के पास करीब पांच घंटे तक हाईवे बन्द रहा. जिसके कारण भराड़ीसैण से मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से वापस लौट रहे जनपदीय अधिकारी भी जाम में फंसे रहे.
वहीं, चमोली जिले में दशोली विकासखण्ड स्थित मंडल घाटी के बैरांगना गांव में बीते दिनों बादल फटने की घटना के बाद हुए नुकसान से ग्रामीणों का जीवन अभी भी पटरी पर नहीं लौट पाया है. बैरांगना गांव के लोग हल्की बारिश के बाद ही खौफजाद हो जा रहे हैं. बादल फटने की घटना के बाद यहां तीन घरों को नुकसान हुआ था. बेघर हुए लोगों को जिला प्रशासन ने सरकारी भवन में शिफ्ट किया है. ग्रामीणों ने सरकार से विस्थापन की मांग उठाई है.
पढ़ें- पिथौरागढ़: BRO ने 9 दिन के अंदर तैयार किया 180 फीट लंबा नया बेली ब्रिज
केदारनाथ हाईवे बांसबाड़ा में रविवार से बंद
केदारनाथ यात्रा और केदारघाटी की लाइफ लाइन केदारनाथ हाईवे भी जगह-जगह बारिश और भूस्खलन के चलते बंद हो रहा है. जिसके कारण केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी दिक्कतें हो रही हैं. केदारनाथ हाईवे बांसबाड़ा और भीरी में कल से ही बंद है.हालांकि यहां दोनों छोरों से जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन पहाड़ी से गिर रहे मलबे के कारण हाईवे को खोलने में दिक्कतें आ रही हैं. बांसबाड़ा में हाईवे खोलने और बंद होने का कार्य पिछले 15 दिनों से जारी है. वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ धाम और सम्पूर्ण रुद्रप्रयाग जनपद में बारिश जारी है.
पढ़ें- बेरीपड़ाव से चेतन चौहान का रहा है गहरा नाता, युवाओं के लिए देखा ये सपना रह गया अधूरा
तुंगनाथ घाटी के कई इलाकों में देर रात से जारी बारिश
तुंगनाथ घाटी के इलाकों में बीती देर रात से बारिश हो रही है. जिसके कारण ग्राम पंचायत मक्कू के राजस्व ग्राम दिलणा, ग्वाड़ व ग्राम पंचायत बरंगाली के अधिकांश हिस्सों में भू-धसाव होने से एक गौशाला क्षतिग्रस्त हो गयी है. साथ ही दो दर्जन से अधिक मकान खतरे की जद में आ गये हैं.
पढ़ें- विधानसभा अध्यक्ष ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों का किया दौरा, दिया मदद का भरोसा
बारिश के कारण काश्तकारों की कई हेक्टेयर कृषि भूमि तबाह हो गयी है. ताला तोक के निचले हिस्से में हो रहे भू-धसाव से ताला-दुर्गाधार मोटरमार्ग को जोड़ने वाला पुल खतरे की जद में आ गया है. आकाशकामिनी नदी के किनारे भी लगातार भू-धसाव हो रहा है. जिससे जीआईसी दैड़ा खतरे में है, प्रधान संगठन के पदाधिकारियों, विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और आपदा प्रभावितों की कुशलक्षेम पूछी.
पढ़ें-CM के गांव खैरासैंण से बडखोलू तक कयाकिंग एंड केनोइंग का हुआ ट्रायल
कौसानी-गरुड़ हाईवे दो घंटे बाधित रहा
सोमेश्वर के कौसानी- गरुड़ हाईवे पर भी मलबा आने और सड़क पर चीड़ का पेड़ गिरने से यातायात दो घंटे बाधित रहा. इस दौरान दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगी रही. जाम में फंसे यात्री और पर्यटक परेशान रहे. इस दौरान गरुड़, बागेश्वर, ग्वालदम, सोमेश्वर, रानीखेत, अल्मोड़ा, हल्द्वानी को आने जाने वाले वाहनों की दोनों और लंबी कतार लगी रही. लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने जेसीबी से मलबा हटाने के साथ ही पेड़ को काटने का काम शुरू किया. जिसके बाद सड़क को आवाजाही के लिए खोला गया.
भारी बारिश के चलते 20 परिवारों ने छोड़ा मकान
पिथौरागढ़ में भारी बारिश के चलते धारचूला के ग्वालगांव और नौगांव में भारी तबाही हुई है. खतरे की जद में आ चुके 20 परिवारों ने अपने मकान छोड़ दिए हैं. ये परिवार सरकारी राहत शिविरों और रिश्तेदारों के घर में शरण लिए हुए हैं. उपजिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला का कहना है कि आपदा प्रभावितों को स्कूलों और सरकारी भवनों में शिफ्ट किया गया है और उनके खाने-पीने की उचित व्यवस्था की गई है.