चमोली: घाट-नंदप्रयाग मोटरमार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने सोमवार को भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक लिया. प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड पर चढ़कर आगे बढ़ाने का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाटर केनन का प्रयोग किया. इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर के लिए लाठियां भी भांजी. जब पुलिस ने सख्ती करते हुए प्रदर्शनकारियों को विधानसभा जाने से रोक दिया तो उनमें से कुछ लोगों ने पथराव कर दिया. पत्थर लगने से एक सीओ और एक जवान घायल हो गए.
बता दें कि पिछले करीब तीन महीने से नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग को डेढ़ लेन करने की मांग को लेकर स्थानीय लोग धरने पर बैठे हुए हैं. सोमवार के भराड़ीसैंण में बजट सत्र के दौरान सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उन्होंने विधानसभा भवन कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक दिया है. इस दौरान पुलिस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन के साथ हल्का बल प्रयोग भी किया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोंक भी हुई.
![bhararisain protest](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10825427_ghat2.png)
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गौर हो कि नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के डेढ़ लाइन चौड़ीकरण को लेकर विकासखंड मुख्यालय घाट में आमरण अनशन चल रहा है. अब इसके समर्थन में क्षेत्र के 70 से अधिक गांवों के ग्रामीण भी आ गये हैं. ग्रामीणों के इस आंदोलन ने अब बड़ा रूप ले लिया है. प्रदर्शन में महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. आंदोलनकारियों का साफ कहना है कि जबतक उनकी इस मांग पर सरकार कार्रवाई नहीं करती तबतक आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.
![bhararisain protest](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10825427_ghat4.png)
बता दें कि नंदप्रयाग घाट 19 किलोमीटर मोटर मार्ग के डेढ़ लेन चौड़ीकरण की मांग को लेकर नागरिक लंबे समय से आंदोलित हैं. आंदोलनकारियों का कहना है कि इस सड़क की चौड़ाई 9 मीटर की जानी जरूरी है. सड़क की स्थिति वर्तमान समय में काफी खराब है. अधिकतर स्थानों पर सड़क संकरी होने के कारण वाहन दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है. आंदोलनकारियों ने बताया कि इस सड़क के चौड़ीकरण को लेकर पूर्व में सीएम भी घोषणा कर चुके हैं लेकिन हालात वैसे ही हैं. कई बार इस सड़क पर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. सरकार का ध्यान इस ओर दिलाने के लिये यहां के लोग आंदोलन कर रहे हैं, मगर सरकार है कि उनकी सुनने को तैयार नहीं है. इस कारण क्षेत्रवासियों का गुस्सा बढ़ गया है.