चमोली: नरेंद्र नगर राजदरबार से गाड़ू घड़ा तेल कलश यात्रा में बिना अनुमति शामिल पर वोले पुजारी को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है. एसडीएम ने बताया कि गौचर सीमा में दर्ज रिकार्ड में पुजारी दिनेश डिमरी का नाम ही नहीं है. ऐसे में लॉकडाउन के दौरान बिना अनुमति कैसे शामिल हो गए.
एसडीएम कर्णप्रयाग वैभव गुप्ता ने बताया कि गौचर के इस यात्रा में शामिल होने के लिए चार मई को सिर्फ तीन पुजारी राजेंद्र प्रसाद डिमरी, टीका प्रसाद डिमरी और अनुज डिमरी का पास जारी किया गया था. जबकि, इस यात्रा में नरेंद्र नगर राजदरबार से पांच पुजारी लौटे हैं. जिसमें से एक की अनुमति देहरादून से है. लेकिन, पुजारी दिनेश डिमरी को लेकर तथ्य प्रशासन से छुपाया गया.
एसडीएम ने यह आशंका जताया कि आखिर ऋषिकेश से शामिल हुए पुजारी का नाम चमोली जिले से जाने और आने वाले अनुमति पत्र में किस मकसद से दर्ज कराया गया था. जबकि, पुजारी को ऋषिकेश से आसानी से इस यात्रा में शामिल होने की अनुमति मिल सकती थी. वहीं, पुजारी की ट्रैवल हिस्ट्री छुपाने को प्रशासन गंभीरता से ले रहा है. मामले में राजस्व उप निरीक्षक की जांच की भनक लगते ही संबंधित पुजारी गायब चल रहा है.
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वहीं, एसडीएम कर्णप्रयाग वैभव गुप्ता ने कहा कि पुजारी को क्वारंटाइन होना था. लेकिन, पुजारी द्वारा ऐसा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि राजस्व उपनिरीक्षक को तत्काल पुजारी को ढूंढ़ने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा न करने पर आपदा एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.