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चारधाम यात्रा के लिए ई-पास बना मुसीबत, बिना रजिस्ट्रेशन श्रद्धालु नहीं कर पा रहे दर्शन

चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों को पहुंच रहे हैं. लेकिन श्रद्धालुओं के पास ई-पास न होने से बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है. जिससे वे काफी परेशान है.

chardham yatra
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Published : Oct 2, 2021, 7:18 AM IST

Updated : Oct 2, 2021, 8:28 AM IST

चमोली: चारधाम यात्रा के लिए सरकार की ओर से की गई ई-पास की व्यवस्था तीर्थयात्रियों के लिए आफत का सबब बन गई है. तीर्थयात्रियों का कहना है कि बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर जहां ऋषिकेश से पांडुकेश्वर तक ई-पास को लेकर कोई पूछताछ नहीं की जा रही है. वहीं, पांडुकेश्वर में ई-पास न होने पर प्रशासन ने उन्हें बदरीनाथ जाने से रोक दिया है. जिससे बाहरी राज्यों से आए तीर्थयात्रियों को खासी दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है. ई-पास न होने से बगैर बदरीविशाल के दर्शन किए कई यात्री वापस भी लौटे है.

चारधाम यात्रा के लिए ई-पास बना मुसीबत.

बता दें कि, उच्च न्यायालय के आदेश पर सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए ई-पास पंजीकरण, कोरोना टीका लगाने का प्रमाण पत्र या कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है. लेकिन ई-पास को लेकर अनभिज्ञता के चलते बदरीनाथ की यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

तीर्थयात्रियों का कहना है कि ऋषिकेश के बाद कई स्थानों पर पुलिस के द्वारा चैकिंग की जा रही हैं. अगर बगैर ई-पास के चारधाम यात्रा पर आने की मनाही है तो तीर्थयात्रियों को ऋषिकेश से ही वापस लौटा देना चाहिए. जब तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम के करीब पहुंच रहे हैं तब प्रशासन के द्वारा ई-पास का हवाला देकर तीर्थयात्रियों को वापस लौटाया जा रहा है. उनका कहना है कि प्रशासन को पांडुकेश्वर में ही ई-पास जारी करने चाहिए. ताकि कई किलोमीटर का सफर तय करने के बाद तीर्थ यात्रियों को बगैर दर्शन किए वापस न लौटना पड़े.

पढ़ें: गरतांग गली पर लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे, हर गतिविधि पर रहेगी नजर

बता दें कि बीते 16 सितंबर को नैनीताल होईकोर्ट ने चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को सशर्त खोलने की अनुमति दी थी. जिसके बाद 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. ऐसे में श्रद्धालुओं और पर्यटकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है, लेकिन चारधाम में दर्शन की तय सीमित संख्या उन्हें निराश कर रही है. क्योंकि, बिना ई-पास के दर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही है.

ई-पास रजिस्ट्रेशन जरूरीः वहीं, ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http://badrinah-Kedarnath.uk.gov.in प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड निगेटिव रिपोर्ट या फिर दोनों डोज वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जमा करना है. वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन बाद ही यात्रा मार्ग पर जाने की अनुमति दी जाएगी. जिन लोगों को दोनों डोज नहीं लगी होंगी, उन्हें अपनी कोविड RT-PCR की 72 घंटे पुरानी निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज के बाद भी निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, जिसके बाद ही उन्हें दर्शन का पास दिया जाएगा.

चमोली: चारधाम यात्रा के लिए सरकार की ओर से की गई ई-पास की व्यवस्था तीर्थयात्रियों के लिए आफत का सबब बन गई है. तीर्थयात्रियों का कहना है कि बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर जहां ऋषिकेश से पांडुकेश्वर तक ई-पास को लेकर कोई पूछताछ नहीं की जा रही है. वहीं, पांडुकेश्वर में ई-पास न होने पर प्रशासन ने उन्हें बदरीनाथ जाने से रोक दिया है. जिससे बाहरी राज्यों से आए तीर्थयात्रियों को खासी दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है. ई-पास न होने से बगैर बदरीविशाल के दर्शन किए कई यात्री वापस भी लौटे है.

चारधाम यात्रा के लिए ई-पास बना मुसीबत.

बता दें कि, उच्च न्यायालय के आदेश पर सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए ई-पास पंजीकरण, कोरोना टीका लगाने का प्रमाण पत्र या कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है. लेकिन ई-पास को लेकर अनभिज्ञता के चलते बदरीनाथ की यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

तीर्थयात्रियों का कहना है कि ऋषिकेश के बाद कई स्थानों पर पुलिस के द्वारा चैकिंग की जा रही हैं. अगर बगैर ई-पास के चारधाम यात्रा पर आने की मनाही है तो तीर्थयात्रियों को ऋषिकेश से ही वापस लौटा देना चाहिए. जब तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम के करीब पहुंच रहे हैं तब प्रशासन के द्वारा ई-पास का हवाला देकर तीर्थयात्रियों को वापस लौटाया जा रहा है. उनका कहना है कि प्रशासन को पांडुकेश्वर में ही ई-पास जारी करने चाहिए. ताकि कई किलोमीटर का सफर तय करने के बाद तीर्थ यात्रियों को बगैर दर्शन किए वापस न लौटना पड़े.

पढ़ें: गरतांग गली पर लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे, हर गतिविधि पर रहेगी नजर

बता दें कि बीते 16 सितंबर को नैनीताल होईकोर्ट ने चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को सशर्त खोलने की अनुमति दी थी. जिसके बाद 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. ऐसे में श्रद्धालुओं और पर्यटकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है, लेकिन चारधाम में दर्शन की तय सीमित संख्या उन्हें निराश कर रही है. क्योंकि, बिना ई-पास के दर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही है.

ई-पास रजिस्ट्रेशन जरूरीः वहीं, ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http://badrinah-Kedarnath.uk.gov.in प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड निगेटिव रिपोर्ट या फिर दोनों डोज वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जमा करना है. वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन बाद ही यात्रा मार्ग पर जाने की अनुमति दी जाएगी. जिन लोगों को दोनों डोज नहीं लगी होंगी, उन्हें अपनी कोविड RT-PCR की 72 घंटे पुरानी निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज के बाद भी निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, जिसके बाद ही उन्हें दर्शन का पास दिया जाएगा.

Last Updated : Oct 2, 2021, 8:28 AM IST
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