जोशीमठ: नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव से परेशान स्थानीय लोगों ने शनिवार को विशाल जन आक्रोश रैली (Huge mass protest rally in Joshimath) आयोजित की. इस दौरान सरकार के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शनकारी तहसील परिसर पहुंचे. जोशीमठ नगर में भू-धंसाव (Landslide in Joshimath) का शीघ्र ट्रीटमेंट कार्य करने और नगर परिक्षेत्र में चल रहे सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर तत्काल रोक लगाने की मांग उठाई गई. जोशीमठ संघर्ष समिति की ओर से एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया. इस दौरान समर्थन में जोशीमठ बाजार भी बंद रहा.
सुबह करीब 11 बजे बदरीनाथ स्टैंड से मारवाड़ी चौक होते हुए तहसील परिसर तक आक्रोश रैली आयोजित की गई. तहसील में रैली धरने में तब्दील हुई. जोशीमठ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर हुए विभिन्न वैज्ञानिक भूगर्भीय अध्ययनों और उनकी रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए तत्काल ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया जाए. नगर के ट्रीटमेंट से पूर्व सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जाए. मांग की गई कि एनटीपीसी के तपोवन जल विद्युत परियोजना की सुरंग को भू-धंसाव का कारण मानते हुए प्रभावित परिवारों को नुकसान की भरपाई के लिए निर्देशित किया जाए. उनके पुनर्वास के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाए.
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कमेटी में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति को भी शामिल किया जाए. उत्तराखंड सरकार की वर्तमान विस्थापन व पुनर्वास नीति में संशोधन की मांग भी उठाई गई. प्रदर्शनकारियों ने बदरीनाथ हाईवे के बाईपास मार्ग का निर्माण कार्य भी रोकने की मांग की. बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने कहा जोशीमठ नगर खतरे की जद में है. विधानसभा में तत्काल जोशीमठ के पुनर्वास व मुआवजे की व्यवस्था होनी चाहिए. संघर्ष समिति के अध्यक्ष व नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार ने कहा नवंबर 2021 से जोशीमठ नगर भू-धंसाव की चपेट में है. उन्होंने इसके लिए एनटीपीसी और बदरीनाथ बाईपास मार्ग निर्माण को इसका जिम्मेदार बताया.