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इंडो-चीन बार्डर पर बसे गांवों में ढाई माह से नेटवर्क ठप, डीएम ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र

चमोली जिले की सीमांत नीती घाटी में नेटवर्क ठप है. कनेक्टिविटी न होने की वजह से घाटी की करीब 6 हजार की ग्रामीण आबादी और वहां तैनात सेना का संपर्क जिला मुख्यालय गोपेश्वर सहित देश-दुनिया से कट गया है.

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Published : Jun 29, 2019, 3:20 PM IST

Updated : Jun 29, 2019, 3:33 PM IST

भारत चीन सीमा स्थित नीती घाटी.

चमोली: जनपद में स्थित भारत-चीन सीमा के नीती घाटी में बसे 11 गांवों समेत आईटीबीपी और बीआरओ की चौकियों में नेटवर्क नहीं हैं. यहां करीब ढाई माह से नेटवर्क कनेक्टिविटी ने होने के कारण देश-दुनिया से इन गांवों और सेना का संपर्क कटा हुआ है. संचार के लिए अहम नेटवर्क न होने से घाटी निवासी और सेना के जवानों के बीच सूचना का आदान-प्रदान नहीं हो पा रहा है.

भारत चीन सीमा की घाटी के गांवों में नेटवर्क ठप.

चमोली जिले की सीमांत नीती घाटी के गमशाली, नीती, बम्पा, मेहरगांव, कैलाशपुर, मलारी, फरकिया, कोषा, झेलम, द्रोणागिरी और कागा गरपक ग्राम पंचायतों के साथ ही अतिरिक्त सेना, आईटीबीपी, बीआरओ की मलारी, रिमखिम, सुमन्ना, लपथल, गमशाली, शिपुक, बमलाश जैसी सीमा चौकियां डीएसपीटी (डिजिटल सैटेलाइट फोन टर्मिनल) के जरिये ही देश से जुड़ी हुई है. मगर बीते ढाई माह से सैटेलाइट नेटवर्क कनेक्टिविटी में खराबी आने से घाटी के सभी सैटेलाइट फोन ठप पड़े हैं. नेटवर्क ने जिससे घाटी में निवास करने वाली करीब 6 हजार की ग्रामीण आबादी का संपर्क देश दुनिया सहित जिला मुख्यालय गोपेश्वर से पूरी तरह कट गया है.

पढ़ें- अल्मोड़ा के 400 युवाओं ने नशे के खिलाफ लगाई दौड़

महाप्रबंधक दूरसंचार श्रीनगर (गढ़वाल) विजयपाल का कहना है कि यह स्थिति जियोसिक्रोनस अर्थ ऑर्बिट (भूसमकालिक कक्षा) में स्थापित सैटेलाइट से नीती घाटी में सिग्नल नहीं मिलने के कारण पैदा हुई है. उन्होंने बताया कि जल्द इसरो की ओर से भूसमकालिक कक्षा में दूसरी सैटेलाइट स्थापित की जानी जानी है. इस प्रक्रिया में करीब डेढ़ माह का समय लग सकता है, जिसके बाद ही नीती घाटी और सेना की चौकियों में संचार व्यवस्था बहाल हो पाएगी.

पूरे मामले पर जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस.भदौरिया का कहना है कि नीती घाटी में कनेक्टिविटी समस्या को लेकर सयुंक्त सचिव डीएसपीटी से भी बात की गई है. उन्होंने बताया कि कनेक्टिविटी न होने से बैंकिंग सेवाओं मे भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, जिसके लिए बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट की तैनाती कर दी गई है. डीएम ने बताया कि सीमांत क्षेत्र होने की वजह से कनेक्टिविटी जल्द बहाल करने को लेकर भारत सरकार को भी पत्र लिखा गया है.

चमोली: जनपद में स्थित भारत-चीन सीमा के नीती घाटी में बसे 11 गांवों समेत आईटीबीपी और बीआरओ की चौकियों में नेटवर्क नहीं हैं. यहां करीब ढाई माह से नेटवर्क कनेक्टिविटी ने होने के कारण देश-दुनिया से इन गांवों और सेना का संपर्क कटा हुआ है. संचार के लिए अहम नेटवर्क न होने से घाटी निवासी और सेना के जवानों के बीच सूचना का आदान-प्रदान नहीं हो पा रहा है.

भारत चीन सीमा की घाटी के गांवों में नेटवर्क ठप.

चमोली जिले की सीमांत नीती घाटी के गमशाली, नीती, बम्पा, मेहरगांव, कैलाशपुर, मलारी, फरकिया, कोषा, झेलम, द्रोणागिरी और कागा गरपक ग्राम पंचायतों के साथ ही अतिरिक्त सेना, आईटीबीपी, बीआरओ की मलारी, रिमखिम, सुमन्ना, लपथल, गमशाली, शिपुक, बमलाश जैसी सीमा चौकियां डीएसपीटी (डिजिटल सैटेलाइट फोन टर्मिनल) के जरिये ही देश से जुड़ी हुई है. मगर बीते ढाई माह से सैटेलाइट नेटवर्क कनेक्टिविटी में खराबी आने से घाटी के सभी सैटेलाइट फोन ठप पड़े हैं. नेटवर्क ने जिससे घाटी में निवास करने वाली करीब 6 हजार की ग्रामीण आबादी का संपर्क देश दुनिया सहित जिला मुख्यालय गोपेश्वर से पूरी तरह कट गया है.

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महाप्रबंधक दूरसंचार श्रीनगर (गढ़वाल) विजयपाल का कहना है कि यह स्थिति जियोसिक्रोनस अर्थ ऑर्बिट (भूसमकालिक कक्षा) में स्थापित सैटेलाइट से नीती घाटी में सिग्नल नहीं मिलने के कारण पैदा हुई है. उन्होंने बताया कि जल्द इसरो की ओर से भूसमकालिक कक्षा में दूसरी सैटेलाइट स्थापित की जानी जानी है. इस प्रक्रिया में करीब डेढ़ माह का समय लग सकता है, जिसके बाद ही नीती घाटी और सेना की चौकियों में संचार व्यवस्था बहाल हो पाएगी.

पूरे मामले पर जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस.भदौरिया का कहना है कि नीती घाटी में कनेक्टिविटी समस्या को लेकर सयुंक्त सचिव डीएसपीटी से भी बात की गई है. उन्होंने बताया कि कनेक्टिविटी न होने से बैंकिंग सेवाओं मे भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, जिसके लिए बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट की तैनाती कर दी गई है. डीएम ने बताया कि सीमांत क्षेत्र होने की वजह से कनेक्टिविटी जल्द बहाल करने को लेकर भारत सरकार को भी पत्र लिखा गया है.

Intro:चमोली जनपद में स्थित भारत-चीन सीमा पर स्थित नीती घाटी में बसे 11 गांवो समेत आईटीबीपी और बीआरओ की चौकियों का बीते ढाई माह से नेटवर्क कनेक्टिविटी ने होने के कारण देश दुनिया से संचार संपर्क कटा हुआ है ।जिससे घाटी में रहने वाले लोगो सहित सेना के जवानों को भी सूचना आदान प्रदान करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।


नीती घाटी और बॉर्डर के फाइल विस्वल मेल से भेजे है।


Body:चमोली जिले की सीमांत नीती घाटी के गमशाली ,नीती,बम्पा,मेहरगांव,कैलाशपुर,मलारी,फरकिया,कोषा, झेलम,द्रोणागिरी,व कागा गरपक ग्रामपंचायतों के अतिरिक्त सेना ,आईटीबीपी,बीआरओ की मलारी,रिमखिम,सुमन्ना,लपथल,गमशाली,शिपुक,बमलाश आदि सीमा चौकियां डीएसपीटी(डिजिटल सैटेलाइट फोन टर्मिनल)के जरिये ही देश से जुड़ी हुई है।मगर बीते ढाई माह से सैटेलाइट नेटवर्क कनेक्टिविटी में खराबी आने से घाटी के सैटेलाइट फोन ठप पड़े हुए है,जिससे घाटी में निवास करने वाली करीब 6 हजार की ग्रामीण आबादी का संपर्क देश दुनिया सहित ज़िला मुख्यालय गोपेश्वर से पूरी तरह कट गया है।जिससे लोगो को सूचनाओं के आदान प्रदान करने को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

महाप्रबंधक दूरसंचार श्रीनगर (गढ़वाल) विजयपाल का कहना है कि यह स्थति जियोसिक्रोनस अर्थ ऑर्बिट(भूसमकालिक कक्षा)में स्थाफ़ित सैटेलाइट से नीती घाटी में सिग्नल नही मिलने के कारण उतपन्न हुई है।जिससे घाटी के सभी सैटेलाइट फोनों ने काम करना बंद कर दिया है।बताया कि जल्द इसरो की ओर से भूसमकालिक कक्षा में दूसरी सैटेलाइट स्थापित की जानी जानी है,इस प्रक्रिया में डेढ़ माह का समय लग सकता है।जिसके बाद ही नीती घाटी और सेना की चौकियों में संचार व्यवस्था बहाल हो पाएगी।


Conclusion:बता दे कि नीती घाटी चीन सीमा से लगे होने के कारण सामरिक दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण है।पूरे मामले पर जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि नीती घाटी में कनेक्टिविटी समस्या को लेकर सयुंक्त सचिव डीएसपीटी से भी बात की गई है।नीती घाटी में कनैक्टिविटी न होने से बैंकिंग समस्याओं में भी दिक्कत को देखते हुए बैंकिंग करसपोंडेंट की तैनाती कर दी गई है,अब घाटी में बैंकिंग सम्बंधित कोई दिक्कत नही है।सीमांत क्षेत्र होने की वजह से कनेक्टिविटी जल्द बहाल करने को लेकर भारत सरकार को पत्र लिखा गया हैं, जिसमे कि आगामी कार्यवाही की जा रही है।

बाईट-स्वाति एस भदौरिया-जिलाधिकारी चमोली
Last Updated : Jun 29, 2019, 3:33 PM IST
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