चमोली: जनपद में स्थित भारत-चीन सीमा के नीती घाटी में बसे 11 गांवों समेत आईटीबीपी और बीआरओ की चौकियों में नेटवर्क नहीं हैं. यहां करीब ढाई माह से नेटवर्क कनेक्टिविटी ने होने के कारण देश-दुनिया से इन गांवों और सेना का संपर्क कटा हुआ है. संचार के लिए अहम नेटवर्क न होने से घाटी निवासी और सेना के जवानों के बीच सूचना का आदान-प्रदान नहीं हो पा रहा है.
चमोली जिले की सीमांत नीती घाटी के गमशाली, नीती, बम्पा, मेहरगांव, कैलाशपुर, मलारी, फरकिया, कोषा, झेलम, द्रोणागिरी और कागा गरपक ग्राम पंचायतों के साथ ही अतिरिक्त सेना, आईटीबीपी, बीआरओ की मलारी, रिमखिम, सुमन्ना, लपथल, गमशाली, शिपुक, बमलाश जैसी सीमा चौकियां डीएसपीटी (डिजिटल सैटेलाइट फोन टर्मिनल) के जरिये ही देश से जुड़ी हुई है. मगर बीते ढाई माह से सैटेलाइट नेटवर्क कनेक्टिविटी में खराबी आने से घाटी के सभी सैटेलाइट फोन ठप पड़े हैं. नेटवर्क ने जिससे घाटी में निवास करने वाली करीब 6 हजार की ग्रामीण आबादी का संपर्क देश दुनिया सहित जिला मुख्यालय गोपेश्वर से पूरी तरह कट गया है.
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महाप्रबंधक दूरसंचार श्रीनगर (गढ़वाल) विजयपाल का कहना है कि यह स्थिति जियोसिक्रोनस अर्थ ऑर्बिट (भूसमकालिक कक्षा) में स्थापित सैटेलाइट से नीती घाटी में सिग्नल नहीं मिलने के कारण पैदा हुई है. उन्होंने बताया कि जल्द इसरो की ओर से भूसमकालिक कक्षा में दूसरी सैटेलाइट स्थापित की जानी जानी है. इस प्रक्रिया में करीब डेढ़ माह का समय लग सकता है, जिसके बाद ही नीती घाटी और सेना की चौकियों में संचार व्यवस्था बहाल हो पाएगी.
पूरे मामले पर जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस.भदौरिया का कहना है कि नीती घाटी में कनेक्टिविटी समस्या को लेकर सयुंक्त सचिव डीएसपीटी से भी बात की गई है. उन्होंने बताया कि कनेक्टिविटी न होने से बैंकिंग सेवाओं मे भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, जिसके लिए बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट की तैनाती कर दी गई है. डीएम ने बताया कि सीमांत क्षेत्र होने की वजह से कनेक्टिविटी जल्द बहाल करने को लेकर भारत सरकार को भी पत्र लिखा गया है.