चमोली: बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार देर रात बदरी-केदार मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल और भाजपा के ओबीसी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष कुलदीप चौहान की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. हादसे के 50 घंटे बीत जाने के बाद भी दोनों शवों को रेस्क्यू नहीं किया जा सका है. ऐसे में स्थानीय लोगों की ओर से शासन और प्रशासन सहित आपदा प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. ग्राम पंचायत तपोवन के ग्राम प्रधान किशोर कन्याल ने रेस्क्यू कार्य में हो रही देरी के लिए जिला प्रशासन व आपदा प्रबंधन विभाग को दोषी ठहराया है.
दुर्घटना के बाद खुद चमोली की डीएम स्वाति एस. भदौरिया ने घटनास्थल पर जाकर रेस्क्यू कार्यों का जायजा लिया था. रेस्क्यू कार्य में गति लाने के निर्देश एनडीआरएफ और मौके पर मौजूद पुलिस टीम सहित प्रशासन की टीम को दिए थे.
दुखद! पूर्व BKTC अध्यक्ष और ओबीसी मोर्चे के जिलाध्यक्ष की सड़क हादसे में मौत
रेस्क्यू अभियान का जिम्मा संभाले एनडीआरएफ के टीम प्रभारी राजेंद्र बिष्ट का कहना है कि देर शाम डीएम के आदेश पर अंधेरे के कारण रेस्क्यू अभियान रोकना पड़ा था. सुबह 4 बजे से एक बार फिर पहाड़ी पर अटके शवों को निकालने के लिए अलकनंदा नदी के ऊपर से रस्सी डालकर जवानों को खाई के ठीक नीचे भेजा गया है, जिसके बाद शवों को स्ट्रेचर में बांधकर नदी के पार कर लाया जाएगा. इस प्रक्रिया में समय लग सकता है.
गौर हो कि बदरी-केदार मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल बीजेपी की बैठक के बाद रविवार (11 अक्टूबर) सुबह कर्णप्रयाग से घर को लौट रहे थे. उनके साथ ही बीजेपी ओबीसी मोर्चा के जिला अध्यक्ष कुलदीप चौहान भी मौजूद थे. उनकी कार पीपलकोटी के पास बेकाबू होकर गहरी खाई में समा गई. लोगों ने तुरंत ही पुलिस को सूचना दी. रविवार शाम को डीएम ने इस घटना और बीजेपी नेताओं की मौत होने की पुष्टि की.
काफी मशक्कत के बाद घटनास्थल का पता चल पाया. सोमवार सुबह एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया. एसडीआरएफ के जवानों ने रस्सियों के सहारे खाई में उतरने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद बदरीनाथ हाईवे के दूसरी ओर यानी अलकनंदा नदी को पार कर खाई में उतरने की कोशिश की गई है. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है.