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जोखिम रास्तों को पार कर तेफना गांव पहुंची नंदा लोकजात यात्रा

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Published : Aug 26, 2019, 9:44 PM IST

नंदा लोकजात यात्रा सिद्धपीठ कुरुड़ से कैलाश के लिए विदा होकर रात्रि प्रवास के लिए जंगलों के बीच जोखिम भरे पैदल रास्तों को पार करते हुए तेफना गांव पहुंची.

तेफना गांव पहुंची नंदा लोकजात

चमोली: इन दिनों चमोली में नंदा देवी की लोकजात यात्रा चल रही है. जैसे-जैसे यात्रा अपने पड़ाव की ओर आगे बढ़ रही है, वैसे ही यात्रा में शामिल होने के लिए नंदा देवी के भक्तों का हुजूम भी उमड़ रहा है. 21 अगस्त से सिद्धपीठ कुरुड़ से कैलाश के लिए विदा हुई बंगाण गांव की नंदा लोकजात 26 अगस्त को रात्रि प्रवास के लिए जंगलों के बीच जोखिम भरे पैदल रास्तों को पार होते हुए तेफना गांव पहुंची.

तेफना गांव पहुंची नंदा लोकजात


गंडासू गांव के लिए जाने वाले रास्ते में मोलागाड गदेरे में पुलिया न होने के कारण गंडासू और बनाला गांव के ग्रामीणों ने खुद के संसाधनों से लकड़ी की पुलिया बनाई, तब जाकर मां नंदा की डोली को अस्थाई पुलिया से नदी पार करवाकर गांव में प्रवेश करवाया गया. बीते दिनों चमोली में हुई भारी बारिश और भू-स्खलन से कई जगहों पर आपदा से पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हैं. जिससे यात्रा में शामिल हो रहे नंदा के भक्तों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ेंः साल में एक दिन खुलता है यह मंदिर, भाइयों से पहले भगवान वंशीनारायण को राखी बांधती हैं महिलाएं

26 अगस्त को बनाला गांव में सुबह 6 बजे मां नंदा की विशेष पूजा संपन्न हुई. ग्रामीणों ने मां नंदा को ककड़ी, मक्का, चावल, और श्रृंगार सामग्री भेंट की. इसके बाद 11 बजे मां नंदा की डोली ने अपने भक्तों से विदा ली और गंडासू से तेफना गांव के लिए प्रस्थान किया. शाम 5 बजे नंदा की डोली तेफना गांव पहुंची. तेफना गांव के ग्रामीण लोकजात यात्रा का स्वागत करने के लिए गांव की सीमा तक पहुंचे थे.

पढ़ेंः मां नंदा देवी की लोकजात हुई शुरू, नम आंखों से कैलाश के लिए विदा हुई डोली


नंदा लोकजात यात्रा के पड़ावों में नंदा भक्तों को हो रही दिक्कतों को लेकर डीएम स्वाति एस भदौरिया ने विद्युत विभाग, पेयजल और लोकनिर्माण विभाग सहित जिलापंचायत के अधिकारियों की जिला सभागार में बैठक ली. पैदल रास्तों को सुधारने व नंदादेवी लोकजात पड़ावों में बिजली और पानी की आपूर्ति तत्काल सुचारू रखने के निर्देश दिए गए हैं.

चमोली: इन दिनों चमोली में नंदा देवी की लोकजात यात्रा चल रही है. जैसे-जैसे यात्रा अपने पड़ाव की ओर आगे बढ़ रही है, वैसे ही यात्रा में शामिल होने के लिए नंदा देवी के भक्तों का हुजूम भी उमड़ रहा है. 21 अगस्त से सिद्धपीठ कुरुड़ से कैलाश के लिए विदा हुई बंगाण गांव की नंदा लोकजात 26 अगस्त को रात्रि प्रवास के लिए जंगलों के बीच जोखिम भरे पैदल रास्तों को पार होते हुए तेफना गांव पहुंची.

तेफना गांव पहुंची नंदा लोकजात


गंडासू गांव के लिए जाने वाले रास्ते में मोलागाड गदेरे में पुलिया न होने के कारण गंडासू और बनाला गांव के ग्रामीणों ने खुद के संसाधनों से लकड़ी की पुलिया बनाई, तब जाकर मां नंदा की डोली को अस्थाई पुलिया से नदी पार करवाकर गांव में प्रवेश करवाया गया. बीते दिनों चमोली में हुई भारी बारिश और भू-स्खलन से कई जगहों पर आपदा से पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हैं. जिससे यात्रा में शामिल हो रहे नंदा के भक्तों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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26 अगस्त को बनाला गांव में सुबह 6 बजे मां नंदा की विशेष पूजा संपन्न हुई. ग्रामीणों ने मां नंदा को ककड़ी, मक्का, चावल, और श्रृंगार सामग्री भेंट की. इसके बाद 11 बजे मां नंदा की डोली ने अपने भक्तों से विदा ली और गंडासू से तेफना गांव के लिए प्रस्थान किया. शाम 5 बजे नंदा की डोली तेफना गांव पहुंची. तेफना गांव के ग्रामीण लोकजात यात्रा का स्वागत करने के लिए गांव की सीमा तक पहुंचे थे.

पढ़ेंः मां नंदा देवी की लोकजात हुई शुरू, नम आंखों से कैलाश के लिए विदा हुई डोली


नंदा लोकजात यात्रा के पड़ावों में नंदा भक्तों को हो रही दिक्कतों को लेकर डीएम स्वाति एस भदौरिया ने विद्युत विभाग, पेयजल और लोकनिर्माण विभाग सहित जिलापंचायत के अधिकारियों की जिला सभागार में बैठक ली. पैदल रास्तों को सुधारने व नंदादेवी लोकजात पड़ावों में बिजली और पानी की आपूर्ति तत्काल सुचारू रखने के निर्देश दिए गए हैं.

Intro:इन दिनों चमोली जनपद में नंदा देवी की लोकजात यात्रा चल रही है ।जैसे-जैसे यात्रा अपने पड़ाव की ओर आगे बढ़ रही है वैसे ही यात्रा में शामिल होने के लिए नंदा भक्तों का हुजूम भी उमड़ रहा है। 21 अगस्त से सिद्धपीठ कुरुड़ से कैलाश के लिए विदा हुई बधाण क्षेत्र की नंदादेवी की डोली आज सोमवार को रात्रि प्रवास के लिए जंगलो के बीच और बारिश से क्षत्रिग्रस्त हुये जोखिम भरे पैदल रास्तो को पार होते हुए माँ नंदा की डोली बंगाली गांव पहुंची। जबकि दशोली क्षेत्र की माँ नंदा की डोली तेफना गांव पहुंची है।

विस्वल मेल से भेजा है।


Body:दरअसल गण्डासू गांव के लिए जाने वाले रास्ते मे मोलागाड गधरे में पुलिया ना होने के कारण गण्डासू और बनाला गांव के ग्रामीणों ने स्वयं के संसाधनों से लकड़ी की पुलिया बनाई ।तब जाकर मां नंदा की डोली को अस्थाई पुलिया से नदी पार करवाकर गांव में प्रवेश करवाया गया।बीते दिनों चमोली में हुई बारिश से कई जगह पर आपदा से पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त पड़े हुए हैं। जिससे यात्रा में शामिल हो रहे हैं नंदा भक्तों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को बनाला गांव में सुबह 6:00 बजे मां नंदा की विशेष पूजा संपन्न हुई ग्रामीणों ने मां नंदा को ककड़ी, मक्का, चावल, और श्रृंगार सामग्री भेंट की। पूर्वाहन 11:00 माँ नंदा की डोली ने अपने भक्तों से विदा लेकर गण्डासू से तेफना गांव के लिए प्रस्थान किया। शाम को 5:00 बजे नंदा की डोली तेफना गांव पहुंची। तेफना गांव के ग्रामीण लोकजात यात्रा का स्वागत करने के लिए गांव की सीमा तक पहुंचे थे।


Conclusion:वंही नंदालोकजात यात्रा में पड़ावों में नंदाभक्तो को हो रही दिक्कतो को लेकर डीएम चमोली स्वाति एस भदौरिया ने विद्युत विभाग ,पेयजल, और लोकनिर्माण विभाग ,सहित जिलापंचायत के अधिकारियों की ज़िला सभागार में बैठक लेकर पड़ावों को जाने वाले पैदल रास्तो को सुधारने व नंदादेवी लोकजात पड़ावों में बिजली और पानी की आपूर्ति तत्काल सुचारू रखने के निर्देश दिए है।
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