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त्रेतायुग में सीता जी को पसंद था जो कस्तूरी मृग, वो केदारनाथ वाइल्ड सेंचुरी एरिया में दिखा

केदारनाथ वन प्रभाग के वाइल्ड सेंचुरी एरिया में कस्तूरी मृग की मौजूदगी देखी गई है.

Musk deer seen in the Wild Century area of Kedarnath Forest Division
केदारनाथ वन प्रभाग वाईल्ड सेंचुरी एरिया में देखा गया कस्तूरी मृग
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Published : Jun 7, 2021, 5:49 PM IST

Updated : Jun 7, 2021, 7:00 PM IST

चमोली: केदारनाथ वन प्रभाग के वाइल्ड सेंचुरी एरिया कांचुलाखर्क और सौर खर्क में अति दुर्लभ जीवों में शामिल कस्तूरी मृग विचरण करते देखे गए हैं. केदारनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक अमित कंवर ने कांचुलाखर्क के आसपास से कैमरे में कस्तूरी मृग की तस्वीरें कैद की हैं. इस संरक्षित वन क्षेत्र में कस्तूरी मृग की बढ़ती संख्या से वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है. केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग हिमालयी कस्तूरी मृग के संरक्षण पर विशेष जोर दे रहा है.

वन्य जीवों की तस्करी को रोकने के लिए वन विभगा की टीमें संरक्षित वन क्षेत्र में लगातार लंबी दूरी की गश्त करने में लगी हुई हैं. बीते दिनों भ्रमण के दौरान कांचुलाखर्क और सौरखर्क में डीएफओ अमित कंवर के नेतृत्व में वन विभाग की टीमों को कस्तूरी मृग चोपता के सेंचुरी एरिया में चट्टानों में घूमते हुए दिखाई दिए. कस्तूरी मृग की कुछ तस्वीरें डीएफओ अमित कंवर ने अपने कैमरे में कैद कर ली थी. केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग कस्मूरी मृग के संरक्षण के लिए प्रयास कर रहा है. उसको बचाने के लिए सेंचुरी एरिया की चौकसी भी बढ़ाई गई है.

वाइल्ड सेंचुरी एरिया में कस्तूरी मृग

पढ़ें- हिंद के योद्धाओं के लिए खास है 'आर्मी बैंड', रणबांकुरों का बढ़ाता है हौसला

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया केदारनाथ वन्य जीव अभ्यारण्य का गठन हिमालय ‌कस्तूरी मृग के संरक्षण के लिए किया गया था. कस्तूरी मृगों की संख्या बढ़ाने के लिये कांचुलाखर्क में कस्तूरी मृग प्रजनन केंद्र भी खोला गया था, लेकिन मौसम परिवर्तन के कारण यहां कस्तूरी मृगों की मौत होती रही. वर्ष 2011 में अंतिम कस्तूरी मृग को भी यहां से दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया. कस्तूरी मृग अति दुर्लभ जीवों में शामिल है. हाल ही में कस्तूरी मृग की यहां मौजूदगी देखी गई है. कस्तूरी मृग चट्टानी भाग में घूमते दिखे हैं, जो कि इनके संरक्षण को लेकर अच्छा संकेत है.

चमोली: केदारनाथ वन प्रभाग के वाइल्ड सेंचुरी एरिया कांचुलाखर्क और सौर खर्क में अति दुर्लभ जीवों में शामिल कस्तूरी मृग विचरण करते देखे गए हैं. केदारनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक अमित कंवर ने कांचुलाखर्क के आसपास से कैमरे में कस्तूरी मृग की तस्वीरें कैद की हैं. इस संरक्षित वन क्षेत्र में कस्तूरी मृग की बढ़ती संख्या से वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है. केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग हिमालयी कस्तूरी मृग के संरक्षण पर विशेष जोर दे रहा है.

वन्य जीवों की तस्करी को रोकने के लिए वन विभगा की टीमें संरक्षित वन क्षेत्र में लगातार लंबी दूरी की गश्त करने में लगी हुई हैं. बीते दिनों भ्रमण के दौरान कांचुलाखर्क और सौरखर्क में डीएफओ अमित कंवर के नेतृत्व में वन विभाग की टीमों को कस्तूरी मृग चोपता के सेंचुरी एरिया में चट्टानों में घूमते हुए दिखाई दिए. कस्तूरी मृग की कुछ तस्वीरें डीएफओ अमित कंवर ने अपने कैमरे में कैद कर ली थी. केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग कस्मूरी मृग के संरक्षण के लिए प्रयास कर रहा है. उसको बचाने के लिए सेंचुरी एरिया की चौकसी भी बढ़ाई गई है.

वाइल्ड सेंचुरी एरिया में कस्तूरी मृग

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केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया केदारनाथ वन्य जीव अभ्यारण्य का गठन हिमालय ‌कस्तूरी मृग के संरक्षण के लिए किया गया था. कस्तूरी मृगों की संख्या बढ़ाने के लिये कांचुलाखर्क में कस्तूरी मृग प्रजनन केंद्र भी खोला गया था, लेकिन मौसम परिवर्तन के कारण यहां कस्तूरी मृगों की मौत होती रही. वर्ष 2011 में अंतिम कस्तूरी मृग को भी यहां से दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया. कस्तूरी मृग अति दुर्लभ जीवों में शामिल है. हाल ही में कस्तूरी मृग की यहां मौजूदगी देखी गई है. कस्तूरी मृग चट्टानी भाग में घूमते दिखे हैं, जो कि इनके संरक्षण को लेकर अच्छा संकेत है.

Last Updated : Jun 7, 2021, 7:00 PM IST
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