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जोशीमठ भू धंसाव: 107 दिन से चल रहा आंदोलन समाप्त, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति को इन मांगों पर मिला आश्वासन - जोशीमठ आंदोलन समाप्त

जोशीमठ में भू धंसाव और पीड़ितों के उचित बंदोबस्त की मांग को लेकर चल रहा जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति का आंदोलन समाप्त हो गया है. ये आंदोलन तीन महीने से भी ज्यादा यानी 107 दिन तक चला. सरकार ने समिति को 11 सूत्रीय मांगों पर लिखित आश्वासन दिया है.

Pushkar Singh Dhami government
जोशीमठ समाचार
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Published : Apr 21, 2023, 9:52 AM IST

Updated : Apr 21, 2023, 10:01 AM IST

चमोली: जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति आखिरकार अपना आंदोलन वापस लेने पर सहमत हो गई है. बताया जा रहा है कि समिति को धामी सरकार ने उनकी 11 सूत्रीय मांगों पर लिखित आश्वासन दिया है. कॉमरेड अतुल सती इस लंबे आंदोलन के सूत्रधार थे. जोशीमठ इलाके के प्रभावित गांवों के लोग उनके साथ इन 107 दिनों में कंधे से कंधा मिलाकर डटे थे.

लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त: कॉमरेड अतुल सती ने जोशीमठ प्रभावितों को लेकर पहले धरना प्रदर्शन शुरू किया था. जब बात नहीं बनी तो उन्होंने जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति बनाकर आंदोलन शुरू कर दिया था. पिछले तीन महीने से भी ज्यादा समय से जोशीमठ में कड़ाके की सर्दी में भी संघर्ष समिति का आंदोलन जारी थी. समिति ने 27 अप्रैल से शुरू हो रही बदरीनाथ धाम यात्रा के दिन चक्का जाम की चेतावनी भी दी थी. लेकिन ऐसी स्थिति नहीं आई. बताया जा रहा है कि सरकार के लिखित आश्वासन के बाद जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने अपना आंदोलन फिलहाल समाप्त कर दिया है.

11 सूत्रीय मांगों पर होगा गौर: बताया जा रहा है कि जोशीमठ भू धंसाव के खिलाफ और लोगों के उचित पुनर्वास समेत सारे इंतजाम की मांग को लेकर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने आंदोलन किया था. अब 11 सूत्रीय मांगों पर लिखित आश्वासन मिला है. जोशीमठ अनुविभागीय मजिस्ट्रेट के लिखित (written) आश्वासन के बाद आंदोलन फिलहाल वापस ले लिया गया है. अब जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति 11 मई को प्रशासन के कदमों की समीक्षा करेगी. उसके बाद समिति आगे की कार्रवाई को लेकर अपनी रणनीति तय करेगी.
ये भी पढ़ें:

ये हैं समिति की मुख्य मांगें:

  • जोशीमठ शहर आपदा प्रभावित घोषित हो. प्रभावितों को हुए नुकसान की भरपाई की जाए.
  • जोशीमठ भूधंसाव की अध्ययन रिपोर्ट सार्वजनिक हो.
  • मुआवजा नीति से होम स्टे को व्यावसायिक श्रेणी से हटाएं.
  • बेघर लोगों की वैकल्पिक आवास व्यवस्था एक साल तक चले.
  • तपोवन-विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना की एजेंसी एनटीपीसी कंपनी से हुआ 2010 का समझौता लागू हो.

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अतुल सती के नेतृत्व में बीते 107 दिनों से जोशीमठ तहसील परिसर में धरना चल रहा था. गुरुवार को एसडीएम कुमकुम जोशी धरना स्थल पर पहुंचीं. उन्होंने समिति को एक पत्र सौंपा. पत्र में आठ अप्रैल को मुख्यमंत्री और समिति के बीच 11 सूत्री मांगों पर हुई सकारात्मक वार्ता का जिक्र किया गया है. एसडीएम ने कहा कि प्रशासन मांगों को लेकर समय-समय पर समिति से वार्ता कर कार्रवाई करेगा. समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि 20 दिन बाद यदि मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो फिर आंदोलन किया जाएगा. वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता वीरेंद्र ने आपदा प्रभावितों से भेंट कर उनकी समस्याएं सुनीं. उन्होंने कहा कि पुनर्वास, मुआवजा व जोशीमठ के विकास की मांगों को केंद्र सरकार के सामने रखा जाएगा.

चमोली: जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति आखिरकार अपना आंदोलन वापस लेने पर सहमत हो गई है. बताया जा रहा है कि समिति को धामी सरकार ने उनकी 11 सूत्रीय मांगों पर लिखित आश्वासन दिया है. कॉमरेड अतुल सती इस लंबे आंदोलन के सूत्रधार थे. जोशीमठ इलाके के प्रभावित गांवों के लोग उनके साथ इन 107 दिनों में कंधे से कंधा मिलाकर डटे थे.

लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त: कॉमरेड अतुल सती ने जोशीमठ प्रभावितों को लेकर पहले धरना प्रदर्शन शुरू किया था. जब बात नहीं बनी तो उन्होंने जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति बनाकर आंदोलन शुरू कर दिया था. पिछले तीन महीने से भी ज्यादा समय से जोशीमठ में कड़ाके की सर्दी में भी संघर्ष समिति का आंदोलन जारी थी. समिति ने 27 अप्रैल से शुरू हो रही बदरीनाथ धाम यात्रा के दिन चक्का जाम की चेतावनी भी दी थी. लेकिन ऐसी स्थिति नहीं आई. बताया जा रहा है कि सरकार के लिखित आश्वासन के बाद जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने अपना आंदोलन फिलहाल समाप्त कर दिया है.

11 सूत्रीय मांगों पर होगा गौर: बताया जा रहा है कि जोशीमठ भू धंसाव के खिलाफ और लोगों के उचित पुनर्वास समेत सारे इंतजाम की मांग को लेकर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने आंदोलन किया था. अब 11 सूत्रीय मांगों पर लिखित आश्वासन मिला है. जोशीमठ अनुविभागीय मजिस्ट्रेट के लिखित (written) आश्वासन के बाद आंदोलन फिलहाल वापस ले लिया गया है. अब जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति 11 मई को प्रशासन के कदमों की समीक्षा करेगी. उसके बाद समिति आगे की कार्रवाई को लेकर अपनी रणनीति तय करेगी.
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ये हैं समिति की मुख्य मांगें:

  • जोशीमठ शहर आपदा प्रभावित घोषित हो. प्रभावितों को हुए नुकसान की भरपाई की जाए.
  • जोशीमठ भूधंसाव की अध्ययन रिपोर्ट सार्वजनिक हो.
  • मुआवजा नीति से होम स्टे को व्यावसायिक श्रेणी से हटाएं.
  • बेघर लोगों की वैकल्पिक आवास व्यवस्था एक साल तक चले.
  • तपोवन-विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना की एजेंसी एनटीपीसी कंपनी से हुआ 2010 का समझौता लागू हो.

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अतुल सती के नेतृत्व में बीते 107 दिनों से जोशीमठ तहसील परिसर में धरना चल रहा था. गुरुवार को एसडीएम कुमकुम जोशी धरना स्थल पर पहुंचीं. उन्होंने समिति को एक पत्र सौंपा. पत्र में आठ अप्रैल को मुख्यमंत्री और समिति के बीच 11 सूत्री मांगों पर हुई सकारात्मक वार्ता का जिक्र किया गया है. एसडीएम ने कहा कि प्रशासन मांगों को लेकर समय-समय पर समिति से वार्ता कर कार्रवाई करेगा. समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि 20 दिन बाद यदि मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो फिर आंदोलन किया जाएगा. वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता वीरेंद्र ने आपदा प्रभावितों से भेंट कर उनकी समस्याएं सुनीं. उन्होंने कहा कि पुनर्वास, मुआवजा व जोशीमठ के विकास की मांगों को केंद्र सरकार के सामने रखा जाएगा.

Last Updated : Apr 21, 2023, 10:01 AM IST
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