चमोलीः विश्वप्रसिद्ध हिमक्रीड़ा स्थल औली में आईटीबीपी के पर्वतारोहण एवं स्कीइंग संस्थान के जवान इन दिनों बुग्याल में स्कीइंग का प्रशिक्षण ले रहे हैं. आईटीबीपी का ये एकमात्र ऐसा ट्रेनिंग सेंटर है, जहां वर्षभर 90 हजार से अधिक जवानों को पर्वतारोहण और स्कीइंग का प्रशिक्षण दिया जाता है.
फरवरी से औली में होने जा रहे विंटर सैफ गेम्स की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस सीजन में बर्फबारी कम होने के चलते औली में गढ़वाल मंडल विकास निगम की ओर से भी कृत्रिम बर्फ बनाने और पर्यटकों को भी प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू कर दिया गया है. चमोली जिले में आईटीबीपी की अधिकांश चौकियां भारत-चीन सीमा पर लगभग 18 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यहां पर बर्फीले तूफान के बीच जवानों को पेट्रोलिंग और रेस्क्यू अभियान चलाना पड़ता है. इन बर्फीले स्थानों पर विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच जवान वर्षभर सीमा की निगेहबानी में डटे रहते हैं.
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इन विकट परिस्थितियों को ध्यान में रखकर जवानों को औली और गोरसों बुग्याल में स्कीइंग और पर्वतारोहण का प्रशिक्षण दिया जाता है. संस्थान के डिप्टी कमांडेंट पंकज कुमार शाह ने बताया कि बर्फीले स्थानों पर सेवा देने के लिए जवानों को स्कीइंग, पर्वतारोहण और युद्ध अभ्यास का प्रशिक्षण दिया जाता है.
जीएमवीएन (गढ़वाल मंडल विकास निगम) की ओर से भी औली में स्कीइंग का प्रशिक्षण शुरू हो गया है. औली में इस बार बर्फ कम है, इसके बावजूद दिल्ली और मुंबई से कई लोग प्रशिक्षण लेने के लिए औली पहुंच रहे हैं. औली में हर साल जीएमवीएन 7 और 14 दिनों का स्कीइंग कोर्स करवाता है. मंगलवार से स्कीइंग प्रशिक्षण शुरू हो गया है. इसमें मुंबई से छह और दिल्ली से दो लोग प्रशिक्षण के लिए पहुंचे हैं.