चमोली: जनपद चमोली के गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के बाद पूरे प्रदेश में जश्न का माहौल है. लिहाजा, आम आदमी से लेकर बड़े-बड़े राजनेताओं तक सभी के चेहरों पर खुशी साफ-साफ देखी जा सकती है. ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा के तुरंत बाद कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने ईटीवी भारत से कहा कि पहाड़ जैसी पहाड़ की समस्याओं को खत्म करने के लिए एक विजन चाहिए, क्योंकि पहाड़ को देखना है और पहाड़ का विकास करना है ?
हालांकि, पहाड़ के विकास के लिए उसका केंद्र बिंदु गैरसैण को बना दिया है और सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर यह दिखा दिया है कि जब यहां का मौसम सुहावना होगा तो यहां बैठकर पहाड़ की चिंता पर मंथन करेंगे. महाराज ने कहा कि इसके लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया जाएगा और उन हजारों गांव पर सोचा जाएगा जो खाली हो गए हैं. खासकर उन गांव पर जो सीमांत क्षेत्रों में स्थित है, क्योंकि कैसे उत्तराखंड की सीमाएं सुरक्षित रहेंगी इस ओर ध्यान देना है.
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि होली और दीपावली एक साथ मनाने का मौका मिला है. अब यह सोचना है कि पहाड़ को कैसे बचाना है, जो सुदूर गांव हैं, उनको आबाद करना है. उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश के अंतिम छोर के व्यक्ति को विकास की किरण नहीं मिलती, वास्तव में तब तक विकास नहीं हो सकता.
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ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने से पहाड़ों का विकास होगा क्योंकि पहाड़ की विकास के दिशा की ओर बढ़ते जा रहे हैं. पहाड़ों के विकास के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा बजट दिया है. इससे पहाड़ का समुचित विकास हो जाएगा, क्योंकि पेड़ों का संवर्धन और पर्यावरण को बचाने के लिए यह बहुत जरूरी है. हालांकि, यह एक बड़ी चुनौती है जिसे सरकार स्वीकार कर रही है.
वहीं, सतपाल महाराज ने कहा कि अब गैरसैंण को पर्यटन हब बनाया जाएगा. यहां कॉर्पोरेट डेस्टिनेशन के रूप में डेवलप किया जाएगा. जब गैरसैण में कॉर्पोरेट डेस्टिनेशन बनेगा तो निश्चित रूप से पर्यटक यहां का रुख करेंगे. उन्होंने कहा कि विधायक भी अपने पूरे परिवार के साथ यहां आएं और गैरसैंण की खूबसूरत वादियों का पूरा आनंद लें.