चमोलीः सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. साथ ही लोकपाल लक्ष्मण मंदिर का भी कपाट बंद किया जाएगा. अभी तक तक 10 हजार 300 यात्री हेमकुंड साहिब में मत्था टेक चुके हैं.
उच्च हिमालयी क्षेत्र में सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट आज 10 अक्टूबर को बंद होंगे. जिसे लेकर गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से सभी तैयारियां की जा रही है. इसके तहत आज सुबह 9 बजे से हेमकुंड साहिब स्थित गुरुद्वारे में शबद कीर्तन शुरू होगा. यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजे तक चलेगा. 12:30 बजे इस साल की अंतिम अरदास होगी.
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जिसके बाद दोपहर के 1 बजे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब का हुकुमनामा लिया जाएगा. पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को पंजाब के आए विशेष बैंड की धुन के साथ पंच प्यारों के अगुवाई में दरबार साहिब से सचखंड साहिब गर्भगृह में लाया जाएगा. ठीक 1ः30 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट बंद किए जाएंगे. इसके अलावा लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी अगले 6 महीने तक शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि कपाट बंदी के लिए दो हजार से अधिक श्रद्धालु घांघरिया पहुंच चुके हैं.
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18 सितंबर को शुरू हुई थी यात्राः बता दें कि इस साल कोरोना संक्रमण के चलते हेमकुंड साहिब की यात्रा 18 सितंबर से शुरू की गई थी. बावजूद इसके अभी तक 10,300 यात्री हेमकुंड साहिब पहुंचकर मत्था टेक चुके हैं. राज्य सरकार ने कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रतिदिन हेमकुंड में 1000 श्रद्धालुओं को ही दर्शन करने की अनुमति दी थी.
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गुरु गोविंद साहिब ने की थी अराधना: मान्यता है कि सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने दशम ग्रंथ को यहां लिखा था. श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां पर सिख धर्म के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह साहिब ने कई वर्षों तक महाकाल की आराधना की थी. गुरु गोविंद सिंह जी की तपस्थली होने के कारण सिख धर्म के लोगों में इस स्थान को लेकर अपार श्रद्धा है और वे तमाम दिक्कतों के बाद भी यहां पहुंचते हैं. हेमकुंड साहिब की यात्रा को सबसे कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक माना जाता है.