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चमोली: भारी बर्फबारी से अलग-थलग पड़े कई गांव, जनजीवन हुआ बेहाल - चमोली में बर्फबारी का कहर

जनपद में बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है. जिसके चलते नीती और माणा घाटी के लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं.वहीं रास्तों पर कई फीट बर्फ जमा होने से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं.

heavy-snowfall
भारी बर्फबारी से जनजीवन बेहाल
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Published : Jan 18, 2020, 1:00 PM IST

चमोलीः जनपद में बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है. जिसके चलते नीती और माणा घाटी के लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं. बर्फबारी से सीमांत के दर्जनों गांव का जनजीवन आस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं जोशीमठ मलारी बॉर्डर रोड पर भूस्खलन से लोगों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है.

भारी बर्फबारी से जनजीवन बेहाल.

बदरीनाथ घाटी के भी 4 गांवों के लोग अभी भी बर्फबारी और भूस्खलन के चलते जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं. बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के लामबगड़ में बर्फबारी के चलते हाईवे लगातार बाधित हो रहा है. जिससे लोगों को आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड: जड़ी-बूटी प्रदेश बनने का टूटा सपना, 10 सालों में नहीं हुई एक भी बोर्ड बैठक

वहीं रास्तों पर कई फीट बर्फ जमा होने से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. जनपद में बर्फवारी के अलर्ट को देखते हुए जिलाधिकारी ने सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया है. वहीं

ग्रामीणों को सड़क बंद होने से खाद्यान्न की चिंता सता जा रही है और मौसम उनकी मुश्किलों को और बढ़ा रहा है. सीमांत क्षेत्र के कई गांव विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने से अंधेरे में हैं. वहीं चमोली के 70 गांव पूरी तरह बर्फवारी की चपेट में हैं.

चमोलीः जनपद में बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है. जिसके चलते नीती और माणा घाटी के लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं. बर्फबारी से सीमांत के दर्जनों गांव का जनजीवन आस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं जोशीमठ मलारी बॉर्डर रोड पर भूस्खलन से लोगों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है.

भारी बर्फबारी से जनजीवन बेहाल.

बदरीनाथ घाटी के भी 4 गांवों के लोग अभी भी बर्फबारी और भूस्खलन के चलते जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं. बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के लामबगड़ में बर्फबारी के चलते हाईवे लगातार बाधित हो रहा है. जिससे लोगों को आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं.

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वहीं रास्तों पर कई फीट बर्फ जमा होने से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. जनपद में बर्फवारी के अलर्ट को देखते हुए जिलाधिकारी ने सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया है. वहीं

ग्रामीणों को सड़क बंद होने से खाद्यान्न की चिंता सता जा रही है और मौसम उनकी मुश्किलों को और बढ़ा रहा है. सीमांत क्षेत्र के कई गांव विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने से अंधेरे में हैं. वहीं चमोली के 70 गांव पूरी तरह बर्फवारी की चपेट में हैं.

Intro:

चमोली में बर्फबारी और का कहर लगातार जारी है जिसके चलते नीती घाटी हो या माणा घाटी हर तरफ लोगों की परेशानी बढ़ गयी है जहां सीमांत के दर्जनों गाव बर्फ की आगोश के आ गए हैं तो वही जोशीमठ मलारी बॉर्डर रोड पर भूस्खलन होने से लोगो को बारिश और बर्फबारी के बीच परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है।

रेडी टू एयर खबर।

बाइट - ग्रामीण
बाईट-लक्ष्मण बुटोला-ग्राम प्रधान सूकी।Body:जहां नीति घाटी में 12 महीने रहने वाले भोटिया जनजाति के लोग बर्फबारी होने से विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने से अंधेरे के रहने को मजबूर हैं ।वही उन्हें जरूरी कामो से जोशीमठ आने में भी रास्तों के भूस्खलन के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रह है। बद्रीनाथ घाटी के भी 4 गांवो के लोग अभी भी बर्फबारी और भूस्खलन के चलते जान जोखिम में डालकर अपने गांवो तक चलने को मजबूर है ।बद्रीनाथ रास्ट्रीय राजमार्ग 07 पर लामबगड़ स्लाइड में बर्फबारी के चलते हाइवे लगातार बन्द पड़ा हुआ है। ऐसे में ग्रामीण परेशान है।रास्तो पर बर्फ जमने से स्कूली बच्चे स्कूल तक भी नही पहुंच पा रहे है ।आज जनपद में बर्फवारी के अलर्ट को देखते हुए जनपद के सभी स्कूलों में ज़िलाधिकारी चमोली द्वारा अवकाश घोषित किया गया है।Conclusion:ग्रामीणों को सड़क बंद होने से खाद्यान की चिंता संताये जा रही है।और ऊपर से लगातार आसमान से बरसती सफेद आफत से जहां सीमांत क्षेत्र के गांव विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने से अंधेरे के साये में हैं वही यहां लगातार हो रही जबरदस्त बर्फबारी जारी है। अभी भी चमोली के 70 गांव पूरी तरह बर्फवारी की चपेट में है।
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