चमोलीः उत्तराखंड में मॉनसून की बौछार जारी है. चमोली जिले में भी बीती देर रात से मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसके चलते नदी नाले उफान पर हैं. बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कर्णप्रयाग ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग भी बीती देर रात जगह-जगह बाधित हो गई थी. करीब 13 घंटे बाद हाईवे खोल दिया गया है. ऐसे में पिंडर घाटी की लाइफ लाइन कही जाने वाली इस सड़क के बाधित होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
जानकारी के मुताबिक, कर्णप्रयाग ग्वालदम हाईवे हरमनी, नलगांव और पंती के पास मलबा आने से बाधित हो गया था. बताया जा रहा है कि 13 घंटे से ज्यादा समय हाईवे बंद रहा. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली कई लिंक मार्ग भी बंद चल रहे हैं. वहीं, लगातार हो रही बारिश की वजह से हाईवे खोलने में दिक्कतें आईं. जबकि, बीआरओ यानी सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation) के पास संसाधनों का अभाव भी देखने को मिला. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर ज्यादा जेसीबी मशीनें और संसाधन होते तो सड़क खोलने में आसानी होती, लेकिन मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में बने 6 हजार से ज्यादा लैंडस्लाइड जोन, सेंसर लगाने की तैयारी
ग्रामीणों ने बताया कि पंती से लोल्टी के बीच बीआरओ की मशीन भी खराब पड़ी हुई है. जिसकी सुध नहीं ली जा रही है. बता दें कि जिलाधिकारी ने पहले से ही भूस्खलन वाली स्थानों पर जेसीबी मशीन तैनात रखने के आदेश दिए थे, लेकिन बीआरओ की तरफ से कोई भी जेसीबी मशीन तैनात नहीं किया गया था. जिसका खामियाजा कुछ अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ा. आज कई अभ्यर्थियों को परीक्षा देने के लिए गोपेश्वर मुख्यालय जाना था, लेकिन मार्ग बंद होने से अभ्यर्थी रास्ते में ही फंस गए. जिससे उनकी परीक्षा छूट गई.
क्या बोले बीआरओ के अभियंताः वहीं, मामले में बीआरओ के सहायक अभियंता प्रदीप कुमार (BRO assistant engineer Pradeep Kumar) ने बताया कि हरमनी के पास हाईवे (Gwaldam Karnaprayag Highway) हो गया था. जिसे खोलने के लिए ग्वालदम से जेसीबी मशीन मंगाई गई. जिसके बाद बाधित हाईवे को खोल दिया गया है.