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मॉनसून के बीच जोशीमठ में फिर से पड़ने लगी दरारें, दहशत में आए लोग

जोशीमठ में एक बार फिर से दरारें नजर आने लगी हैं. इस बार सुनील वार्ड में नई दरार पड़ी है. ऐसे में मॉनसून सीजन में दरार पड़ने से लोग दहशत में आ गए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश में दरार और भू धंसाव बढ़ सकता है. जिससे वो काफी खौफजदा हैं.

Cracks in Joshimath
जोशीमठ में दरार
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Published : Jul 3, 2023, 7:21 PM IST

Updated : Jul 3, 2023, 8:24 PM IST

चमोलीः मॉनसून की बौछार के साथ ही जोशीमठ में नई दरारें पड़ने लगी है. जिससे लोगों की धड़कनें और बढ़ गई है. ताजा दरार सुनील वार्ड में आवासीय भवन और जोशीमठ औली मोटर मार्ग की रिटेनिंग दीवार के बीच पड़ा है. जिससे लोग दहशत में आ गए हैं. वहीं, दरारों ने स्थानीय लोगों और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है.

Cracks in Joshimath
जोशीमठ में घरों में पड़ी दरारें

जोशीमठ तहसीलदार रवि शाह के मुताबिक, कुछ दिन पहले सुनील वार्ड में आवासीय भवन और जोशीमठ औली मोटर मार्ग की रिटेनिंग दीवार के बीच दरार दिखाई दी थी. जिसके बाद लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की एक टीम को घटनास्थल पर जांच के लिए भेजा गया था. जब टीम मौके पर पहुंची तो पहले ही स्थानीय लोगों ने दरार को मिट्टी से भर दिया था.

Cracks in Joshimath
जोशीमठ में सड़कों पर आई थी दरार
ये भी पढ़ेंः जोशीमठ भू धंसाव के बाद मानसून बरपाएगा 'कहर'! बाशिदों को अभी से सता रही चिंता, बिगड़ सकते हैं 'हालात'

जोशीमठ तहसीलदार रवि शाह ने बताया कि जोशीमठ के हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है. जहां पर ताजा दरारें पड़ी हैं, वहां पर भी टीम नजर बनाए रखेगी. वहीं, ताजा दरार नजर आने के बाद स्थानीय लोग में डर बढ़ गया है. उनका कहना है कि मानसून के चरम में पहुंचने पर भू धंसाव और भी बढ़ सकता है. जिससे कोई अनहोनी भी हो सकती है.

Cracks in Joshimath
आवासीय घरों में दरार

वहीं, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के प्रवक्ता कमल रतूड़ी ने कहा कि सुनील वार्ड में दरारें पहले से ही थीं. अब हाल में हुई बारिश के कारण दरारें और चौड़ी होने लगी है. ताजा दरार विनोद सकलानी के घर के पास पड़ी है. यहां पर एक गड्ढा भी बना है, जो करीबन 6 फुट गहरा है. उनका ये भी कहना है कि जोशीमठ भू धंसाव मामले पर वैज्ञानिकों की अध्ययन रिपोर्ट को 6 महीने बाद भी सार्वजनिक नहीं किया गया है.

Cracks in Joshimath
उत्तराखंड का जोशीमठ नगर

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने मांग की है कि वैज्ञानिकों के अध्ययन रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. ताकि लोगों को पता चल सके कि वे अपने घर खाली करके जहां चले गए हैं, वो सुरक्षित हैं या नहीं. सती का कहना है कि सरकार वैज्ञानिक अध्ययन रिपोर्ट को सार्वजनिक डोमेन में क्यों नहीं डाल रही है?

Cracks in Joshimath
जोशीमठ में दरारों की वजह से लोगों को छोड़ना पड़ा घर
ये भी पढ़ेंः जोशीमठ आपदा जांच रिपोर्ट की पीएमओ के प्रमुख सचिव ने की समीक्षा, 1 मंजिल निकली मकानों की भार क्षमता

बता दें कि बीते साल नवंबर महीने से जोशीमठ में दरारें नजर आने लगी थी. अभी तक जोशीमठ में 868 से ज्यादा घरों में दरारें आ चुकी हैं. इनमें से 181 घरों को जिला प्रशासन ने असुरक्षित घोषित कर दिया था. उनमें रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया. जोशीमठ में 60 परिवार अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं.
इनपुट: PTI

चमोलीः मॉनसून की बौछार के साथ ही जोशीमठ में नई दरारें पड़ने लगी है. जिससे लोगों की धड़कनें और बढ़ गई है. ताजा दरार सुनील वार्ड में आवासीय भवन और जोशीमठ औली मोटर मार्ग की रिटेनिंग दीवार के बीच पड़ा है. जिससे लोग दहशत में आ गए हैं. वहीं, दरारों ने स्थानीय लोगों और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है.

Cracks in Joshimath
जोशीमठ में घरों में पड़ी दरारें

जोशीमठ तहसीलदार रवि शाह के मुताबिक, कुछ दिन पहले सुनील वार्ड में आवासीय भवन और जोशीमठ औली मोटर मार्ग की रिटेनिंग दीवार के बीच दरार दिखाई दी थी. जिसके बाद लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की एक टीम को घटनास्थल पर जांच के लिए भेजा गया था. जब टीम मौके पर पहुंची तो पहले ही स्थानीय लोगों ने दरार को मिट्टी से भर दिया था.

Cracks in Joshimath
जोशीमठ में सड़कों पर आई थी दरार
ये भी पढ़ेंः जोशीमठ भू धंसाव के बाद मानसून बरपाएगा 'कहर'! बाशिदों को अभी से सता रही चिंता, बिगड़ सकते हैं 'हालात'

जोशीमठ तहसीलदार रवि शाह ने बताया कि जोशीमठ के हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है. जहां पर ताजा दरारें पड़ी हैं, वहां पर भी टीम नजर बनाए रखेगी. वहीं, ताजा दरार नजर आने के बाद स्थानीय लोग में डर बढ़ गया है. उनका कहना है कि मानसून के चरम में पहुंचने पर भू धंसाव और भी बढ़ सकता है. जिससे कोई अनहोनी भी हो सकती है.

Cracks in Joshimath
आवासीय घरों में दरार

वहीं, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के प्रवक्ता कमल रतूड़ी ने कहा कि सुनील वार्ड में दरारें पहले से ही थीं. अब हाल में हुई बारिश के कारण दरारें और चौड़ी होने लगी है. ताजा दरार विनोद सकलानी के घर के पास पड़ी है. यहां पर एक गड्ढा भी बना है, जो करीबन 6 फुट गहरा है. उनका ये भी कहना है कि जोशीमठ भू धंसाव मामले पर वैज्ञानिकों की अध्ययन रिपोर्ट को 6 महीने बाद भी सार्वजनिक नहीं किया गया है.

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उत्तराखंड का जोशीमठ नगर

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने मांग की है कि वैज्ञानिकों के अध्ययन रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. ताकि लोगों को पता चल सके कि वे अपने घर खाली करके जहां चले गए हैं, वो सुरक्षित हैं या नहीं. सती का कहना है कि सरकार वैज्ञानिक अध्ययन रिपोर्ट को सार्वजनिक डोमेन में क्यों नहीं डाल रही है?

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जोशीमठ में दरारों की वजह से लोगों को छोड़ना पड़ा घर
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बता दें कि बीते साल नवंबर महीने से जोशीमठ में दरारें नजर आने लगी थी. अभी तक जोशीमठ में 868 से ज्यादा घरों में दरारें आ चुकी हैं. इनमें से 181 घरों को जिला प्रशासन ने असुरक्षित घोषित कर दिया था. उनमें रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया. जोशीमठ में 60 परिवार अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं.
इनपुट: PTI

Last Updated : Jul 3, 2023, 8:24 PM IST
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