चमोलीः उत्तराखंड राज्य गठन को 19 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक राज्य को अपनी स्थायी राजधानी नहीं मिल पाई है. जबकि, सत्ता पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही बारी-बारी से राज किया है, लेकिन दोनों ही पार्टियां स्थायी राजधानी बनाने में असफल रही है. यही वजह है कि समय-समय पर गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग उठती रही है, लेकिन अभी तक कोई भी सरकार फैसला नहीं ले पाई है. वहीं, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने पर अपना पूरा समर्थन दिया है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार काफी संवेदनशील है. जिसका प्रमाण बजट सत्र का गैरसैंण में आगाज होना है. लिहाजा यह सरकार जो निर्णय लेगी, वह ऐतिहासिक निर्णय लेगी और प्रदेश हित में निर्णय लेगी. ऐसे में वो खुद सरकार के साथ खड़े हैं, संगठन जो तय करेगी वो वही करेंगे.
ये भी पढ़ेंः बजट 2020: राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष का बवाल, कहा- इससे अच्छा होता है बीडीसी का डाक्यूमेंट
साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि काफी त्याग, बलिदान और संघर्ष के बाद एक छोटा सा पहाड़ी प्रदेश मिला है. ऐसे में निश्चित ही भावनाओं की सम्मान के लिए गैरसैंण ही उत्तराखंड की स्थायी राजधानी होनी चाहिए. साथ ही बताया कि वो खुद तराई क्षेत्र से आते हैं और मैदानी क्षेत्र में रहने के बावजूद प्रदेश के लिए काफी संघर्ष किया है और पुलिस की लाठियां सहने के साथ ही जेल भी गए हैं.
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं मैदान में रहकर एक अलग प्रदेश की मांग भी की है. ऐसे में उनका व्यक्तिगत मानना है कि उत्तराखंड की राजधानी स्थायी रुप से गैरसैंण ही बनना चाहिए. जिसका मैदानी इलाके के किसी भी व्यक्ति का कोई भी विरोध नहीं है.