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बदरीनाथ धाम में गुरु पूर्णिमा के पर्व पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

बदरीनाथ धाम में स्थित तप्त कुंड में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. पवित्र तप्त कुंड में स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए.

तप्त कुंड
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Published : Nov 12, 2019, 10:01 PM IST

बदरीनाथः कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बदरीनाथ धाम में आस्था और श्रद्धा का अनोखा समागम देखने को मिला. सूर्य की पहली किरण के साथ देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालुओं ने तप्त कुंड में आस्था की डुबकी लगाई. वहीं, कई श्रद्धालुओं ने कड़ाके की ठंड में भी अलकनंदा नदी में स्नान किया.

बदरीनाथ धाम में गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक महीने में पवित्र घाटों में स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से पुण्य लाभ अर्जित होता है. इसी को देखते हुए कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर हजारों श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर पर पहुंचते हैं. जहां पर पवित्र तप्त कुंड में स्नान करने के बाद भगवान बदरी विशाल के दर्शन करते हैं.

ये भी पढे़ंः वैष्णो देवी की तर्ज पर करवाई जाएगी केदारनाथ यात्रा, मिलेंगी ये सुविधाएं

कार्तिक पूर्णिमा का सभी धर्मों में अलग-अलग महत्व है. जहां एक ओर आज सिख समुदाय के लोग कार्तिक पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में धूमधाम से मना रहे हैं. वहीं, हिंदू धर्म के लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन धामों में स्नान करने से खुद पुण्य का भागीदार बनाते हैं. माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करने से रोग, विकार कष्ठ भी दूर हो जाते हैं.

बदरीनाथः कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बदरीनाथ धाम में आस्था और श्रद्धा का अनोखा समागम देखने को मिला. सूर्य की पहली किरण के साथ देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालुओं ने तप्त कुंड में आस्था की डुबकी लगाई. वहीं, कई श्रद्धालुओं ने कड़ाके की ठंड में भी अलकनंदा नदी में स्नान किया.

बदरीनाथ धाम में गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक महीने में पवित्र घाटों में स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से पुण्य लाभ अर्जित होता है. इसी को देखते हुए कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर हजारों श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर पर पहुंचते हैं. जहां पर पवित्र तप्त कुंड में स्नान करने के बाद भगवान बदरी विशाल के दर्शन करते हैं.

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कार्तिक पूर्णिमा का सभी धर्मों में अलग-अलग महत्व है. जहां एक ओर आज सिख समुदाय के लोग कार्तिक पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में धूमधाम से मना रहे हैं. वहीं, हिंदू धर्म के लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन धामों में स्नान करने से खुद पुण्य का भागीदार बनाते हैं. माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करने से रोग, विकार कष्ठ भी दूर हो जाते हैं.

Intro:कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर आज बदरीनाथ धाम में आस्था और श्रद्धा का अनोखा समागम देखने को मिल रहा है,सूर्य की पहली किरण के साथ देश विदेशों से बदरीनाथ धाम पहुंचे श्रदालुओ ने तप्त कुंड में आस्था की डुबकी लगाई।कार्तिक पूर्णिमा के समय हजारों श्रदालू भगवान विष्णु के सर्वेश्रेष्ठ धाम बदरीनाथ धाम पहुंचते है।

नॉट -विस्वल बाईट मेल से भेजी है ।


Body:बदरीनाथ धाम में आज सुबह से ही कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर कडाके की ठंड के बीच सूर्य की पहली किरण के साथ श्रदालुओ ने तप्त कुंड में डुबकी लगाई,कई श्रदालुओ ने बदरीनाथ धाम के पास से बह रही अलकनंदा नदी में भी डुबकी लगाई।

पौराणिक मान्याताओं के अनुसार कार्तिक माह में पवित्र घाटो में स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से पुण्य लाभ अर्जित होता है।इसी को देखते हुए लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान बद्रीविशाल के दर पर पहुंचते है।और पवित्र तप्त कुंड में स्नान करने के बाद भगवान बद्रीविशाल के दर्शन करते है ।


Conclusion:कार्तिक पूर्णिमा का सभी धर्मों में अलग अलग महत्व है ,जंहा एक ओर आज सिख समुदाय के लोग कार्तिक पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में धूमधाम से मना रहे है ,वंही हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन धामो में स्नान करने से अपने आप को पुण्य अर्जित कर भाग्यशाली मानते है ,साथ ही यह भी माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा को स्नान करने से रोग ,विकार कष्ठ भी दूर हो जाते है।
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