थराली: अब पिंडर घाटी के सुदूरवर्ती गांव वाण की बिंदुली देहरादून के मालसी डियर पार्क जू में कुलांचे भरेगी. सोमवार को पूर्वी पिंडर रेंज देवाल के वन कर्मी घायल बिंदुली (हिरन की बच्ची) को यहां से देहरादून ले गए. वहां पर वन मंत्री सुबोध उनियाल की मौजूदगी में वन विभाग के अधिकारियों को सौंपा गया.
जंगल में घायल मिली थी हिरन की बच्ची: दरअसल विगत दिनों देवाल प्रखंड के लाटू धाम वाण की एक महिला धामती देवी घास लेने के लिए गांव के जंगल गई थी. धामती देवी के अनुसार वहां हिरन के बच्चे पर गुलदार ने हमला किया था. उसने शोर मचाकर गुलदार को भगाया. इसके बाद उसने हिरन के घायल बच्चे को गोद में उठाया और घर ले आई. धामती देवी ने अपने घर में ही दो दिन तक उसका प्राकृतिक रूप से इलाज करना शुरू कर दिया. साथ ही इसकी जानकारी उसने पूर्वी पिंडर रेंज देवाल के वन कर्मियों को भी दे दी.
मालसी डियर पार्क भेजी बिंदुली: महिला के उपचार से हिरन का बच्चा काफी ठीक हो गया था. इसी दौरान महिला ने प्यार से हिरन के बच्चे का नाम बिंदुली रख दिया. वन विभाग ने पशुपालन विभाग से उसका उपचार करने के बाद वन विभाग के उच्चाधिकारियों के निर्देश पर सोमवार की सुबह वन दारोगा गबर सिंह बिष्ट एवं वन आरक्षी विनोद डुंगरियाल हिरन के बच्चे को देहरादून लेकर पहुंचे. कई दिनों तक घायल हिरन के बच्चे की देखभाल करने वाली धामती देवी की ममता बिंदुली को ले जाते समय आंखों से छलक पड़ी. धामती देवी ने वन कर्मियों से बिंदुली की भली-भांति देख रेख करने की अपील की. उधर देर शाम बिंदुली को वन विभाग की टीम देहरादून लेकर पहुंच गई है.
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वन कर्मियों ने बिंदुली का किया जोरदार स्वागत: जहां पर वन मंत्री सुबोध उनियाल के साथ ही वन विभाग के उच्चाधिकारियों ने बिंदुली के साथ ही उसके साथ गए वन कर्मियों का जोरदार स्वागत किया. बिंदुली को आज स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उसे देहरादून के मालसी डियर पार्क में छोड़ जाएगा. वहीं पर हिरन की बच्ची बिंदुली अब कुलांचे भरेगी.