चमोली: पति की हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपी पत्नी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. ये फैसला चमोली जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनंजय चुतुर्वेदी की कोर्ट ने सुनाया है. कोर्ट ने दोषी महिला पर 10 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर महिला को तीन महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. इसके अलावा महिला के प्रेमी को भी कोर्ट ने दोषी माना है. उसे भी कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है.
जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) प्रकाश भंडारी और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कुलदीप बर्त्वाल ने बताया कि 20 सितंबर 2018 को दशोली ब्लॉक में निजमुला घाटी के गौणा गांव के गौर सिंह ने राजस्व उपनिरीक्षक गौणा को तहरीर दी थी. जिसमें लिखा था कि उसका छोटा भाई गुड्डू सिंह 7 सितंबर 2018 से लापता है. गुड्डू की शादी दोषी तुलसी देवी ग्राम पाणा के साथ हुई थी. गुड्डू अपनी पत्नी तुलसी के साथ उसके मायके में रहता था.
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गुड्डू सिंह के भाई गौर सिंह ने तहरीर में यह भी लिखा था कि तुलसी का गांव के ही खिलाफ सिंह के साथ नाजायज संबंध हैं और खिलाफ सिंह ने गुड्डू को जान से मारने की धमकी दी थी. शिकायत के आधार पर राजस्व उपनिरीक्षक पाणा ने गुड्डू लाल की पत्नी तुलसी देवी और खिलाफ सिंह पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की.
विवेचना अधिकारियों और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने तुलसी देवी से गहनता से पूछताछ की. पूछताछ में तुलसी देवी ने बताया कि उसने खिलाफ सिंह के साथ मिलकर गुड्डू सिंह का गला घोटकर हत्या कर दी और उसका शव रोलधार चट्टान से नीचे फेंक दिया.
दोनों आरोपियों की निशानदेही के आधार पर रोलधार तोक से गुड्डू का शव बरामद किया गया था. इस मामले में पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. विवेचना पूर्ण होने पर दोषियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 और 34 के तहत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया.
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाहों को न्यायालय में पेश किया गया था. आज गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी की अदालत ने तुलसी देवी पर दोष सिद्घ पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को मृतक गुड्डू सिंह के पुत्र सौरभ और गौरव जो कि अवयस्क हैं को धारा 357 ए सीआरपीसी के तहत प्रतिकर दिए जाने के आदेश पारित किए गए.