चमोलीः उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाल स्थिति से सभी वाकिफ हैं. सरकारी अस्पतालों के हाल पहले ही दयनीय हैं. कहीं पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं तो कहीं संसाधन का टोटा, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. जहां पहाड़ पहले से ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. वहीं, चमोली जिले में डॉक्टरों के इस्तीफा देने का सिलसिला जारी है. ऐसे में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने के आसार बढ़ने लगे हैं.
दरअसल, चमोली जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुराड़ थराली में तैनात डॉ पुनीत गौतम और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणबगड़ चोपता में तैनात डॉ शुभम मिश्रा ने जहां बीते दिनों इस्तीफा दे दिया था. वहीं, अब जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में तैनात ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. विक्रम और उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में तैनात रेडियोलॉजिस्ट डॉ. उमंग राव ने भी इस्तीफा देने की इच्छा जताई है.
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वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ. राजीव गर्ग भी कार्य पर नहीं लौटे हैं. पहाड़ पहले से ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. जबकि, लाख कोशिश के बावजूद भी सरकार डॉक्टरों की तैनाती पर्वतीय अंचलों में नहीं कर पा रही है. जिससे लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है. लिहाजा, पहले से बीमार सरकारी अस्पतालों में इसी तरह डॉक्टरों का इस्तीफा जारी रहा तो पहाड़ में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा सकती है.
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चमोली जिले में डॉक्टरों के कई पद खालीः मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसपी कुड़ियाल ने बताया कि जिले में डॉक्टरों के स्वीकृत 164 पदों के सापेक्ष 36 पद रिक्त चल रहे हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों के 64 पदों के सापेक्ष 44 पद रिक्त हैं. ऐसे में डॉक्टरों के इस्तीफा देने से स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का सुचारु लाभ देना बड़ी चुनौती बन जाएगा.