चमोलीः उत्तराखंड विधानसभा सत्र का तीसरा दिन काफी हंगामेदार रहा. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष जिला विकास प्राधिकरण के मामले को नियम 310 के तहत सुनने की मांग करने लगा. जिसके चलते प्रश्नकाल हंगामे के भेट चढ़ गया. इतना ही नहीं विपक्ष के हंगामे के चलते विधानसभा सत्र की कार्यवाही को दो बार स्थगित करना पड़ा.
प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सदन में जिला विकास प्राधिकरण में धांधली का आरोप लगाया. साथ ही कार्य स्थगन प्रस्ताव लाकर, जिला विकास प्राधिकरणों को लेकर गठित विधानसभा समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड बजट सत्र 2020: 27 मार्च तक चलेगी बजट सत्र की कार्यवाही, सदन ने दी स्वीकृति
जबकि, सदन की कार्यवाही के बाद कांग्रेस के विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में जिला विकास प्राधिकरण, भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है. ऐसे में बिना चर्चा के समिति की रिपोर्ट पर निर्णय नहीं लिया जा सकता है.
वहीं, संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष होमवर्क करके सदन में नहीं आता है. जिस मामले की विपक्ष बात कर रहा है, उसमें पहले से ही एक समिति बनी हुई हैं. जिसमें विपक्ष के नेता भी शामिल हैं. साथ ही उन्होंने विपक्ष पर सुस्त होने का आरोप भी लगाया.