चमोली: देवभूमि उत्तराखंड में बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. वहीं चमोली के घाट क्षेत्र में बादल फटने की घटना के बाद लोगों का जीवन पटरी पर नहीं आ पाया है. घाट क्षेत्र में चुफलागाड नदी के उफान पर आने से घाट बाजार स्थित चार दुकानें नदी में समा गई थीं. अभी भी करीब 10 दुकानों पर खतरा बना हुआ है. कई मकान अभी भी नदी के ऊपर हवा में झूल रहे हैं. थोड़ी सी बारिश होने पर इन मकानों का नदी में समा जाने का खतरा अभी भी बना हुआ है.
गौर हो कि सुरक्षा के लिहाज से घाट बाजार में नदी के किनारे करीब 30 दुकानों को खाली किया गया है. दुकानदारों ने रस्सी के सहारे चुफलागाड नदी में उतरकर मलबे में दबे सामान को जान जोखिम में डालकर बाहर निकाला. साथ ही खतरे को देखते हुए क्षतिग्रस्त भवनों के आगे लाल रिबन लगाकर प्रशासन के द्वारा लोगों को क्षतिग्रस्त भवनों के आसपास जाने से रोका जा रहा है.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्ष 2013 की आपदा के बाद प्रशासन से कई बार चुफलागाड नदी के किनारे सुरक्षा दीवार बनाने की गुहार लगाई गई थी, लेकिन आज तक सुरक्षा दीवार नहीं बनी. जिस कारण चुफलागाड नदी के उफान पर आने से कई दुकानों और भवनों पर अभी भी खतरा बना हुआ है.