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चमोली: घाट आंदोलनकारियों ने सीएम के इस्तीफे पर जताई खुशी, कहा- जैसी करनी वैसी भरनी

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Published : Mar 9, 2021, 10:28 PM IST

Updated : Mar 9, 2021, 10:34 PM IST

लाठीचार्ज में घायल पीड़ितों ने कहा कि महिलाओं और बुजर्गों पर लाठीचार्ज करवाने का परिणाम त्रिवेन्द्र सिंह रावत को मिला है. सीएम कोई भी बने लेकिन हमारी डेढ़ लेन सड़क की मांग को पूरी कर दें. ऐसी उम्मीद करते हैं.

पीड़ितों ने बताया लाठीचार्ज का परिणाम
पीड़ितों ने बताया लाठीचार्ज का परिणाम

चमोली: उत्तराखंड की सत्ता से त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे को कई लोग घाट आंदोलन से भी जोड़कर देख रहे हैं. साथ ही दिवालिखाल में घाट की महिलाओं पर हुए लाठीचार्ज के घटनाक्रम को भी सीएम से त्यागपत्र लिए जाने की वजह के रूप में देखा जा रहा है. वर्ष 2017 में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गोपेश्वर पुलिस मैदान से नंदप्रयाग घाट मोटरमार्ग को डेढ़ लेन सड़क चौड़ीकरण करने की घोषणा की थी. डेढ़ लेन सड़क को लेकर प्रथम चरण की वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद भी मांग पूरी न होते देख तीन महीनों से अभी तक क्षेत्र के लोग आंदोलनरत हैं.

बता दें कि नंदप्रयाग घाट सड़क को डेढ़ लेन चौड़ीकरण की मांग को लेकर 5 दिसंबर से घाट में स्थानीयों द्वारा आंदोलन शुरू किया गया था. 10 जनवरी को नंदप्रयाग से घाट तक क्षेत्रीय लोगों द्वारा 19 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाने के बाद भूख हड़ताल शुरू की गई थी. जो आज भी जारी है. आंदोलन के बीच में मांग को लेकर आंदोलनकारियों द्वारा घाट क्षेत्र में जनता रैली, तिरंगा रैली जैसी रैलियां आयोजित की गई थी, जिसमें क्षेत्र के हजारो लोग शामिल हुए थे.

पीड़ितों ने बताया लाठीचार्ज का परिणाम

ये भी पढ़ें: त्रिवेंद्र के CM पद से इस्तीफे पर हरदा का वार, कहा- नेतृत्व परिवर्तन से भी नहीं धुलेंगे BJP के पाप

डेढ़ लेन सड़क की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे गैर राजनीतिक संगठनों द्वारा गैरसैंण बजट सत्र घेराव की बात कही गई थी और 1 मार्च को हजारों लोग घाट से भराड़ीसैण के लिए विधानसभा कूच के लिए निकले थे. गैरसैंण में बीते वर्षो में आयोजित सत्रों के दौरान घेराव के लिए आये प्रदर्शनकारियों की तुलना में घाट से आये आंदोलनकारियो की अधिक भीड़ रही.

1 मार्च को दिवालिखाल में महिलाओं और बुजुर्गों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. उसके बाद प्रदेश में त्रिवेंद्र सरकार की किरकिरी हुई थी. विपक्षी दलों ने त्रिवेंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए पूरे प्रदेश में प्रदर्शन और सरकार का पुतला दहन किया था. कई राजनीति दलों के नेताओं ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार ने 1994 में मुलायम सरकार द्वारा लाठीचार्ज की घटना को दोहराया है.

लाठीचार्ज में घायल बसंती देवी, पूरण सिंह, मनोज कठैत ने कहा कि महिलाओं और बुजर्गों पर लाठीचार्ज करवाने का परिणाम त्रिवेन्द्र सिंह रावत को मिला है. सीएम कोई भी बने लेकिन हमारी डेढ़ लेन सड़क की मांग को पूरी कर दें. ऐसी उम्मीद करते हैं.

चमोली: उत्तराखंड की सत्ता से त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे को कई लोग घाट आंदोलन से भी जोड़कर देख रहे हैं. साथ ही दिवालिखाल में घाट की महिलाओं पर हुए लाठीचार्ज के घटनाक्रम को भी सीएम से त्यागपत्र लिए जाने की वजह के रूप में देखा जा रहा है. वर्ष 2017 में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गोपेश्वर पुलिस मैदान से नंदप्रयाग घाट मोटरमार्ग को डेढ़ लेन सड़क चौड़ीकरण करने की घोषणा की थी. डेढ़ लेन सड़क को लेकर प्रथम चरण की वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद भी मांग पूरी न होते देख तीन महीनों से अभी तक क्षेत्र के लोग आंदोलनरत हैं.

बता दें कि नंदप्रयाग घाट सड़क को डेढ़ लेन चौड़ीकरण की मांग को लेकर 5 दिसंबर से घाट में स्थानीयों द्वारा आंदोलन शुरू किया गया था. 10 जनवरी को नंदप्रयाग से घाट तक क्षेत्रीय लोगों द्वारा 19 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाने के बाद भूख हड़ताल शुरू की गई थी. जो आज भी जारी है. आंदोलन के बीच में मांग को लेकर आंदोलनकारियों द्वारा घाट क्षेत्र में जनता रैली, तिरंगा रैली जैसी रैलियां आयोजित की गई थी, जिसमें क्षेत्र के हजारो लोग शामिल हुए थे.

पीड़ितों ने बताया लाठीचार्ज का परिणाम

ये भी पढ़ें: त्रिवेंद्र के CM पद से इस्तीफे पर हरदा का वार, कहा- नेतृत्व परिवर्तन से भी नहीं धुलेंगे BJP के पाप

डेढ़ लेन सड़क की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे गैर राजनीतिक संगठनों द्वारा गैरसैंण बजट सत्र घेराव की बात कही गई थी और 1 मार्च को हजारों लोग घाट से भराड़ीसैण के लिए विधानसभा कूच के लिए निकले थे. गैरसैंण में बीते वर्षो में आयोजित सत्रों के दौरान घेराव के लिए आये प्रदर्शनकारियों की तुलना में घाट से आये आंदोलनकारियो की अधिक भीड़ रही.

1 मार्च को दिवालिखाल में महिलाओं और बुजुर्गों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. उसके बाद प्रदेश में त्रिवेंद्र सरकार की किरकिरी हुई थी. विपक्षी दलों ने त्रिवेंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए पूरे प्रदेश में प्रदर्शन और सरकार का पुतला दहन किया था. कई राजनीति दलों के नेताओं ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार ने 1994 में मुलायम सरकार द्वारा लाठीचार्ज की घटना को दोहराया है.

लाठीचार्ज में घायल बसंती देवी, पूरण सिंह, मनोज कठैत ने कहा कि महिलाओं और बुजर्गों पर लाठीचार्ज करवाने का परिणाम त्रिवेन्द्र सिंह रावत को मिला है. सीएम कोई भी बने लेकिन हमारी डेढ़ लेन सड़क की मांग को पूरी कर दें. ऐसी उम्मीद करते हैं.

Last Updated : Mar 9, 2021, 10:34 PM IST
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