देहरादून/चमोली: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने जोशीमठ में किए जा रहे राहत कार्यों को लेकर आज अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में जोशीमठ में किये जा रहे कामों की समीक्षा की गई. बैठक में सीएम धामी ने अधिकारियों से राहत कार्यों में तेजी लाने के साथ ही पुनर्वास के कार्यों को आगे बढ़ाने की बात कही. सीएम धामी ने अधिकारियों को जोशीमठ पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्थापन के लिए वहां के लोगों से मिलकर सुझाव लिये जाएं. जिलाधिकारी चमोली स्थानीय लोगों से सुझाव लेकर शासन को रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजें. मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र से जिन लोगों को विस्थापित किया जायेगा, उनके लिए सरकार की ओर से बेहतर व्यवस्थाएं की जायेंगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के जिन शहरों में समुचित ड्रेनेज प्लान एवं सीवर सिस्टम नहीं हैं, उनमें ड्रेनेज एवं सीवर सिस्टम के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्ययोजना बनाई जाए. शहरों को श्रेणी वार चिन्हित किया जाए.
बता दें इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. जिसमें मुख्यमंत्री धामी ने जोशीमठ भू-धंसाव (joshimath sinking) को लेकर गृहमंत्री अमित शाह को फीडबैक दिया. सीएम धामी ने जोशीमठ की मौजूदा स्थिति के बारे में भी गृहमंत्री अमित शाह से विस्तार से चर्चा की. साथ ही सीएम धामी ने बताया राज्य सरकार जोशीमठ में बचाव और राहत अभियान के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है.
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वहीं, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय जल विज्ञान (एनआईएच) की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में जोशीमठ में रिस रहा पानी और एनटीपीसी परियोजना के टनल का पानी अलग-अलग है. उन्होंने कहा कि अन्य केन्द्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट एवं एनआईएच की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पायेगी. उन्होंने कहा कि जोशीमठ के भू धंसाव प्रभावित क्षेत्र के 258 परिवारों को राहत शिविरों में ठहराया गया है. उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में पानी का डिस्चार्ज एवं सिल्ट दोनों काफी तेजी से कम हुआ है.
वहीं, जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण प्रभावित भवनों को ध्वस्त करने का सिलसिला जारी है. जोशीमठ में विभिन्न भवनों और ढांचों में खतरनाक दरारें आने के बाद क्षतिग्रस्त भवनों को गिराने का काम तेजी से किया जा रहा है. आज जोशीमठ पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस को ध्वस्त करने का काम शुरू किया गया. लोक निर्माण विभाग जोशीमठ के गेस्ट हाउस में भी बड़ी बड़ा दरारें आ गई थी. जिसको देखते हुए प्रशासन ने आपदा प्रबंधन नियमों के तहत भवन के ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया. आज लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस को तोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया है. साथ ही मारवाड़ी में जेपी कॉलोनी के कुछ भवनों को भी जल्द ध्वस्त किया जा सकता है.
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जोशीमठ अपडेट: जोशीमठ में 2,190 लोगों की क्षमता वाले कुल 615 कमरे और पीपलकोटी में 2,205 लोगों की क्षमता वाले 491 कमरों को अस्थाई राहत शिविर बनाया गया है. जिन इमारतों में दरारें आ गई हैं, उनकी संख्या बढ़कर 849 हो गई है और अब तक 250 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. सीएम धामी ने कहा कि जोशीमठ की स्थिति से घबराने की जरूरत नहीं है और देश के अन्य हिस्सों में बैठे लोग इस पर टिप्पणी न करें.