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पंचायत चुनाव: हाई कोर्ट के आदेश पर चमोली में आरक्षण की अंतरिम सूची में किया गया बदलाव - आरक्षण की अंतरिम सूची में बदलाव

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान अब छह की जगह पांच अक्तूबर को होगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने छह अक्तूबर को महाष्टमी के चलते मतदान की तारीख बदलने का फैसला किया है. बाकी दो चरणों के चुनाव पूर्वघोषित कार्यक्रम के अनुसार ही होंगे. दूसरे चरण का मतदान 11 और तीसरे चरण का 16 अक्तूबर को होना है.

चमोली
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Published : Sep 15, 2019, 3:28 AM IST

Updated : Sep 15, 2019, 7:59 AM IST

चमोली: हाई कोर्ट के आदेश पर चमोली जिले में आरक्षण की अंतरिम सूची में कुछ बदलाव किए गए है. देवाल विकासखंड के प्रमुख पद को अनुसूचित जाति से सामान्य कर दिया गया. वहीं गैरसैण विकासखंड में प्रमुख पद की सीट सामान्य की जगह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई.

उत्तराखंड में तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने हरिद्वार को छोड़कर सभी 12 जिलों के लिए आरक्षण की सूची प्रकाशित कर दी थी. निर्वाचन आयोग ने सूची जारी होने के 2 दिन बाद तक आपत्ति दर्ज करने का भी समय दिया गया था.

पढ़ें- खराब मौसम के चलते रद्द हुआ मुख्यमंत्री का चमोली दौरा, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की समीक्षा बैठक

इस दौरान देवाल विकासखंड के दर्शन सिंह दानू ने पंचायती राज अधिकारी चमोली के यहां अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी. दानू ने देवाल प्रमुख पद को मानकों और चक्रीय क्रम के अनुसार अनुसूचित जाति से हटवाकर सामान्य करने को लेकर आपत्ति दर्ज की थी. लेकिन जिलाधिकारी ने देवाल विकासखंड के प्रमुख पद की सीट यथावत रखते हुए आरक्षण की अंतरिम सूची का प्रकाशन जारी कर दिया था.

पढ़ें- सितारगंजः दिनदहाड़े बुजुर्ग महिला से लूटे लाखों के जेवरात, सीसीटीवी में कैद हुए लुटेरे

जिला निर्वाचन अधिकारी चमोली के इस फैसले और अंतरिम आरक्षण की सूची के खिलाफ दानू ने 4 सितंबर को हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने निदेशक पंचायती राज उत्तराखंड को दोबारा आपत्तियों को लेने और नियमानुसार चक्रीय क्रम में आरक्षणों पर निर्णय देने का आदेश दिया था. जिसके बाद चमोली की देवाल विकासखंड के प्रमुख पद को अनुसूचित जाति से सामान्य कर दिया गया है. जबकि चमोली के गैरसैण विकासखंड में प्रमुख पद पर सामान्य को अनुसूचित जाति कर दिया गया है.

चमोली: हाई कोर्ट के आदेश पर चमोली जिले में आरक्षण की अंतरिम सूची में कुछ बदलाव किए गए है. देवाल विकासखंड के प्रमुख पद को अनुसूचित जाति से सामान्य कर दिया गया. वहीं गैरसैण विकासखंड में प्रमुख पद की सीट सामान्य की जगह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई.

उत्तराखंड में तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने हरिद्वार को छोड़कर सभी 12 जिलों के लिए आरक्षण की सूची प्रकाशित कर दी थी. निर्वाचन आयोग ने सूची जारी होने के 2 दिन बाद तक आपत्ति दर्ज करने का भी समय दिया गया था.

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इस दौरान देवाल विकासखंड के दर्शन सिंह दानू ने पंचायती राज अधिकारी चमोली के यहां अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी. दानू ने देवाल प्रमुख पद को मानकों और चक्रीय क्रम के अनुसार अनुसूचित जाति से हटवाकर सामान्य करने को लेकर आपत्ति दर्ज की थी. लेकिन जिलाधिकारी ने देवाल विकासखंड के प्रमुख पद की सीट यथावत रखते हुए आरक्षण की अंतरिम सूची का प्रकाशन जारी कर दिया था.

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जिला निर्वाचन अधिकारी चमोली के इस फैसले और अंतरिम आरक्षण की सूची के खिलाफ दानू ने 4 सितंबर को हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने निदेशक पंचायती राज उत्तराखंड को दोबारा आपत्तियों को लेने और नियमानुसार चक्रीय क्रम में आरक्षणों पर निर्णय देने का आदेश दिया था. जिसके बाद चमोली की देवाल विकासखंड के प्रमुख पद को अनुसूचित जाति से सामान्य कर दिया गया है. जबकि चमोली के गैरसैण विकासखंड में प्रमुख पद पर सामान्य को अनुसूचित जाति कर दिया गया है.

Intro:उत्तराखंड में 5 अक्टूबर से होने वाले पंचायती चुनावो को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा जनपदों में जिलापंचायत सदस्य,क्षेत्र पंचायत सदस्य,ब्लॉक प्रमुख,प्रधान के पदों पर आरक्षण की सूची प्रकाशित कर दी गई थी। निर्वाचन आयोग के द्वारा सूची जारी करने बाद 2 दिनों तक आपत्ति दर्ज करने का भी समय दिया गया था।लोगो द्वारा दर्ज आपत्तियों की सुनवाई के बाद जनपदों में जिलाधिकारियों(ज़िला निर्वाचन अधिकारी)के द्वारा विभन्न पदों पर आरक्षण की अंतरिम सूची का प्रकाशन भी कर दिया था।निर्वाचन आयोग की आरक्षण आबंटन की प्रक्रिया से असंतुष्ट शिकायतकर्ताओ ने आरक्षण आबंटन को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था ,और हाईकोर्ट में रिट दायर की थी।उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तराखण्ड पंचायती राज निदेशक को शिकायतकर्ताओं की पुनः आपत्ति लेने और नियमानुसार चक्रीय क्रम में आरक्षण आबंटन पर निर्णय लेने के निर्देश दिए,जिस पर 12 सितम्बर को निदेशक पंचायती राज उत्तराखंड हरीश सेमवाल ने प्रत्यावेदन की सुनवाई करते हुए अंतरिम आरक्षण की सूची में परिवर्तन किया था। आदेश कॉपी की फोटो मेल से भेजी है।


Body:चमोली के देवाल विकासखंड में भी ब्लॉक प्रमुख की सीट भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी।जिस पर देवाल विकासखंड के ही दर्शन सिंह दानू नाम के युवक ने 28 अगस्त को पंचायती राज अधिकारी चमोली के कार्यलय में देवाल प्रमुख पद को मानकों और चक्रीय क्रम के अनुसार अनुसूचित जाति से हटवाकर सामान्य करने को लेकर आपत्ति दर्ज की थी।जिस पर जिलाधिकारी के द्वारा देवाल विकासखंड के प्रमुख पद की सीट को अनुसूचित जाति की ही यथावत रखते हुए आरक्षण की सूची का अंतरिम प्रकाशन जारी कर दिया था।ज़िला निर्वाचन अधिकारी चमोली के फैसले से असन्तुष्ट दानू ने 4 सितम्बर को हाईकोर्ट में निर्वाचन आयोग द्वारा आरक्षण आबंटन को रिट दायर की थी।जिस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए निदेशक पंचायती राज उत्तराखंड को पुनः आपत्तियों को लेने और नियमानुसार चक्रीय क्रम में आरक्षणो पर निर्णय देने का आदेश दिया था।जिस पर चमोली जनपद के देवाल विकासखंड के प्रमुख पद को अनुसूचित जाति से सामान्य कर दिया गया है,जबकि चमोली के गैरसैण विकासखंड में प्रमुख पद पर सामान्य को अनुसूचित जाति कर दिया गया है।


Conclusion:ब्रेकिंग।
Last Updated : Sep 15, 2019, 7:59 AM IST
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