चमोली: 7 फरवरी को ग्लेशियर फटने से चमोली में आई भीषण आपदा के बाद नीती घाटी के 12 गांव देश-दुनिया से आज भी अलग-थलग पड़े हुए हैं. यहां बीआरओ द्वारा रैणी गांव के पास ऋषिगंगा के ऊपर तेजी से वैली ब्रिज बनाने का काम जारी है. रात दिन यहां पर बीआरओ की सात से आठ मशीनें मार्ग के दोनों ओर काम में लगी हुई हैं.
रात-दिन एक कर बीआरओ द्वारा यहां पर पुल के निर्माण के लिये काम किया जा रहा है, जो अंतिम चरण में है. ताकि देश-दुनिया से अलग-थलग पड़े नीती घाटी के गांवों के लोगों को जल्दी यातायात और देश के अन्य भागों से जोड़ा जा सके.
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पुल निर्माण की देखरेख में जुटे भारतीय सेना के कर्नल बिजेंद्र सिंह सोनी ने बताया कि रैणी में दोनों तरफ वैली ब्रिज के बेस बनाने का काम जारी है, एक तरफ का बेस बनकर तैयार हो चुका है. जल्द ही वैली ब्रिज को जोड़ने का काम शुरू किया जाएगा, जिसके बाद जल्द से जल्द घाटी को देश के अन्य भागों से जोड़ा जा सकेगा.