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Badrinath Kapat Opening: बदरीनाथ कपाट खुलने की पहली प्रक्रिया शुरू, टिहरी राजमहल के लिए तेल कलश का प्रस्थान

चमोली जिले में स्थित भगवान बदरी विशाल के कपाट खुलने की पहली प्रक्रिया शुरू हो गई है. जोशीमठ में स्थित नृसिंह मंदिर से तेल कलश को लेकर प्रतिनिधियों की टीम टिहरी राजमहल के लिए रवाना हो गई है. ये टीम 25 जनवरी तक ऋषिकेश पहुंच जाएगी.

Badrinath Kapat Opening Process
टिहरी राजमहल के लिए तेल कलश का प्रस्थान
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Published : Jan 23, 2023, 6:30 PM IST

चमोली: भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलने की प्रक्रिया का शुरुआती चरण प्रारंभ हो गया है. आज विधि-विधान के साथ पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार वेद मंत्रोचार के बीच जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर से नरेंद्रनगर टिहरी राजमहल के लिए तिल के तेल कलश का प्रस्थान हो चुका है. इसे बदरीनाथ के कपाट खुलने की पहली प्रक्रिया माना जाता है.

बदरीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अधिकृत प्रतिनिधियों के रूप में शामिल टीका प्रसाद डिमरी, राजेंद्र प्रसाद डिमरी, हेमचंद्र डिमरी, मनोज डिमरी तेल कलश को निर्धारित प्रक्रिया के तहत पांडुकेश्वर, बदरीनाथ धाम के पुजारी समुदाय डिमरियों के मूल ग्राम डिम्मर होते हुए नरेंद्रनगर ला रहे हैं.
पढ़ें- Treasure of Badrinath: 40 KG सोना… 31 क्विंटल चांदी, कहीं 'पाताल' में ना समा जाए बदरी विशाल का खजाना!

जोशीमठ में इस अवसर पर बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पवार, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, मंदिर समिति के अधिकारीगण गिरीश चौहान आदि मौजूद थे. डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष विनोद डिमरी, पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, केंद्रीय पंचायत के सदस्यगण गोपी डिमरी, प्रकाश डिमरी, विपुल डिमरी व शरद डिमरी, रविग्राम पाखी पंचायत के सरपंच भोला प्रसाद डिमरी, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य भास्कर डिमरी ने संयुक्त रूप से बताया कि तेल कलश 25 जनवरी को ऋषिकेश पहुंच जाएगा.

26 जनवरी को बसंत पंचमी के धार्मिक पावन पर्व पर नरेंद्रनगर स्थित टिहरी नरेश के राज दरबार में तेल कलश पहुंचने के साथ ही भगवान बदरी विशाल के कपाट खुलने की तिथि व भगवान बदरी विशाल की यात्राकाल में अभिषेक पूजा में इस्तेमाल होने वाले तिल के तेल को पिरोने की तिथि टिहरी नरेश द्वारा घोषित की जाएगी.

डिमरी पंचायत के पदाधिकारियों ने बताया कि कपाट खुलने और तेल को पिरोने की तिथि घोषित होने के बाद तेल कलश को दो चरणों में भव्य शोभायात्रा के बीच यात्रा मार्ग से होते हुए नरेंद्र नगर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंचाया जाएगा.

चमोली: भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलने की प्रक्रिया का शुरुआती चरण प्रारंभ हो गया है. आज विधि-विधान के साथ पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार वेद मंत्रोचार के बीच जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर से नरेंद्रनगर टिहरी राजमहल के लिए तिल के तेल कलश का प्रस्थान हो चुका है. इसे बदरीनाथ के कपाट खुलने की पहली प्रक्रिया माना जाता है.

बदरीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अधिकृत प्रतिनिधियों के रूप में शामिल टीका प्रसाद डिमरी, राजेंद्र प्रसाद डिमरी, हेमचंद्र डिमरी, मनोज डिमरी तेल कलश को निर्धारित प्रक्रिया के तहत पांडुकेश्वर, बदरीनाथ धाम के पुजारी समुदाय डिमरियों के मूल ग्राम डिम्मर होते हुए नरेंद्रनगर ला रहे हैं.
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जोशीमठ में इस अवसर पर बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पवार, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, मंदिर समिति के अधिकारीगण गिरीश चौहान आदि मौजूद थे. डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष विनोद डिमरी, पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, केंद्रीय पंचायत के सदस्यगण गोपी डिमरी, प्रकाश डिमरी, विपुल डिमरी व शरद डिमरी, रविग्राम पाखी पंचायत के सरपंच भोला प्रसाद डिमरी, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य भास्कर डिमरी ने संयुक्त रूप से बताया कि तेल कलश 25 जनवरी को ऋषिकेश पहुंच जाएगा.

26 जनवरी को बसंत पंचमी के धार्मिक पावन पर्व पर नरेंद्रनगर स्थित टिहरी नरेश के राज दरबार में तेल कलश पहुंचने के साथ ही भगवान बदरी विशाल के कपाट खुलने की तिथि व भगवान बदरी विशाल की यात्राकाल में अभिषेक पूजा में इस्तेमाल होने वाले तिल के तेल को पिरोने की तिथि टिहरी नरेश द्वारा घोषित की जाएगी.

डिमरी पंचायत के पदाधिकारियों ने बताया कि कपाट खुलने और तेल को पिरोने की तिथि घोषित होने के बाद तेल कलश को दो चरणों में भव्य शोभायात्रा के बीच यात्रा मार्ग से होते हुए नरेंद्र नगर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंचाया जाएगा.

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