चमोली: प्रदेश में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. भूस्खलन के कई मार्ग बाधित हो गए हैं, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं चमोली में बीती देर रात मूसलाधार बारिश (Chamoli heavy rain) से कर्णप्रयाग से बदरीनाथ धाम तक हाईवे (Chamoli Badrinath Highway) कई स्थानों पर भूस्खलन से मलबा आने पर बाधित हो गया था. बुधवार को बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग खचड़ा नाला, पागलनाला, छिनका, पुरसाड़ी, लंगासू, उमट्टा में बाधित हो गया था. फिलहाल वाहनों की आवाजाही के लिए राजमार्ग खोल दिया गया है. जबकि पुरसाड़ी में फिलहाल छोटे वाहनों के लिए हाईवे खोला गया है.
जिलाधिकारी चमोली की ओर से बड़े वाहनो के लिए देर रात तक हाईवे सुचारु करने की बात कही जा रही है. यही नहीं, चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर पर भी इन दिनों हो रही बारिश से बड़े भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है. एक बार फिर हल्दापानी के विकासनगर मोहल्ले के निचले हिस्से से कटाव शुरू हो गया है. मोहल्ले के कई भवन भी भूस्खलन की चपेट में हैं. हालांकि, सरकार और जिला प्रशासन द्वारा पिछले साल से ही भूस्खलन जोन के स्थायी ट्रीटमेंट का आश्वासन दिया जा रहा है और हालात बेहद खराब है.
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वहीं, बारिश से ग्रामीण इलाकों के हालात भी ठीक नही हैं. चमोली जनपद के पोखरी विकासखंड से दिल दहलाने वाला एक वीडियो सामने आया है. वीडियो पोखरी विकासखंड के हापला घाटी का है, जहां गोदली में खुड़ गदेरे में पानी बढ़ने से आधा दर्जन गांवों गुडम, कुलेंडु, बढाना, सीडेली नेल का सम्पर्क टूट गया है, जिसके बाद यहां के ग्रामीण स्वयं अपने संसाधनों से जान जोखिम में डालकर पुल बनाने में जुट गए हैं. ग्रामीणों का कहना हैं कि यहां पिछले 4 वर्षों से एक स्थायी पुल बनने की कवायद चल रही है, जो आज तक बन नहीं पाया.
गौर हो कि उत्तराखंड मौसम विभाग (Uttarakhand Meteorological Department) के मुताबिक, आज भी राज्य के अनेक स्थानों में तेज बारिश हो सकती है. खासकर देहरादून, उत्तरकाशी, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की आशंका है. लिहाजा, संवेदनशील इलाकों में हल्का भूस्खलन और चट्टान गिरने के कारण कहीं-कहीं सड़कों व राजमार्गों पर अवरोध हो सकता है. ऐसे में आवाजाही करना भी जोखिम भरा हो सकता है. ऐसे में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है.