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जवानों को दिवाली की बधाई देने भारत-चीन सीमा पर पहुंचे बिपिन रावत, ग्रामीणों को दिया अनोखा IDEA - अखरोट का पौधा

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने चमोली से लगे चीन सीमा क्षेत्र मलारी गांव का दौरा करते हुए अखरोट के पौधरोपण कार्यक्रम में भाग लिया. मलारी भारत-चीन सीमा का अंतिम गांव है.

सेना प्रमुख बिपिन रावत.
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Published : Oct 24, 2019, 1:09 PM IST

Updated : Oct 24, 2019, 7:47 PM IST

चमोली: सेना प्रमुख बिपिन रावत ने दीपावली से पहले चमोली से लगे चीन सीमा क्षेत्र मलारी गांव का दौरा किया. सेना के विशेष हेलीकॉप्टर से सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर मलारी गांव पहुंचे आर्मी चीफ ने स्थानीय ग्रामीणों और सेना के जवानों के साथ अखरोट के पौधरोपण कार्यक्रम में भाग लिया. इसके साथ ही चीन सीमा क्षेत्र में सरहद से लगी सेना की चौकियों में तैनात जवानों से भी सेना प्रमुख ने भेंट की. इस मौके पर आर्मी चीफ ने सीमा से सटे गांवों से पलायन रोकने का संदेश भी दिया.

army chief bipin rawat
अखरोट पौधारोपण में हिस्सा लेते सेना प्रमुख.

भारतीय सेनाध्यक्ष रावत सुबह मलारी स्थित सेना के हेलीपैड पर उतरे. यहां पहुंचकर सबसे पहले उन्होंने भोटिया जनजाति के ग्रामीणों के साथ अखरोट के पौधे लगाये. इस दौरान उन्होंने स्वरोजगार अपनाने की ओर ध्यान देने को कहा. सेनाध्यक्ष ने कहा कि क्षेत्र के लोग अखरोट का उत्पादन कर स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ा सकते हैं. इससे रोजगार के साधन तो पनपेंगे ही साथ ही पलायन रोकने में भी मदद मिलेगी. इस दौरान नीति घाटी में संचार सुविधा की भी बात हुई, जिसपर बिपिन रावत ने कहा कि इस संबंध में उनकी सीएम से बात हुई है और वो जल्द ही इस समस्या को दूर करने का प्रयास करेंगे.

army chief bipin rawat
ग्रामीणों को शॉल बांटते सेना प्रमुख.

यह भी पढ़ेंः पलायन पर सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने जताई चिंता, शिक्षा और रोजगार पर दिया जोर

ग्रामीणों से मुलाकात के बाद सेना प्रमुख जवानों से मिले. उन्होंने सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दीं और ग्रामीणों से हरसंभव सहयोग की अपेक्षा भी की. सेना प्रमुख ने चौकियों पर तैनात जवानों संग नाश्ता भी किया और उनका मनोबल बढ़ाया. बेहतर कार्य करने वाले जवानों को मेडल भी दिये गए. इसके बाद दोपहर 12.30 पर सेना के विशेष विमान से बिपिन रावत ने देहरादून के लिए प्रस्थान किया.

army chief bipin rawat
जवानों से मुलाकात करते सेना प्रमुख.
army chief bipin rawat
सीमा क्षेत्र का दौरा करते बिपिन रावत.

गौर हो कि मलारी भारत-चीन सीमा का अंतिम गांव है. सुरक्षा की दृष्टि से सभी सीमावर्ती क्षेत्रों पर नजर रखी जा रही है. वहीं, इससे पहले सितंबर महीने में भी भारतीय सेनाध्यक्ष उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे थे. केदारनाथ व बदरीनाथ धाम के दर्शन करने के बाद थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत गंगोत्री धाम पहुंचे थे. इसके बाद बिपिन रावत पौड़ी जिले के डुंडा ब्लॉक के थाती गांव भी गये थे. यहां उनका ननिहाल है.

चमोली: सेना प्रमुख बिपिन रावत ने दीपावली से पहले चमोली से लगे चीन सीमा क्षेत्र मलारी गांव का दौरा किया. सेना के विशेष हेलीकॉप्टर से सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर मलारी गांव पहुंचे आर्मी चीफ ने स्थानीय ग्रामीणों और सेना के जवानों के साथ अखरोट के पौधरोपण कार्यक्रम में भाग लिया. इसके साथ ही चीन सीमा क्षेत्र में सरहद से लगी सेना की चौकियों में तैनात जवानों से भी सेना प्रमुख ने भेंट की. इस मौके पर आर्मी चीफ ने सीमा से सटे गांवों से पलायन रोकने का संदेश भी दिया.

army chief bipin rawat
अखरोट पौधारोपण में हिस्सा लेते सेना प्रमुख.

भारतीय सेनाध्यक्ष रावत सुबह मलारी स्थित सेना के हेलीपैड पर उतरे. यहां पहुंचकर सबसे पहले उन्होंने भोटिया जनजाति के ग्रामीणों के साथ अखरोट के पौधे लगाये. इस दौरान उन्होंने स्वरोजगार अपनाने की ओर ध्यान देने को कहा. सेनाध्यक्ष ने कहा कि क्षेत्र के लोग अखरोट का उत्पादन कर स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ा सकते हैं. इससे रोजगार के साधन तो पनपेंगे ही साथ ही पलायन रोकने में भी मदद मिलेगी. इस दौरान नीति घाटी में संचार सुविधा की भी बात हुई, जिसपर बिपिन रावत ने कहा कि इस संबंध में उनकी सीएम से बात हुई है और वो जल्द ही इस समस्या को दूर करने का प्रयास करेंगे.

army chief bipin rawat
ग्रामीणों को शॉल बांटते सेना प्रमुख.

यह भी पढ़ेंः पलायन पर सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने जताई चिंता, शिक्षा और रोजगार पर दिया जोर

ग्रामीणों से मुलाकात के बाद सेना प्रमुख जवानों से मिले. उन्होंने सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दीं और ग्रामीणों से हरसंभव सहयोग की अपेक्षा भी की. सेना प्रमुख ने चौकियों पर तैनात जवानों संग नाश्ता भी किया और उनका मनोबल बढ़ाया. बेहतर कार्य करने वाले जवानों को मेडल भी दिये गए. इसके बाद दोपहर 12.30 पर सेना के विशेष विमान से बिपिन रावत ने देहरादून के लिए प्रस्थान किया.

army chief bipin rawat
जवानों से मुलाकात करते सेना प्रमुख.
army chief bipin rawat
सीमा क्षेत्र का दौरा करते बिपिन रावत.

गौर हो कि मलारी भारत-चीन सीमा का अंतिम गांव है. सुरक्षा की दृष्टि से सभी सीमावर्ती क्षेत्रों पर नजर रखी जा रही है. वहीं, इससे पहले सितंबर महीने में भी भारतीय सेनाध्यक्ष उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे थे. केदारनाथ व बदरीनाथ धाम के दर्शन करने के बाद थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत गंगोत्री धाम पहुंचे थे. इसके बाद बिपिन रावत पौड़ी जिले के डुंडा ब्लॉक के थाती गांव भी गये थे. यहां उनका ननिहाल है.

Intro:भारतीय सेना प्रमुख विपिन रावत आज सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर सेना के विशेष हेलीकाप्टर से भारत चीन सीमा पर स्थित चमोली जनपद के मलारी गांव पहुंचे।जंहा पहुंचने पर ग्रामीणों और सेना के अधिकारियों के द्वारा सेना प्रमुख का जोरदार स्वागत किया गया।उनके द्वारा मलारी गांव में ग्रामीणों के साथ मिलकर पौधरोपण और ग्रामीणों को अखरोट की पौधे भी वितरित की गई।इस दौरान उन्होंने भारत चीन सीमा पर तैनात जवानो के साथ भी मुलाकात की ,जिसके बाद वे 12 बजकर 30 मिनट पर सेना के हेलीकॉप्टर से वापस देहरादून के लिए लौट गए।

मलारी में नेटवर्क न होने के कारण फोटो और वीडियो देर से पहुंच पाएंगे।


Body:ब्रेकिंग


Conclusion:ब्रेकिंग
Last Updated : Oct 24, 2019, 7:47 PM IST
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