चमोली: बाल दिवस के मौके पर 69वें राज्यस्तरीय गौचर मेले शुरू होने जा रहा है. ऐसे में स्थानीय प्रशासन इस मेले की तैयारियों को अंतिम रूप देने जुटा है. वहीं, 14 नवंबर को मुख्यमंत्री इस ऐतिहासिक गौचर मेले का शुभारंभ करेंगे. जिसे लेकर पुलिस ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हुए हैं.
बता दें कि गौचर मेले की शुरुवात 1943 में भारत और तिब्बत के साझे व्यापार को लेकर हुई थी. उस दौरान तिब्बत के व्यापारी अपने सामानों को बेचने के लिए नंदादेवी दर्रे को पार कर गौचर पहुंचते थे और भारत में बनी हुई वस्तुओं को खरीदकर तिब्बत ले जाते थे. साल 1962 में भारत- चीन के दौरान कुछ समय के लिए गौचर मेला बंद रहा. जहां सुरक्षा के लिहाज से नंदादेवी दर्रे से आवाजाही पर दोनों ही देशों की सरकारों ने रोक लगा दी.
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वहीं, इस मेले की तैयारियों को लेकर डीएम स्वाति भदौरिया का कहना है कि मेले को आकर्षक बनाने के लिए अलकनंदा नदी में रिवर राफ्टिंग, गौचर हवाई पट्टी पर एयर बलून से एयर सफारी, सहित बॉलीवुड और स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया जाएगा. साथ ही इस मेले में मनोरंजन को लेकर झूले और एक हजार से अधिक दुकानें और स्टॉल लगाये गए हैं.