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12वीं टॉपर शताक्षी ने कहा- कड़ी मेहनत से ही सफलता संभव, पर इस सफलता से नहीं हैं संतुष्ट

उत्तरखंड में 12वीं की परीक्षा में शताक्षी तिवारी ने राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. शताक्षी ने इस संबंध में Etv भारत से अपने अनुभव साझा किए.

उत्तरखंड में 12वीं की परीक्षा में शताक्षी तिवारी ने राज्य में अव्वल रहीं.
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Published : May 30, 2019, 6:06 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में 12वीं के परिणाम घोषित हो गए हैं. इस बार उत्तरकाशी जिले के सरस्वती विद्या मंदिर चिन्यालीसौड़ में पढ़ने वाली शताक्षी तिवारी ने राज्य में टॉप किया है. इस सफलता के बाद Etv भारत ने उससे खास बातचीत की. शताक्षी ने बताया कि किस तरह से यह सफलता हासिल की. हालांकि इस सफलता से वह संतुष्ट नहीं है. वह सभी विषयों में शत प्रतिशत अंक लाना चाहती थीं.

उसका मानना है कि गणित जैसे कठिन सब्जेक्ट को भी उनके शिक्षक नरेंद्र खंडूरी जिस तरह हंसी मजाक के साथ पढ़ाते हैं उससे कहीं ना कहीं छात्रों को पढ़ने में भी आनंद आता है और शिक्षकों की मेहनत ही है जिस कारण उन्होंने 12वीं कक्षा में उत्तराखंड में टॉप किया है.

शताक्षी तिवारी की मां कंडीसौड़ के सीएचसी में कार्यरत हैं, उनके पिता इंजीनियर हैं और दिल्ली में रहते हैं. शताक्षी ने बताया कि कड़ी मेहनत और रेगुलर पढ़ाई की बदौलत उन्होंने बेहतर मार्क्स लाए हैं, हालांकि वह इस मार्क्स से भी संतुष्ट नहीं है. क्योंकि वह सभी विषयों में 100 प्रतिशत नंबर लाना चाहती थीं.

यह भी पढ़ेंः UTTARAKHAND BOARD: इस बार भी लड़कियों का रहा दबदबा, 10वीं और 12वीं में मारी बाजी

शताक्षी ने बताया कि उनके शिक्षक हंसी मजाक में ही गणित और फिजिक्स जैसे विषयों को बेहद आसानी से समझा देते और इसका उन्हें परीक्षा के दौरान फायदा हुआ.

शताक्षी ने यह भी कहा कि छात्रों को वह बताना चाहती हैं कि केवल सपनों से कुछ नहीं होता उसे हकीकत में लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, उसके बाद ही आपको मुकाम हासिल हो सकता है.

देहरादूनः उत्तराखंड में 12वीं के परिणाम घोषित हो गए हैं. इस बार उत्तरकाशी जिले के सरस्वती विद्या मंदिर चिन्यालीसौड़ में पढ़ने वाली शताक्षी तिवारी ने राज्य में टॉप किया है. इस सफलता के बाद Etv भारत ने उससे खास बातचीत की. शताक्षी ने बताया कि किस तरह से यह सफलता हासिल की. हालांकि इस सफलता से वह संतुष्ट नहीं है. वह सभी विषयों में शत प्रतिशत अंक लाना चाहती थीं.

उसका मानना है कि गणित जैसे कठिन सब्जेक्ट को भी उनके शिक्षक नरेंद्र खंडूरी जिस तरह हंसी मजाक के साथ पढ़ाते हैं उससे कहीं ना कहीं छात्रों को पढ़ने में भी आनंद आता है और शिक्षकों की मेहनत ही है जिस कारण उन्होंने 12वीं कक्षा में उत्तराखंड में टॉप किया है.

शताक्षी तिवारी की मां कंडीसौड़ के सीएचसी में कार्यरत हैं, उनके पिता इंजीनियर हैं और दिल्ली में रहते हैं. शताक्षी ने बताया कि कड़ी मेहनत और रेगुलर पढ़ाई की बदौलत उन्होंने बेहतर मार्क्स लाए हैं, हालांकि वह इस मार्क्स से भी संतुष्ट नहीं है. क्योंकि वह सभी विषयों में 100 प्रतिशत नंबर लाना चाहती थीं.

यह भी पढ़ेंः UTTARAKHAND BOARD: इस बार भी लड़कियों का रहा दबदबा, 10वीं और 12वीं में मारी बाजी

शताक्षी ने बताया कि उनके शिक्षक हंसी मजाक में ही गणित और फिजिक्स जैसे विषयों को बेहद आसानी से समझा देते और इसका उन्हें परीक्षा के दौरान फायदा हुआ.

शताक्षी ने यह भी कहा कि छात्रों को वह बताना चाहती हैं कि केवल सपनों से कुछ नहीं होता उसे हकीकत में लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, उसके बाद ही आपको मुकाम हासिल हो सकता है.

Intro:फीड ftp पर भेजी है।....फोल्डर नाम-uk_ddn_tt with 12th topper satakshi tiwari_vis_tt_7206766

उत्तराखंड में 12वीं कक्षा में टॉप करने वाली शताक्षी तिवारी उत्तरकाशी जिले के सरस्वती विद्या मंदिर चिन्यालीसौड़ में पढ़ती हैं, उनका मानना है कि गणित जैसे कठिन सब्जेक्ट को भी उनके शिक्षक नरेंद्र खंडूरी जिस तरह हंसी मजाक के साथ पढ़ाते हैं उससे कहीं ना कहीं छात्रों को पढ़ने में भी आनंद आता है। और शिक्षकों की मेहनत ही है जिस कारण उन्होंने 12वीं कक्षा में मेहनत कर उत्तराखंड को टॉप किया है।


Body:उत्तराखंड का पहाड़ी जिला उत्तरकाशी यू तो शिक्षा संसाधनों के लिए आपसे बेहद पिछड़ा माना जाता है लेकिन परिणाम बताते हैं कि सरस्वती विद्या मंदिर चिन्यालीसौड़ ने कैसे शिक्षक छात्रों को बेहतर शिक्षा देकर उनको इस तरह निखारते हैं कि वह पूरे प्रदेश में टॉप कर अपने भविष्य को बना सकें। शताक्षी तिवारी की मा कंडीसौड़ के सीएचसी में कार्यरत है तो उनके पिता इंजीनियर है और दिल्ली में रहते हैं। शताक्षी ने बताया कि कड़ी मेहनत और रेगुलर पढ़ाई की बदौलत उन्होंने बेहतर मार्क्स लाए हैं हालांकि वह इस मार्क्स से भी संतुष्ट नहीं है क्योंकि वह हंड्रेड प्रतिशत नंबर लाकर सभी विषयों में पूरे अंक लाना चाहती थी।

शताक्षी ने बताया कि उनके शिक्षक हंसी मजाक में ही गणित और फिजिक्स जैसे विषयों को बेहद आसानी से समझा देते और इसका उन्हें परीक्षा के दौरान फायदा हुआ। शताक्षी ने यह भी कहा कि छात्रों को वह बताना चाहती हैं कि केवल सपनों से कुछ नहीं होता उसे हकीकत में लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है उसके बाद ही आपको मुकाम हासिल हो सकता है।


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