ETV Bharat / state

नैनीताल में प्रचार कर रहे थे अजय भट्ट, भाजपा कार्यालय से हटा दी गई उनकी नेम प्लेट

अभी बीजेपी के नये कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के कुछ ही घंटे बीते थे कि पार्टी प्रदेश कार्यालय से अजय भट्ट के नेम प्लेट हटा दी गई. जब इस बारे में पूछा गया तो कहा कि टेंट की रस्सियां बांधने में नेम प्लेट टूट गयी. जिसके बाद आनन-फानन में अजय भट्ट की नेम प्लेट वापस भी लगा दी गई.

नेम प्लेट हटाने पर तेज हुई सियासत.
author img

By

Published : Mar 30, 2019, 9:40 AM IST

Updated : Mar 30, 2019, 11:00 AM IST

देहरादून: राजनीति में सत्ता और सियासत के समीकरणों का खेल कब क्या करा दे कोई नहीं जानता. कुछ ऐसे ही हालात इन दिनों राजधानी देहरादून में देखने को मिल रहे हैं. जहां पार्टी ने नैनीताल सीट से बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी अजय भट्ट के स्थान पर अतिरिक्त प्रभारी नरेश बसंल को सौंपा है लेकिन अभी बंसल की तैनाती को कुछ घंटे भी नहीं बीते थे कि भाजपा प्रदेश कार्यालय से तमाम चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आये लगी. जोकि अपने आप में बहुत से सवाल खड़े करती हैं.

नेम प्लेट हटाने पर तेज हुई सियासत.


हर चुनाव में पार्टी को शिखर तक पहुंचा कर खुद सत्ता सुख से दूर रहने वाले अजय भट्ट के साथ ये विडंबना नहीं तो और क्या है कि एक ओर तो वे नैनीताल सीट जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, दूसरी ओर पार्टी में उनके ही खिलाफ कुछ ऐसा हो रहा है जिससे पार्टी के लोग खुद ही असहज महसूस कर रहें हैं. दरअसल पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जगह नरेश बंसल को कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. लेकिन अभी उनकी नियुक्ति के कुछ ही घंटे बीते थे कि पार्टी प्रदेश कार्यालय से अजय भट्ट की नेम प्लेट हटा दी गई. जब इस बारे में पूछा गया तो कहा कि टेंट की रस्सियां बांधने में नेम प्लेट टूट गयी. जिसके बाद आनन-फानन में अजय भट्ट की नेम प्लेट वापस भी लगा दी गई.


प्रदेश कार्यालय में हुई घटना के बाद बीजेपी की ओर से जो तर्क दिया जा रहा है वो किसी के गले नहीं उतर रहा है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर क्यों पहले अजय भट्ट के नाम की प्लेट हटाई गई? और अगर किसी वजह से प्लेट हट गई थी तो मीडिया में चर्चा आने के बाद रातों-रात इसे क्यों वापस लगा दिया गया.

देहरादून: राजनीति में सत्ता और सियासत के समीकरणों का खेल कब क्या करा दे कोई नहीं जानता. कुछ ऐसे ही हालात इन दिनों राजधानी देहरादून में देखने को मिल रहे हैं. जहां पार्टी ने नैनीताल सीट से बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी अजय भट्ट के स्थान पर अतिरिक्त प्रभारी नरेश बसंल को सौंपा है लेकिन अभी बंसल की तैनाती को कुछ घंटे भी नहीं बीते थे कि भाजपा प्रदेश कार्यालय से तमाम चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आये लगी. जोकि अपने आप में बहुत से सवाल खड़े करती हैं.

नेम प्लेट हटाने पर तेज हुई सियासत.


हर चुनाव में पार्टी को शिखर तक पहुंचा कर खुद सत्ता सुख से दूर रहने वाले अजय भट्ट के साथ ये विडंबना नहीं तो और क्या है कि एक ओर तो वे नैनीताल सीट जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, दूसरी ओर पार्टी में उनके ही खिलाफ कुछ ऐसा हो रहा है जिससे पार्टी के लोग खुद ही असहज महसूस कर रहें हैं. दरअसल पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जगह नरेश बंसल को कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. लेकिन अभी उनकी नियुक्ति के कुछ ही घंटे बीते थे कि पार्टी प्रदेश कार्यालय से अजय भट्ट की नेम प्लेट हटा दी गई. जब इस बारे में पूछा गया तो कहा कि टेंट की रस्सियां बांधने में नेम प्लेट टूट गयी. जिसके बाद आनन-फानन में अजय भट्ट की नेम प्लेट वापस भी लगा दी गई.


प्रदेश कार्यालय में हुई घटना के बाद बीजेपी की ओर से जो तर्क दिया जा रहा है वो किसी के गले नहीं उतर रहा है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर क्यों पहले अजय भट्ट के नाम की प्लेट हटाई गई? और अगर किसी वजह से प्लेट हट गई थी तो मीडिया में चर्चा आने के बाद रातों-रात इसे क्यों वापस लगा दिया गया.

Intro:Note- फीड Mail से भेजी गई है। कृपया मेल से उठाएं।

एंकर- इस वक्त भले ही सबका ध्यान लोकसभा चुनावों पर केंद्रित है लेकिन ऐसे में कौन सी कुर्सी कहां है और किस हालात में है इस पर भी ध्यान पूरा है। ऐसा ही कुछ वाकिया नजर आया देहरादून में मौजूद बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में जहां नैनीताल सीट से चुनाव लड़ रहे प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के अतिरिक्त भार को कम करते पार्टी ने कार्यवाहक अध्यक्ष तैनात किया तो अभी कुछ घण्टे भी नही बीते थे कि प्रेदश मुख्यालय से तमाम चोंकाने वाली तस्वीरें सामने आने लगी और तस्वीरें ऐसी की जो विशुद्ध रूप से कुर्सी के खेल से जुड़ी हैं।


Body:हर चुनाव में पार्टी को शिखर तक पहुंचा कर खुद सत्ता सुख से दूर रहने वाले अजय भट्ट के साथ ये विडंबना नही तो क्या है। उधर वो रात दिन एक कर नैनीताल सीट से एड़ी चोटी का दम लगा कर अपने साथ जुड़े मिथक को मिटाने में लगे हैं तो इधर ऐसा लग रहा है जैसे कोई उन्हें पूरा ही साफ करने की फिराक में लगा है। दरअसल अभी प्रदेश अध्यक्ष के कंधों को पार्टी ने थोड़ा हल्का कर कार्यवाहक प्रेदश अध्यक्ष नियुक्त किया था लेकिन अभी कुछ ही घंटे बीते थे कि उनकी नेम प्लेट उनके कार्यलय से हट गई और तर्क दिया गया कि टेंट की रस्सियां बांधने से नेमप्लेट टूट गयी लेकिन फिर जब चर्चा हुई तो आनन फानन में नेम प्लेट वापिस लगा दी गयी।

शुक्रवार को भजपा कार्यलय में कुछ ऐसा हुआ कि जो दिन तक तो तर्कसंगत माना भी जा सकता था लेकिन शाम होते होते भजपा मुख्यालय में हुई हरकतों से साजिश की बू आने लगी। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों पहले नेम प्लेट हटाई गई और अगर किसी वजह से प्लेट हट गई थी तो मीडिया में चर्चा आने के बाद रातों रात क्यों प्लेट वापिस लगाई गई। वजह चाहे जो लेकिन इस बात से इनकार नही किया जा सकता है कि खेल कुर्सी का है तो कुछ भी होना मुमकिन है।



Conclusion:
Last Updated : Mar 30, 2019, 11:00 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.