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उत्तराखंडः पर्यावरण विभाग का बड़ा फैसला,  अब इन कामों के लिए भी देना होगा टैक्स

पर्यावरण विभाग ने कूड़ा निस्तारण को लेकर बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत उत्तराखंड में वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सभी लोगों से टैक्स लिया जाएगा. यह टैक्स उत्तराखंड में ठहरने वाले यात्रियों पर होटल और धर्मशालाओं द्वारा लगाया जाएगा.

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Published : Jul 1, 2019, 11:04 PM IST

पर्यावरण विभाग का बड़ा फैसला.

देहरादून: उत्तराखंड में शादी से लेकर भंडारा कराने वालों को अब टैक्स देना होगा. कूड़ा प्रबंधन के नाम से लिया जाने वाला यह टैक्स शादी के कार्यक्रमों, भंडारे के आयोजनों समेत उत्तराखंड में यात्रियों के रुकने को भी महंगा कर देगा. यही नहीं राज्य में काम कर रही बड़ी कंपनियों को भी अब निकायों की कूड़ा निस्तारण की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी. साथ ही प्रदेश में आने वाले यात्रियों को भी कूड़ा निस्तारण के लिए टैक्स देना होगा. सोमवार को पर्यावरण विभाग ने नगर निकायों के साथ मिलकर ये फैसला लिया है.

पर्यावरण विभाग का बड़ा फैसला.

हाल में ही पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने प्लास्टिक के बुके देने पर अधिकारियों की फटकार लगाई थी. जिसके बाद सोमवार को पर्यावरण विभाग ने कूड़ा निस्तारण को लेकर बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत उत्तराखंड में वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सभी लोगों से टैक्स लिया जाएगा. यह टैक्स उत्तराखंड में ठहरने वाले यात्रियों पर होटल और धर्मशालाओं द्वारा लगाया जाएगा. वहीं शादी समारोह करने पर वेडिंग प्वाइंट द्वारा इस टैक्स की वसूली की जाएगी. जबकि भंडारे के आयोजनों और प्याऊ लगाने पर नगर निकाय सीधे तौर पर आयोजनकर्ताओं से टैक्स वसूलेगा.

उत्तराखंड में वेस्ट मैनेजमेंट के नाम पर लगाए गए इस नए टैक्स का मकसद कूड़ा निस्तारण के क्षेत्र में बेहतर काम करना है. इसके तहत नगर निकाय होटलों धर्मशालाओं और वेडिंग प्वाइंट समेत भंडारा आयोजकों से वेस्ट मैनेजमेंट के तहत टैक्स वसूली करेगा. इस वसूली के जरिए कूड़ा प्रबंधन पर पैसा खर्च किया जाएगा.

इस नये टैक्स की खास बात यह है कि उत्तराखंड में मौजूद बड़ी कंपनियों को भी अब निकायों की जिम्मेदारी लेनी होगी. पर्यावरण विभाग ने फैसला लिया है कि संबंधित कंपनी द्वारा जितना प्लास्टिक राज्य में उत्पादों के साथ लाया जाएगा उतने ही प्लास्टिक के कूड़े के निस्तारण की जिम्मेदारी निकायों में कंपनी को दी जाएगी. यही नहीं नगर निकायों द्वारा इस निर्णय पर हीलाहवाली करने पर मुकदमे भी दर्ज किए जाएंगे.

देहरादून: उत्तराखंड में शादी से लेकर भंडारा कराने वालों को अब टैक्स देना होगा. कूड़ा प्रबंधन के नाम से लिया जाने वाला यह टैक्स शादी के कार्यक्रमों, भंडारे के आयोजनों समेत उत्तराखंड में यात्रियों के रुकने को भी महंगा कर देगा. यही नहीं राज्य में काम कर रही बड़ी कंपनियों को भी अब निकायों की कूड़ा निस्तारण की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी. साथ ही प्रदेश में आने वाले यात्रियों को भी कूड़ा निस्तारण के लिए टैक्स देना होगा. सोमवार को पर्यावरण विभाग ने नगर निकायों के साथ मिलकर ये फैसला लिया है.

पर्यावरण विभाग का बड़ा फैसला.

हाल में ही पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने प्लास्टिक के बुके देने पर अधिकारियों की फटकार लगाई थी. जिसके बाद सोमवार को पर्यावरण विभाग ने कूड़ा निस्तारण को लेकर बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत उत्तराखंड में वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सभी लोगों से टैक्स लिया जाएगा. यह टैक्स उत्तराखंड में ठहरने वाले यात्रियों पर होटल और धर्मशालाओं द्वारा लगाया जाएगा. वहीं शादी समारोह करने पर वेडिंग प्वाइंट द्वारा इस टैक्स की वसूली की जाएगी. जबकि भंडारे के आयोजनों और प्याऊ लगाने पर नगर निकाय सीधे तौर पर आयोजनकर्ताओं से टैक्स वसूलेगा.

उत्तराखंड में वेस्ट मैनेजमेंट के नाम पर लगाए गए इस नए टैक्स का मकसद कूड़ा निस्तारण के क्षेत्र में बेहतर काम करना है. इसके तहत नगर निकाय होटलों धर्मशालाओं और वेडिंग प्वाइंट समेत भंडारा आयोजकों से वेस्ट मैनेजमेंट के तहत टैक्स वसूली करेगा. इस वसूली के जरिए कूड़ा प्रबंधन पर पैसा खर्च किया जाएगा.

इस नये टैक्स की खास बात यह है कि उत्तराखंड में मौजूद बड़ी कंपनियों को भी अब निकायों की जिम्मेदारी लेनी होगी. पर्यावरण विभाग ने फैसला लिया है कि संबंधित कंपनी द्वारा जितना प्लास्टिक राज्य में उत्पादों के साथ लाया जाएगा उतने ही प्लास्टिक के कूड़े के निस्तारण की जिम्मेदारी निकायों में कंपनी को दी जाएगी. यही नहीं नगर निकायों द्वारा इस निर्णय पर हीलाहवाली करने पर मुकदमे भी दर्ज किए जाएंगे.

Intro:summary- उत्तराखंड में शादी से लेकर भंडारा कराने तक पर लोगों को टैक्स देना होगा... कूड़ा प्रबंधन के नाम से लिया जाने वाला यह टेक्स शादी के कार्यक्रमों, भंडारे के आयोजनों समेत यात्रियों के उत्तराखंड रुकने को भी महंगा कर देगा। यही नहीं राज्य में काम कर रही बड़ी कंपनियों को अब निकायों की कूड़ा निस्तारण की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी।


उत्तराखंड में आने वाली यात्रियों को अब कूड़ा निस्तारण के लिए टैक्स देना होगा यही नहीं प्रदेशवासियों को भी शादी समारोह और भंडारे के आयोजनों समेत पियाऊ लगाने के लिए भी ज्यादा पैसा खर्च करना होगा। इस सिलसिले में पर्यावरण विभाग ने आज नगर निकाय के साथ मिलकर अंतिम फैसला ले लिया है।



Body:एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.....
पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा हाल ही में प्लास्टिक के बुके देने पर अधिकारियों की फटकार लगाने के बाद आज पर्यावरण विभाग द्वारा कूड़ा निस्तारण को लेकर आज एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत उत्तराखंड में वेस्ट मैनेजमेंट के लिए लोगों से टैक्स लिया जाएगा। यह टेक्स उत्तराखंड में ठहरने वाले यात्रियों पर होटल और धर्मशालाएं द्वारा लगाया जाएगा वही शादी समारोह करने पर वेडिंग प्वाइंट द्वारा इस टैक्स की वसूली की जाएगी। जबकि भंडारे के आयोजनों और पियाऊ लगाने पर नगर निकाय सीधे तौर पर आयोजन कर्ताओं से टैक्स की वसूली करेगा। उत्तराखंड में वेस्ट मैनेजमेंट के नाम पर लगाए गए इस नए टैक्स का मकसद कूड़ा निस्तारण के क्षेत्र में बेहतर काम करना है। दर्शन नगर निकाय होटलों धर्मशाला और वेडिंग पॉइंट समेत भंडारे आयोजकों से वेस्ट मैनेजमेंट के तहत टैक्स वसूली करेगा और इस वसूली के जरिए कूड़ा प्रबंधन पर पैसा खर्च किया जाएगा

बाइट हरक सिंह रावत पर्यावरण मंत्री उत्तराखंड सरकार

खास बात यह है कि उत्तराखंड में मौजूद बड़ी कंपनियों को भी अब निकायों की जिम्मेदारी लेनी होगी पर्यावरण विभाग ने यह फैसला किया है कि संबंधित कंपनी द्वारा जितना प्लास्टिक राज्य में उत्पादों के साथ लाया जाएगा उतने ही प्लास्टिक के कूड़ा निस्तारण की जिम्मेदारी निकायों में कंपनी को दी जाएगी यही नहीं नगर निकायों द्वारा इस निर्णय पर हीला हवाली करने पर मुकदमे भी दर्ज किए जाएंगे।

बाइट हरक सिंह रावत पर्यावरण मंत्री उत्तराखंड सरकार


Conclusion:उत्तराखंड में यह टेक्स अब आप लोगों की जेब पर भारी पड़ता हुआ दिखाई देगा तमाम शादी समारोह महंगे होंगे तो भंडारे के आयोजन भी खर्ची रहे हो जाएंगे यही नहीं यात्रियों को भी उत्तराखंड में ठहरना महंगा पड़ेगा लेकिन इस सबके बावजूद राज्य में स्वच्छता को लेकर इस कदम को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

पीटीसी नवीन उनियाल देहरादून
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